
NarakChaturdashi2025 ChotiDiwali DontDoThese
“Narak Chaturdashi Alert – इन 7 गलतियों से बचें वरना लक्ष्मी नाराज!” 5वीं गलती तो हर कोई करता
नई दिल्ली (समयधारा) — धनतेरस के दूसरे दिन मनाई जाती है नरक चतुर्दशी, जिसे हम सब छोटी दिवाली के नाम से भी जानते हैं।
यह पर्व अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है और दिवाली के पांच दिवसीय महोत्सव का दूसरा दिन होता है।
Diwali: एक क्लिक में जानें दिवाली 2025 का सही दिन शुभमुहूर्त
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🌑 Narak Chaturdashi 2025: छोटी दिवाली का महत्व, शुभ मुहूर्त और भूलकर भी न करें ये 7 काम
धनतेरस के बाद आने वाली यह तिथि धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर राक्षस का वध कर धरती को भयमुक्त किया था।
2025 में नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi 2025) 19 अक्टूबर, रविवार को मनाई जाएगी।
इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान (अभ्यंग स्नान) का विशेष महत्व होता है।
यह स्नान न केवल पवित्रता का प्रतीक है बल्कि जीवन से नकारात्मकता और दुर्भाग्य को दूर करने का संकेत भी देता है।
🕯️ नरक चतुर्दशी 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त (Narak Chaturdashi 2025 Shubh Muhurat)
- 📅 तिथि प्रारंभ (Trayodashi End/Chaturdashi Start):
18 अक्टूबर 2025, रात 11:40 बजे के बाद - 📅 तिथि समाप्त (Chaturdashi End):
19 अक्टूबर 2025, रात 10:10 बजे तक - 🌅 अभ्यंग स्नान (Abyang Snan Muhurat):
सुबह 4:45 बजे से 6:35 बजे तक (स्थानीय समय के अनुसार भिन्न हो सकता है) - 💫 पूजा का शुभ समय (Shubh Puja Muhurat):
शाम 5:55 बजे से रात 8:15 बजे तक
जानें धनतेरस के शुभ मुहूर्त, किन चीजों को भूल कर भी न खरीदें,
इस मुहूर्त में यमराज की पूजा और दीपदान का विशेष महत्व होता है।
कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस समय में यम दीप जलाता है, उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं सताता।
🪔 नरक चतुर्दशी का धार्मिक महत्व (Significance of Narak Chaturdashi)
नरक चतुर्दशी का संबंध यमराज, भगवान श्रीकृष्ण, और मां लक्ष्मी से जोड़ा जाता है।
इस दिन व्यक्ति को नकारात्मकता, आलस्य और पापों से मुक्त होकर नए जीवन की शुरुआत करनी चाहिए।
पुराणों के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था।
उसके बाद से यह दिन ‘नरक चतुर्दशी’ के रूप में मनाया जाने लगा, जो अंधकार से प्रकाश की ओर यात्रा का प्रतीक बन गया।
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🧴 नरक चतुर्दशी पर अभ्यंग स्नान का महत्व (Abyang Snan Importance)
इस दिन सूर्योदय से पहले तेल से स्नान करना शुभ माना जाता है।
कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन तिल के तेल से मालिश कर अभ्यंग स्नान करता है,
वह यमदोष और अकस्मिक मृत्यु से बचता है।
💧 अभ्यंग स्नान के प्रमुख नियम:
- सूर्योदय से पहले उठें।
- शरीर पर तिल का तेल लगाएं।
- किसी पवित्र नदी या जल से स्नान करें।
- स्नान के बाद मां लक्ष्मी और यमराज की पूजा करें।
💡 छोटी दिवाली क्यों कहते हैं? (Why Called Chhoti Diwali)
नरक चतुर्दशी को छोटी दिवाली इसलिए कहा जाता है क्योंकि
यह मुख्य दीपावली के ठीक एक दिन पहले आती है।
इस दिन भी दीप जलाए जाते हैं, लेकिन उनका उद्देश्य होता है —
नरक के अंधकार को मिटाना और जीवन में शुभता लाना।
इस दिन की रात में लोग घरों के बाहर यम दीप जलाते हैं —
जो यमराज के सम्मान में और परिवार के कल्याण हेतु प्रतीक माने जाते हैं।
⚠️ नरक चतुर्दशी 2025 पर भूलकर भी न करें ये 7 काम (Things to Avoid on Narak Chaturdashi)
❌ 1. घर में झगड़ा या कलह न करें
इस दिन झगड़ा, तनाव या कलह करने से मां लक्ष्मी की कृपा दृष्टि नहीं मिलती।
घर में प्रेम और शांति बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।
❌ 2. दक्षिण दिशा में गंदगी न फैलाएं
दक्षिण दिशा को यमराज की दिशा माना गया है।
इस दिशा में गंदगी या कचरा इकट्ठा करने से अशुभ परिणाम आते हैं।
❌ 3. तेल का दान न करें
इस दिन तेल दान करना वर्जित माना गया है।
मान्यता है कि इससे घर की लक्ष्मी रूठ जाती हैं और आर्थिक संकट आ सकता है।
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❌ 4. देर तक न सोएं
सुबह देर से उठना इस दिन अत्यंत अशुभ माना गया है।
जल्दी उठकर अभ्यंग स्नान करने से आयु, स्वास्थ्य और धन में वृद्धि होती है।
❌ 5. घर बंद करके बाहर न जाएं
नरक चतुर्दशी की शाम को मां लक्ष्मी घर के द्वार पर प्रवेश करती हैं।
अगर दरवाज़ा बंद मिलेगा, तो वे लौट जाती हैं — इसलिए घर रोशन रखें।
❌ 6. मांसाहार या शराब का सेवन न करें
इस दिन किसी भी प्रकार का मांसाहार या नशा पूर्णतः वर्जित है।
यह दिन शुद्धता, भक्ति और आत्मसंयम का होता है।
❌ 7. झाड़ू पर पैर न रखें
धर्मशास्त्रों के अनुसार झाड़ू मां लक्ष्मी का प्रतीक है।
इस दिन उस पर पैर रखना या घर से बाहर निकालना अशुभ होता है।
🙏 नरक चतुर्दशी पूजा विधि (Narak Chaturdashi Puja Vidhi 2025)
- सुबह जल्दी उठकर अभ्यंग स्नान करें।
- शुद्ध वस्त्र धारण कर घर की सफाई करें।
- दक्षिण दिशा में एक दीपक जलाएं (यम दीप)।
- भगवान श्रीकृष्ण, यमराज और मां लक्ष्मी की पूजा करें।
- तिल, गुड़, और तेल का प्रयोग करें।
- शाम को घर के हर कोने में दीपक जलाएं।
- परिवार के साथ मिलकर भजन या मंत्र जप करें।
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🌠 नरक चतुर्दशी का संदेश (Message of Narak Chaturdashi)
नरक चतुर्दशी हमें सिखाती है कि जीवन में अंधकार चाहे जितना भी हो,
एक दीपक की लौ उसे मिटा सकती है।
यह पर्व हमें बताता है कि कर्म, प्रकाश और सच्चाई से हर कठिनाई को जीता जा सकता है।
हर वर्ष यह दिन हमें याद दिलाता है कि —
“असली रोशनी बाहर नहीं, भीतर जगानी होती है।”







