
ChotiDiwali NarakChaturdashi2025 PujaMuhurat
“Choti Diwali 2025 – जानें कब है छोटी दिवाली / नरक चतुर्दशी / काली चौदस, इस समय जलाएं यम दीपक, जानें पूजा विधि”
🌕 Choti Diwali 2025 – जानें कब है छोटी दिवाली / नरक चतुर्दशी / काली चौदस, इस समय जलाएं यम दीपक, जानें पूजा विधि
भारत त्योहारों की भूमि है, जहाँ हर पर्व केवल उत्सव नहीं बल्कि एक आध्यात्मिक संदेश भी देता है। दीपावली (Diwali) से पहले का दिन, जिसे छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी या काली चौदस कहा जाता है, विशेष धार्मिक और पौराणिक महत्व रखता है।
यह दिन अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है और इसे नरकासुर वध दिवस के रूप में भी जाना जाता है।
“Narak Chaturdashi Alert – इन 7 गलतियों से बचें वरना लक्ष्मी नाराज!” 5वीं गलती तो हर कोई करता
“Narak Chaturdashi Alert – इन 7 गलतियों से बचें वरना लक्ष्मी नाराज!” 5वीं गलती तो हर कोई करता
📅 छोटी दिवाली 2025 की तारीख (Choti Diwali 2025 Date)
वर्ष 2025 में छोटी दिवाली / नरक चतुर्दशी का पर्व रविवार, 19 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा।
यह दिन धनतेरस (18 अक्टूबर 2025) के अगले दिन और मुख्य दिवाली (20 अक्टूबर 2025) से एक दिन पहले आता है।
ChotiDiwali NarakChaturdashi2025 PujaMuhurat
🕕 नरक चतुर्दशी तिथि और शुभ मुहूर्त (Narak Chaturdashi Shubh Muhurat 2025)
- चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 19 अक्टूबर 2025 दोपहर 01:51 पर
- चतुर्दशी तिथि समाप्त: 20 अक्टूबर 2025 सुबह 03:44 तक।
Diwali: एक क्लिक में जानें दिवाली 2025 का सही दिन शुभमुहूर्त
🌟 छोटी दिवाली पूजा एवं दीपदान शुभ मुहूर्त:
- अभ्यंग स्नान (पवित्र स्नान): प्रातः 5:10 बजे से 6:45 बजे तक शुभ
- यम दीपक पूजन: सायं 5:45 बजे से 8:15 बजे तक सर्वश्रेष्ठ
- प्रदोष काल: शाम 5:55 बजे से 8:25 बजे तक
- स्थिर लग्न पूजन: शाम 7:10 बजे से 8:45 बजे तक
इन समयों के दौरान दीपदान और पूजा करने से पापों से मुक्ति और लक्ष्मी कृपा प्राप्त होती है।
🌌 नरक चतुर्दशी का पौराणिक महत्व (Mythological Significance)
पौराणिक कथाओं के अनुसार, नरकासुर नामक राक्षस ने तीनों लोकों में आतंक मचा दिया था।
वह देवी-देवताओं, ऋषियों और पृथ्वीवासियों को परेशान करता था। अंततः भगवान श्रीकृष्ण और उनकी पत्नी सत्यभामा ने नरकासुर का वध इसी दिन किया था।
जानें धनतेरस के शुभ मुहूर्त, किन चीजों को भूल कर भी न खरीदें,
इस कारण इसे नरक चतुर्दशी कहा जाता है — अर्थात नरक (अंधकार) पर विजय का दिन।
इस दिन दीप जलाने का तात्पर्य है —
“मन, घर और जीवन के हर कोने से अंधकार मिटाकर, भीतर की रोशनी जगाना।”
🪔 क्यों कहते हैं इसे काली चौदस (Kali Chaudas)?
भारत के पश्चिमी हिस्सों, विशेषकर गुजरात और महाराष्ट्र में इस दिन को काली चौदस भी कहा जाता है।
इस दिन माँ काली और हनुमान जी की उपासना करने की परंपरा है।
माना जाता है कि इस दिन नकारात्मक शक्तियाँ अधिक सक्रिय होती हैं, इसलिए काली माँ की आराधना से इनसे सुरक्षा मिलती है।
ChotiDiwali NarakChaturdashi2025 PujaMuhurat
🌼 छोटी दिवाली की पूजा विधि (Chhoti Diwali Puja Vidhi 2025)
छोटी दिवाली का पर्व सरल किन्तु अत्यंत शुभ माना गया है। पूजा की विधि इस प्रकार है
- प्रातःकाल अभ्यंग स्नान करें:
सूर्योदय से पहले तिल के तेल का उबटन लगाकर स्नान करें। इससे पाप नष्ट होते हैं और सौभाग्य बढ़ता है। - घर की साफ-सफाई करें:
घर के मुख्य द्वार, खिड़कियाँ, मंदिर और आंगन को साफ करें।
माना जाता है कि स्वच्छता से माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। - दीप जलाएं:
संध्या के समय यमराज के नाम का दीप घर के दक्षिण दिशा में जलाएं।
इसे “यम दीपदान” कहा जाता है, जो अकाल मृत्यु से रक्षा करता है। - भगवान कृष्ण और माँ काली की पूजा करें:
कृष्ण जी को प्रसाद अर्पित करें और माँ काली से नकारात्मकता दूर करने की प्रार्थना करें। - मंत्र जाप करें:
“ॐ यमाय नमः” या “ॐ क्रीं कालिकायै नमः” का जाप 108 बार करें।
ChotiDiwali NarakChaturdashi2025 PujaMuhurat
🔥 यम दीपक का महत्व (Importance of Yam Deep Daan)
नरक चतुर्दशी की संध्या पर जब सूर्य अस्त होता है, तब घर के मुख्य द्वार पर दक्षिण दिशा की ओर एक दीपक जलाया जाता है।
इसे यम दीपक कहते हैं।
इसका उद्देश्य है —
“यमराज को दीप अर्पित कर अपने और अपने परिवार के जीवन में दीर्घायु और सुख-शांति की कामना करना।”
माना जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन श्रद्धा से यम दीपक जलाता है, उसके घर में अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है।
⚠️ नरक चतुर्दशी पर भूलकर भी न करें ये 7 काम
- कलह या झगड़ा न करें:
इस दिन घर में शांति बनाए रखें। वाद-विवाद माँ लक्ष्मी को अप्रसन्न करता है। - गंदगी न फैलाएं:
दक्षिण दिशा में विशेषकर गंदगी न रखें, यह यम के निवास की दिशा मानी गई है। - तेल का दान न करें:
इस दिन तेल दान करने से घर की लक्ष्मी रूठ जाती हैं। - देर तक न सोएं:
सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें। देर तक सोने से दरिद्रता बढ़ती है। - घर के दरवाजे बंद न करें:
संध्या के समय दरवाजे खुले रखें ताकि लक्ष्मी का प्रवेश हो सके। - मांसाहार या मद्यपान न करें:
इस दिन सात्विक भोजन करें और जीवों को कष्ट न दें। - झाड़ू को पैर से न लगाएं:
झाड़ू लक्ष्मी का प्रतीक है, इसे अनादर से न छुएं।
💰 छोटी दिवाली और धन प्राप्ति का संबंध
मान्यता है कि छोटी दिवाली की रात यदि व्यक्ति दीपक जलाकर माँ लक्ष्मी का ध्यान करे, तो उसके जीवन में आर्थिक स्थिरता आती है।
कहा गया है —
“जो छोटी दिवाली की रात दीया जलाता है, उसके घर में कभी अंधकार नहीं बसता।”
इस रात ध्यान, मंत्रजाप और पूजा के साथ सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
🕯️ पूजा के दौरान ये वस्तुएं रखें
- तिल का तेल और दीपक
- नए कपड़े और पुष्प
- गंगाजल और गोमूत्र
- गुड़, तिल, मिठाई
- यमराज की तस्वीर या प्रतीक दीप
- माँ काली की मूर्ति (यदि संभव हो)
ChotiDiwali NarakChaturdashi2025 PujaMuhurat
🌠 छोटी दिवाली का आध्यात्मिक संदेश
छोटी दिवाली केवल बाहरी रोशनी का त्योहार नहीं, यह भीतर की अंधकार को मिटाने की प्रेरणा देता है।
यह हमें सिखाता है कि —
- अपने भीतर के अहंकार, क्रोध, और भय को समाप्त करें।
- सच्चे मन से दीप जलाएँ, जिससे जीवन में प्रकाश और ज्ञान का संचार हो।
“छोटी दिवाली हमें सिखाती है — कि हर अंधेरी रात के बाद उजाला जरूर आता है।”







