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Delhi रक्षाबंधन के दिन खून का खेल, क्या रिश्तें हो रहे है फ़ैल…? “विश्वास टूटा… खून बहा”

दिल्ली में बढ़ते ये पारिवारिक हत्याकांड सिर्फ कानून-व्यवस्था की समस्या नहीं हैं, बल्कि ये हमारे समाज के नैतिक पतन का आईना भी हैं, हमें यह समझना होगा कि रिश्ते संवाद, विश्वास और संवेदनशीलता से चलते हैं—न कि शक और गुस्से से।

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दिल्ली, जिसे देश की दिलवालों की नगरी कहा जाता है, हमेशा से अपने अपनापन और रिश्तों की मजबूती के लिए मशहूर रही है। लेकिन बीते कुछ वर्षों में यहां की फिजा बदलती नजर आ रही है। विश्वास, प्यार और भरोसे पर टिकी रिश्तों की नींव कई बार शक, लालच और गुस्से के बोझ तले ढह गई है।


दिल्ली में रिश्तों का खून: करावल नगर से अशोक विहार तक के दर्दनाक हत्याकांड

रक्षाबंधन 2025 के दिन घटी करावल नगर की तिहरी हत्या ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर क्यों हमारे सबसे करीबी रिश्ते भी अब हिंसा का शिकार बन रहे हैं।

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करावल नगर तिहरा हत्याकांड – रक्षाबंधन के दिन खून का खेल

अगस्त 2025, रक्षाबंधन के दिन करावल नगर में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी और दो मासूम बच्चों की बेरहमी से हत्या कर दी। पुलिस के अनुसार, पारिवारिक विवाद और अवैध संबंधों के शक ने इस वारदात को जन्म दिया।

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आरोपी ने पहले पत्नी की हत्या की और फिर बच्चों को भी नहीं छोड़ा। मोहल्ले में मातम और दहशत फैल गई। यह घटना दिखाती है कि कैसे शक और असहिष्णुता रिश्तों को मौत की राह पर धकेल सकती है।

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लाजपत नगर दोहरा हत्याकांड – भरोसे पर वार

जुलाई 2025 में लाजपत नगर में घरेलू सहायक मुकेश ने अपनी मालकिन रुचिका और उनके 14 वर्षीय बेटे की हत्या कर दी। कारण—मालकिन की डांट पर आया गुस्सा और अहंकार

हत्या के बाद मुकेश शव छिपाकर भागने की फिराक में था, लेकिन पुलिस ने उसे दबोच लिया। यह घटना नियोक्ता-कर्मचारी के रिश्ते में विश्वास की नाजुकता को सामने लाती है।

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पांडव नगर हत्याकांड – शक ने लिया खौफनाक रूप

नवंबर 2022 (खुलासा 2023) में पांडव नगर में पूनम और उसके बेटे दीपक ने मिलकर पति अंजन दास की हत्या की। आरोप—अवैध संबंध और परिवार पर बुरी नजर।

गुस्से में आकर मां-बेटे ने शव के 10 टुकड़े किए और फ्रिज में छिपा दिया। धीरे-धीरे इन्हें ठिकाने लगाया गया। यह घटना श्रद्धा वालकर हत्याकांड जैसी ही क्रूरता की मिसाल है।

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निक्की यादव हत्याकांड – प्यार से विश्वासघात तक

फरवरी 2023 में साहिल गहलोत ने अपनी पत्नी निक्की यादव की गला घोंटकर हत्या कर दी। वजह—परिवार का रिश्ते को न मानना और साहिल की दूसरी शादी की योजना।

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शव को कार में छिपाकर साहिल सामान्य जीवन जीता रहा, जब तक पुलिस ने उसे पकड़ नहीं लिया। यह घटना बताती है कि कैसे पारिवारिक दबाव और धोखा किसी की जान ले सकता है।

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अशोक विहार हत्याकांड – ममता भी हुई कलंकित

2023-2024 में अशोक विहार की एक मां ने अपनी 5 साल की बेटी को मौत के घाट उतार दिया। पति के छोड़ने के बाद वह दूसरी शादी करना चाहती थी और बच्ची को बोझ मानती थी।

इस घटना ने यह साबित किया कि स्वार्थ और सामाजिक दबाव भी कभी-कभी इंसान को अमानवीय बना सकते हैं।

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समाज के लिए सबक

इन सभी हत्याकांडों में एक समान बात है—विश्वास का टूटना और गुस्से का विस्फोट। रिश्ते चाहे पति-पत्नी के हों, माता-पिता और बच्चों के, या भाई-बहन के—अगर उनमें संवाद और विश्वास न रहे, तो हिंसा का खतरा बढ़ जाता है।


निष्कर्ष

दिल्ली में बढ़ते ये पारिवारिक हत्याकांड सिर्फ कानून-व्यवस्था की समस्या नहीं हैं, बल्कि ये हमारे समाज के नैतिक पतन का आईना भी हैं। हमें यह समझना होगा कि रिश्ते संवाद, विश्वास और संवेदनशीलता से चलते हैं—न कि शक और गुस्से से।

 

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