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कोरोना वैक्सीन Covaxin के कॉन्सेन्ट फॉर्म पर लिखा है-‘गंभीर खतरा’ होने पर मुआवजा

देश में कोविशील्ड (Covishield)और कोवैक्सीन(Covaxin) को मंजूरी दी गई है और सभी हेल्थ व फ्रंट लाइन वर्कर्स को इन्हीं दोनों के टीके लगाएं जा रहे है....

Bharat Biotech corona vaccine Covaxin consent form 

नई दिल्ली:देश में 16 जनवरी से कोरोना (Corona) के खात्मे के लिए टीकाकरण अभियान(Vaccination Drive in India) शुरू हो गया है। इसका शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है।

कोरोना के खिलाफ जारी टीकाकरण के पहले चरण में हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोरोना वैक्सीन (corona vaccine) दी जा रही है।

इसके लिए देश में कोविशील्ड (Covishield)और कोवैक्सीन(Covaxin) को मंजूरी दी गई है और सभी हेल्थ व फ्रंट लाइन वर्कर्स को इन्हीं दोनों के टीके लगाएं जा रहे है।

लेकिन यहां यह जानना जरूरी है कि जहां कोविशील्ड ने अपने तीन क्लीनिकल ट्रायल पूरे कर लिए है और इसके बाद सरकार ने इसे आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी है,

तो वहीं भारत बायोटेक की कोवैक्सीन ने अपने क्लीनिकल ट्रायल के दो चरण ही पूरे किए है और इसे भी केंद्र सरकार ने आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी है।

इसलिए भारत बायोटेक(Bharat Biotech) की ‘कौवैक्सीन’  का टीका लगवाने वालों से एक सहमति पत्र (Bharat Biotech corona vaccine Covaxin consent form) पर हस्ताक्षर करवाया जा रहा है।

इस कॉन्सेन्ट फॉर्म(consent form) में स्पष्ट तौर पर लिखा है कि कोवैक्सीन का टीका लगवाने के कारण होने वाले किसी भी प्रतिकूल प्रभाव के लिए मुआवजा दिया (Covaxin consent form assured compensation in serious adverse)जाएगा

क्योंकि कोवैक्सीन अभी क्लीनिकल ट्रायल के तीसरे चरण में ही है, इसके बावजूद सरकार ने उसके आपातकालीन इस्तेमाल की इजाजत दी है।

गौरतलब है कि हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने ICMR के साथ मिलकर Covaxin का विकास किया है।

Covaxin कॉन्सेन्ट फॉर्म (Bharat Biotech corona vaccine Covaxin consent form)में बताया गया है कि “COVAXINTM” का इस्तेमाल एक आपातकालीन स्थिति में प्रतिबंधित उपयोग के अंतर्गत किया जा रहा है।

“सार्वजनिक हित” को ध्यान में रखते हुए और प्रचूर मात्रा में सावधानी बरतते हुए ही इसे इस्तेमाल की अनुमति दी गई है।

हालांकि इसके साथ ही फॉर्म में यह भी कहा गया है कि इस वैक्सीन की  ​​प्रभावकारिता स्थापित होना अभी बाकी है क्योंकि अभी भी यह क्लीनिकल ट्रायल के तीसरे चरण में है।

फॉर्म में आगे कहा गया है, “भारत बायोटेक की COVID-19 वैक्सीन (COVAXINTM) आपातकालीन स्थिति में प्रतिबंधित उपयोग के लिए सरकार से अनुमोदन प्राप्त टीका है जो COVID-19 के खतरे को रोक सकता है।

क्लीनिकल ट्रायल के पहले चरण और दूसरे चरण में COVAXINTM ने COVID-19 के खिलाफ एंटीबॉडी का उत्पादन करने की क्षमता का प्रदर्शन किया है।

हालांकि, COVAXIN की क्लीनिकल ​​प्रभावकारिता अभी तक स्थापित नहीं की गई है और अभी भी इसका तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल का अध्ययन किया जा रहा है।

इसलिए, यह बताना महत्वपूर्ण है कि टीका प्राप्त करने का मतलब यह नहीं है कि कोविड -19 से संबंधित अन्य सावधानियों का पालन नहीं किया जाना चाहिए।”

Bharat Biotech corona vaccine Covaxin consent form-

आप भी देखें भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का कॉन्सेन्ट फॉर्म:

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-इस फॉर्म में कहा गया है कि अगर वैक्सीन के कारण किसी तरह का बुरा प्रभाव या गंभीर प्रभाव पड़ता है तो वैक्सीन लगवाने वाले का भारत सरकार द्वारा तय किए गए मानकों के अनुसार प्राधिकृत केंद्रों या अस्पतालों में इलाज कराया जाएगा।

-इसके अतिरिक्त इसका मुआवजा भी वैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक द्वारा दिया जाएगा।

फॉर्म में वैक्सीन लगवाने वालों का डाटा भी प्राइवेसी का पूर्ण पालन करते हुए इस्तेमाल करने की सहमति मांगी गई है।

Bharat Biotech corona vaccine Covaxin consent form

 

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Varsa

वर्षा कोठारी एक उभरती लेखिका है। पत्रकारिता जगत में कई ब्रैंड्स के साथ बतौर फ्रीलांसर काम किया है। अपने लेखन में रूचि के चलते समयधारा के साथ जुड़ी हुई है। वर्षा मुख्य रूप से मनोरंजन, हेल्थ और जरा हटके से संबंधित लेख लिखती है लेकिन साथ-साथ लेखन में प्रयोगात्मक चुनौतियां का सामना करने के लिए भी तत्पर रहती है।

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