
Farmers protest Memorandum submitted to Governor announcement of 2 more tractor rallies next month
नई दिल्ली (समयधारा) : देश भर में कोरोना का कहर खत्म होते ही अब दूसरें सारे मुद्दे जो ठंडे बस्ते में चले गए थे,
वह अब फिर से अपनी चाल पकड़ रहे है l उन्ही में से एक मुद्दा है कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन l
आज किसान आंदोलन को 7 महीने हो गए l तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के इस आंदोलन को और उग्र करने के लिए
आज संयुक्त किसान मोर्चा ने देशभर में राज्यभवन का घेराव और राज्यों के राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने का ऐलान किया था।
इसी कड़ी में पंजाब के किसानों ने शनिवार दोपहर पंजाब राजभवन के रास्ते में केंद्र शासित प्रदेश में मार्च करने के लिए मोहाली-चंडीगढ़ बॉर्डर पर पुलिस बैरिकेड्स तोड़ दिए।
हालांकि, बाद में उन्हें राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर के सरकारी आवास से दो किलोमीटर दूर मध्य मार्ग पर रोक लिया गया।
Farmers protest Memorandum submitted to Governor announcement of 2 more tractor rallies next month
वही किसान आंदोलन के नेता राकेश टिकैत ने कहा आज की मीटिंग में हमने अपने आंदोलन के विस्तार का फैसला किया है।
हमने 2 रैलियों के आयोजन का फैसला किया है। 9 जून की रैली में शामली और बागपत के लोग मौजूद रहेंगे।
यह 10 जुलाई को सिंघु बॉर्डर पहुंचेगी।’ उन्होंने आगे कहा,
‘इसके अलावा 24 जुलाई को एक और रैली का आयोजन होगा। इसमें मेरठ और बिजनौर के किसान शामिल होंगे। 25 जुलाई को यह रैली गाजीपुर बॉर्डर पहुंचेगी।’
Farmers protest Memorandum submitted to Governor announcement of 2 more tractor rallies next month
इस बीच हरियाणा के किसानों का एक दूसरा ग्रुप लगभग उसी समय पंचकुला-यमुनानगर राजमार्ग से राज्य की राजधानी चंडीगढ़ के लिए जा रहा था,
लेकिन उसे भी चंडीगढ़ बॉर्डर पर रोक दिया गया। किसान आंदोलन के सात महीने पूरे होने पर संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से बुलाए गए
विरोध मार्च के मद्देनजर पुलिस ने कुछ रास्तों से बचने के लिए एक एडवाइजरी भी जारी की थी, लेकिन शहर में यातायात ठप हो गया।
इससे पहले, चंडीगढ़ पुलिस ने सुबह 10 बजे से शहर में 13 एंट्री प्वाइंट्स को बंद कर दिया था,
लेकिन किसान बिना किसी रुकावट के आगे बढ़ गए। एक प्वाइंट पर पुलिस ने सेक्टर-43 इंटर स्टेट बस टर्मिनस के पास वाटर कैनन का इस्तेमाल किया,
लेकिन किसान ट्रैक्टरों की मदद से शहर में घुसने में सफल रहे।
दोपहर 2 बजे तक मोहाली से आ रहे किसान शहर के बीचों-बीच सेक्टर 17 व 22 में पहुंच गए।
दोनों राज्यपाल शहर के उत्तरी छोर पर सुखना झील के पास रहते हैं।
किसानों को इस इलाके में पहुंचने से रोकने के लिए इलाके में बैरिकेडिंग कर दी गई थी।
Farmers protest Memorandum submitted to Governor announcement of 2 more tractor rallies next month
पंजाब राजभवन से दो किलोमीटर दूर मध्य मार्ग पर पुलिस ने किसानों को रोका।
राज्यपाल कार्यालय के एक अधिकारी ने किसानों से ज्ञापन लिया, जिसके बाद कई अपने आप वापस चले गए और कुछ को चंडीगढ़ सीमा तक बसों से पहुंचाया गया।
हरियाणा से आने वाले दल ने चंडीगढ़ में प्रवेश नहीं किया और सत्यदेव नारायण आर्य को संबोधित ज्ञापन पंचकूला में हरियाणा के राज्यपाल सचिवालय के एक अधिकारी को सौंपा।
इस ग्रुप का नेतृत्व कार्यकर्ता योगेंद्र यादव और हरियाणा भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चाढूनी कर रहे थे।
पुलिस ने बताया कि कहीं कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है।