Editorial On Loksabha Election-क्या इन नतीजों से बदलेगा भारत की राजनीति का भविष्य

देश के आम चुनाव के नतीजो ने आने वाले भारत की दिशा और दशा को भी तय कर दिया है, जानियें क्या है इन नतीजों के मायने.

Editorial On LokSabha Election

नयी दिल्ली (समयधारा) : देश भर में 4 जून 2024 को आम चुनाव यानी लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आ गए l

इन नतीजों  ने आने वाले भारत की दिशा और दशा को भी तय कर दिया l

पक्ष-विपक्ष सहित भारत के कई बिज़नेस घरानों की साख का भी यह चुनाव था l 

अडानी-अंबानी-टाटा-बिड़ला सहित देश के जाने माने उद्योग घरानों व नयी स्टार्टअप कंपनियों के भविष्य को भी सी चुनाव के नतीजों ने प्रभावित किया l

LokSabha Election 2024 Result: NDA-291, I.N.D.I.A.-232, OTH-20, मोदी फिर बनेंगें PM 

आज का यह संपादकीय इन सभी मुद्दों सहित देश भर में इन चुनाव नतीजों के क्या दूरगामी प्रभाव होंगे इस के बारे में विस्तार से आपको बताएँगेl

वही कई विश्लेषकों के चुनावी विश्लेषण का भी इस आलेख में उल्लेख होगा l  चुनावी विश्लेषक हो या आम विश्लेषक या फिर बिज़नेस विश्लेषक सब कुछ होगा l    

पहले जान लेते है क्या आये चुनावी परिणाम 

18वीं लोकसभा चुनाव में इस बार भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दल को करीब 290 सीटें मिली l

कांग्रेस सहित उसके इंडिया गठबंधन को 238 सीटें मिली l वही अन्य पार्टियों को 15 सीटें मिली l

Election Breaking-नरेंद्र मोदी तीसरी बार बनेगे देश के PM, NDA की बनेगी सरकार (2.01pm)

यानी बीजेपी जो पिछले 10 सालों से देश भर में पूर्ण बहुमत के साथ सिंगल लार्जेस्ट पार्टी बनकर सत्ता पर काबिज थीl

अब वह मात्र 241 सीटों पर सिमट गयी l यानी अब वह सत्ता पर तो काबिज रहेगी पर उसका उतना जोर नहीं रहेगा जितना जोर पिछले 10 सालों में था l

विपक्ष यानी कांगेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना उद्धव गुट, DMK ने इस चुनाव में जोरदार वापसी की l इसका नतीजा विपक्ष काफी मजबूत हुआ l

अब इस चुनाव के परिणाम से भारत देश की दशा और दशा में काफी बड़ा बदलाव होगा l

सुविचार-Success का नियम, 1 फीसदी आपका टैलेंट

Editorial On Loksabha Election

पहले बात कर लेते है शेयर बाजार की l

शेयर बाजार में एग्जिट पोल के नतीजों के चलते सोमवार यानी असली नतीजों के एक दिन पहले जोरदार तेजी दर्ज की गयी l 

पर जैसे ही 4 जून को नतीजे आने लगे शेयर बाजार ने जोरदार गिरावट दर्ज की गयी यह एक दिन की सबसे बड़ी गिरावटों में से एक हो गयी l

कोविड के बाद यह शेयर बाजार की सबसे बड़ी गिरावट रही l देश भर में निवेशकों के बीच भय का माहौल बन गयाl

सतारूढ़ बीजेपी की सत्ता में कमजोर वापसी को मार्केट पचा नहीं पाया l  आगे बाजार के और नीचे जाने की संभावना बनी हुई है l

तो इन नतीजों ने देश में एक मजबूत विपक्ष के साथ-साथ एक संभल कर सत्ता चलाने वाले गठबंधन की सरकार को जनादेश दिया है l 

यानी अब सत्तारूढ़ बीजेपी अपनी मनमानी या यूँ कहें की उसे जो भी निर्णय लेने होंगे उसमे सहयोगी दलों की रजामंदी की भी जरूरत होगी l

शेयर बाजार में बड़ी गिरावट सेंसेक्स 4700 अंक नीचे वही निफ्टी में 1500 अंक की भारी गिरावट

चाहे वो चिराग पासवान जैसा छोटा सा दल हो या फिर TDP और JDU जैसे सहयोगी दल l

इनकी उसे परवाह करनी होगी l  इनकी बातों को नजरंदाज करके वह सत्ता नहीं चला सकती l 

अब बात करते है देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की l कहते है सत्ता की चाभी इसी राज्य से होकर गुजरती है l

यूपी में बीजेपी को जोरदार झटका लगा l कहाँ सभी लोग मीडिया हो या आमजन बीजेपी को पूरी 80 सीटें या कम से कम 65-70 सीटें की बाते कर रहे थे l

Editorial On Loksabha Election

पर नतीजों में बीजेपी और सहयोगी दल को मात्र 35 सीटों पर संतोष करना पडा l उत्तर प्रदेश के नतीजों ने बीजेपी सहित कई दलों की सोच को भी बदल कर रख दिया l

Amul के बाद Mother Dairy ने भी बढ़ाएं दूध के दाम

बीजेपी के सबसे सुरक्षित राज्य कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश में बीजेपी की जो गत हुए है उसमे बीजेपी की कम और मोदी की हार ज्यादा नजर आ रही है l

खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सीट वाराणसी से उनकी  एक लाख 50 हजार वोटों की जीत से आप अंदाजा लगा सकते है की मोदी सरकार से यूपी की जनता सहित देश भर के कई राज्यों के लोग खफा थे l

यहाँ यह बात गौर करने लायक है की अयोध्या मंदिर को आपनी सबसे बड़ी उपलब्धि बताने वाले मोदी खुद उस राज्य में बीजेपी को उतनी सीटें भी नहीं दिला पाए जितनी पिछली बार मिली थी l

यहाँ यह बात गौर करने लायक है कि जनता मंदिर या जातपात के भ्रम जाल से ऊपर उठ गयी है l

बाप रे बाप..! UPI पेमेंट पर लगेगा चार्ज..!! नहीं घटे सिलिंडर के दाम ..!!!

Editorial On Loksabha Election

वह अब इन झासों में नहीं आती वही खुद को भगवान के समकक्ष मानने वाले मोदी के अहंकार को भी जनता ने समझा l 

यह हार बीजेपी की हार से ज्यादा मोदी की हार मानी जायेगी l यूपी, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, पंजाब, सहित उत्तर भारत के कई राज्यों में मोदी की गारंटी नहीं चली l

विपक्ष ने मजबूती और बिना ज्यादा साधनों के साथ मोदी का बखूबी मुकाबला किया नतीजा न सिर्फ उसने कई सीटों पर जीत दर्ज की बल्कि मोदी और बीजेपी के अहंकार को चकनाचूर कर दिया l

यहाँ यह बात भी गौर करने लायक है की अगर मोदी पॉपुलर थे लोगों को उनकी गारंटी पर विश्वास था तो उन्हें बड़ा जनादेश क्यों नहीं मिला l 

नतीजों से पहले निवेशकों की बल्ले-बल्ले, बाजार में जोरदार तेजी

कारण साफ़ है… मोदी की सबसे बड़ी भूल “मैं” रही ..? “मैं: हर किसी को को तबाह कर देता है l

अगर मोदी ने “हम” को महत्व दिया होता अपने बीजेपी के कई मित्रों को सहयोगियों को साथ लेकर चले होते तो नतीजे कुछ और होते l 

आपने इस पूरे चुनाव में सभी और सिर्फ और सिर्फ मोदी को देखा होगा l यानी सत्ता पक्ष के पास मोदी के गुणगान गाने के अलावा कोई दूसरा काम नहीं था l

वही  दूसरी तरफ विपक्ष पूरा एक जुट होक लड़ा l उसने सत्ता पक्ष की कमजोरियों को जनता तक सही तरह से पहुंचाया l

खासकर उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव ने जो एक-एक कैंडीडेट चुनें उसमे उन्होंने जात-पात से लेकर बीजेपी के खिलाफ जो माहौल बना था l 

मोदी की तीसरी पारी पहले ही महंगाई का डबल अटैक

उसे सही तरह से भुनाया जिसका असर यह रहा की बीजेपी को उसके सबसे ज्यादा उम्मीद वाले राज्य में हार का मुहं देखना पडा l  

Editorial On Loksabha Election

इन चुनाव के नतीजों से जो सबसे ज्यादा बातें खुलकर सामने आई है वह यह है कि 

  • जनता को जात पात से ज्यादा जमीनी मुद्दों पर अपने नेता को चुनना l 
  • सिर्फ गारंटी बातों में नहीं हकीकत में भी नजर आना l 
  • मुद्दों की राजनीति में जातीय समीकरण के साथ-साथ जनता को एक फोल प्रूफ प्लान देना l 
  • जनता को आप भगवान के नाम पर कही भी बरगला नहीं सकते l आप कुछ देर के लिए बहला तो सकते है पर ठग नहीं सकते l 

क्या है 5 राज्यों के चुनाव नतीजों के मायने,पक्ष-विपक्ष की कौन सी चाल हुई कारागार

  • नेताओं को अपनी जवाबदारी तय करनी होगी l खुलेआम गुंडों को बलात्कारियों को सपोर्ट करना बंद होगा l 
  • सबसे बड़ी चिंताजनक बात जनता असमंजस की स्थिति में थी l न उन्होंने सत्ता पक्ष को नकारा न विपक्ष के हाथ सत्ता की बागडोर दे दी l

Editorial On Loksabha Election

देश की जनता की यह सिचुएशन यानी असमंजस की स्थति काफी खतरनाक साबित हो सकती है l 

जिसके कारण सत्ता पक्ष हो या विपक्ष वह एक बार फिर जनता की भावनाओं के साथ खेल सकता है l

उसका किसी एक पार्टी के तरफ झुकाव लोकतंत्र के लिए अच्छी बात तो है पर असमंजस की स्थिति होना खतरनाक है l

उसे अपने भविष्य को हमें अपने वर्तमान को ध्यान में रखकर भविष्य में देश के हित को समझते हुए कुछ गंभीर और बड़े डिसिशन लेने होंगे l

महिला आरक्षण – सरकारी जूमला या सच में महिलाओं के हित की है बात

उसे अपनी स्थिति को समझते हुए कुछ दूरगामी परिणामों का ध्यान भी रखना होगा l

कुल मिलाकर यह चुनाव सोशल मीडिया से लेकर जमीन पर जातपात से लेकर मंदिर मस्जिद तक लड़ा गया l

आरक्षण सहित फ्री में सबकुछ देने की एक नईं राह को भी इस चुनाव में बल मिला l 

सत्ता पक्ष हो या विपक्ष सभी ने जनता को फ्री में नौकरियां तो फ्री में सबकुछ देने की बात की l जिसका असर चुनाव में साफ़ देखा गया l

Editorial On Loksabha Election

इसका चलन इस लोकसभा चुनाव से एक नयी खतरनाक राजनीति, एक नए अध्याय की शुरुआत का जनक भी माना जाएगा l दक्षिण में जन्मी इस फ्री की राजनीति ने अगर देश भर में अपना कब्जा कर लिया तो इसका असर आने वाले चुनावों  सहित हमारे भविष्य पर साफ़ नजर आयेगा l   

मोदी की तीसरी पारी पहले ही महंगाई का डबल अटैक

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button