Breaking News : किसान नेताओं का तत्काल आंदोलन वापस लेने से इंकार, जानिए किसान नेताओं के रिएक्शन

हम कानून वापस लेने तक इंतजार करेंगे, तब तक आंदोलन जारी रहेगा - राकेश टिकैत

Breaking News: किसान नेताओं का तत्काल आंदोलन वापस लेने से इंकार, जानिए किसान नेताओं के रिएक्शन

Breaking News: Farmer leaders refuse to withdraw their agitation immediately know the reaction of farmer leaders

नयी दिल्ली (समयधारा):  देश भर में आज प्रकाशपर्व यानी गुरुनानक जयंती पर प्रधानमंत्री  मोदी ने तीनों कृषि कानून लेने का ऐलान किया l

उन्होंने कहा की हम शीतकालीन सत्र में तीनों कृषि कानून वापस लेंगे l इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए राकेश टिकैत ने कहा 

हम फैसले का स्वागत करते है पर जब तक कानून अमल में नहीं आयेंगे हम आंदोलन वापस नहीं लेंगे l

वही उन्होनें कृषि कानून के अलावा MSP की अपनी दूसरी मांग को भी अमल में लाने के लिए कहा l

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा की  देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया। अन्याय के खिलाफ़ ये जीत मुबारक हो! जय हिंद, जय हिंद का किसान!

वही किसान नेता योगेन्द्र यादव ने मोदी की तुलना इंदिरा गांधी से करते हुए कहा कि रस्सी जल गयी पर बल नहीं गया l  

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अहंकारी मोदी का यह कहना की हम किसानों को कानून समझा नहीं पायें यह उनका अहंकार है l

उन्होंने इस फैसलें को किसान की आंशिक जीत बताया l वही पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने इस फैसले का स्वागत किया और ट्वीट किया बढ़िया खबर! पीएम का शुक्रगुजार हूं
@नरेंद्र मोदी
जी हर पंजाबी की मांगों को मानने और #गुरुनानकजयंती के पवित्र अवसर पर 3 काले कानूनों को निरस्त करने के लिए। मुझे विश्वास है कि केंद्र सरकार किसानी के विकास के लिए मिलकर काम करती रहेगी! #NoFarmers_NoFood
@AmitShah

इससे पहले, 

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नई दिल्ली:आज गुरु नानक जयंती(Guru Nanak Jayanti 2021) पर पीएम मोदी(PM Modi) ने किसानों को प्रकाश पर्व का तोहफा देते हुए एलान किया है कि केंद्र सरकार द्वारा बनाएं गए तीनों कृषि कानूनों(Three Farm Laws)को वापस लिया जा रहा है। 

प्रधानमंत्री मोदी(PM Narendra Modi)ने शुक्रवार को राष्ट्र के नाम संबोधन देते हुए घोषणा की केंद्र सरकार तीनोंं नए कृषि कानूनों को वापस ले रही(PM-Modi-announces-withdrawal-all-three-new-Farm-Laws) है

और आंदोलनकारी किसानों से अनुरोध है कि वह गुरु पूरब पर अपना आंदोलन खत्म कर अपने घर वापस लौटें। 

मोदी ने कहा कि संसद के अगले सत्र में तीनों कृषि कानूनों(new farm laws)को वापस लेने की प्रक्रिया शुरु (repeal of new farm laws)हो जाएंगी।

हालांकि इस मुद्दे पर किसान आंदोलनकारियों का कहना है कि यह उनके संघर्ष की जीत है और कहीं न कहीं सरकार केवल उत्तर प्रदेश और पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनावों के चलते पीछे हटी(PM-Modi-announces-withdrawal-all-three-new-Farm-Laws) है।

आपको बता दें कि बीते एक साल से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए किसान दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन (Farmers Protest) कर रहे थे।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि पहले के मुकाबले कृषि बजट 5 गुना बढ़ाया गया है।

उत्तर प्रदेश में कई योजानाओं के शिलान्यास और उद्घाटन के लिए रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री ने ये ऐलान किया है।

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इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा, “मैंने अपने पांच दशकों के कामकाज के दौरान किसानों की मुश्किलें देखी हैं।

जब देश ने मुझे प्रधान मंत्री बनाया, तो मैंने कृषि विकास या किसानों के विकास को अत्यधिक महत्व दिया।”

पीएम ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले सात सालों में देश में कृषि के विकास के लिए कई कदम  उठाए हैं. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार में किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिया गया है और इससे कृषि उत्पादन में सुधार करने में मदद मिली है।

पीएम ने कहा कि उनकी सरकार के दौरान किसानों को मुआवजे के तौर पर 1 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं।

इसके अलावा बीमा और पेंशन भी प्रदान किए गए. उन्होंने कहा कि किसानों के खातों में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण किया गया।

राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के कार्यकाल में ग्रामीण बाजार के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया गया है और एमएसपी भी बढ़ाया गया है।

उन्होंने कहा कि देश में सूक्ष्म सिंचाई कोष को भी दोगुना किया गया है। पीएम ने कहा कि किसानों की आर्थिक दशा सुधारने के लिए फसल ऋण भी दोगुना कर दिया गया है।

उन्होंने कहा, “हमारी सरकार किसानों की सेवा के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं। छोटे किसानों की मदद के लिए ही हमने पिछले साल तीन कृषि कानून लाए(Breaking News: Farmer leaders refuse to withdraw their agitation immediately know the reaction of farmer leaders) थे।”

उन्होंने कहा, हमारी सरकार किसानों, खासकर छोटे किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। हम उनकी पूरी सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

संयुक्त किसान मोर्चा(SKM) के अध्यक्ष राकेश टिकैत(Rakesh Tikait)का इस मुद्दे पर कहना है कि जब तक संसद में कानून वापस नहीं होंगे तब तक आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा। अभी यह हमारी आंशिक जीत है।
Radha Kashyap: