
नईं दिल्ली (समयधारा) : देश की बदलती आर्थिक तस्वीर अब सिर्फ मेट्रो शहरों तक सीमित नहीं रही है।
भारत के टियर-2 और टियर-3 शहरों में अब तेज़ी से करियर के अवसर बढ़ रहे हैं। लिंक्डइन की पहली लोकेशन-आधारित रिपोर्ट ‘Cities on the Rise’ के अनुसार,
देश के कई छोटे शहर अब प्रोफेशनल ग्रोथ के नए केंद्र बनते जा रहे हैं।
यह रिपोर्ट नई नौकरियों, नियुक्तियों और प्रतिभा की आवाजाही पर आधारित एक्सक्लूसिव डेटा का विश्लेषण करके बनाई गई है।
टॉप 10 उभरतीय शहर जो करियर के नए हज़जा बन रहे हैं:
- विशाखापट्टनम
- रांची
- विजयवाड़ा
- नाशिक
- रायपुर
- राजकोट
- आगरा
- मदुरै
- वडोदरा
- जोधपुर
क्यों बढ़ रहे छोटे शहर करियर के लिए नए केंद्र बन रहे हैं?
- तेजी से बढ़ती स्थानीय MSME इकाइयाँ
- सरकार की ‘विकसित भारत’ नीति का लाभ
- GCC निवेश का विस्तार
- स्मार्ट सिटी योजनाएं और अधोसंरचना विकास
टेक, फार्मा और अन्य कंपनियां की शिफ्ट:
इन क्षेत्रों में टियर-2 शहरों की तरफ़ रुख करने वाली प्रमुख कंपनियाँ:
- टेक सेक्टर: मिराकल सॉफ्टवेयर (विशाखापट्टनम), HCLTech (विजयवाड़ा, मदुरै), इंफोसिस (विजयवाड़ा)
- फार्मा सेक्टर: डॉ. रेड्डीज़ लैब्स, लॉरस लैब्स (विशाखापट्टनम), एलेंबिक फार्मा (वडोदरा), सन फार्मा
- फाइनेंस सेक्टर: HDFC और ICICI बैंक (रायपुर, आगरा, जोधपुर)
Emerging Cities A New Job-Hub Cities India
काउन-काउटर टिकट की जगह भी बढ़ाव:
रेलवे, हवाई अड्डे, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और स्मार्ट सिटी परियोजनाएं छोटे शहरों को विकसित बना रही हैं:
- रांची: स्मार्ट सिटी योजनाओं के तहत तेज़ी से विकास
- राजकोट: बेहतर सड़क संपर्क और योजना
- रायपुर: ‘नया रायपुर’ प्रोजेक्ट के तहत निवेश वृद्धि
किन क्षेत्रों में है ज्यादा मांग:
- बिजनेस डेवलपमेंट: नाशिक, रायपुर, राजकोट, आगरा, वडोदरा और जोधपुर
- इंजीनियरिंग: विशाखापट्टनम, विजयवाड़ा, मदुरै
- सेल्स व एजुकेशन: टियर-2 शहरों में उच्च मांग
छोटे शहरों का जागरूक बनना:
लिंक्डइन की सीनियर एडिटर निराजिता बनर्जी ने कहा, “छोटे शहरों में अब प्रोफेशनल ग्रोथ की बेहतर संभावनाएं हैं, जिससे अब युवाओं को मेट्रो शहरों की ओर पलायन करने की आवश्यकता नहीं है।”
यह रिपोर्ट दिखाता है कि कैसे भी छोटे शहर अब नये करियर की दृष्टि से एक नया पर्याय बन चुके हैं l
जहां अब चीन, दुबई या मुंबई जैसे की जगह की जरूरत नहीं रही है।