Navratri Special Day-7 माँ कालरात्रि यानी आपकी संकटमोचक
माँ कालरात्रि-आपके भूत-वर्तमान-भविष्य काल की रखवाली करती है, संसार में कालों का नाश करने वाली देवी ‘कालरात्री’ ही है.
navratri special 7th-day saptmi-maa-kaalratri puja-vidhi-in-hindi shardiy-navaratri-2023
नई दिल्ली, (समयधारा) : कहते है माँ आपके सभी दुखों को हर लेती है,
यानी माँ आपकी संकटमोचक है, और नवरात्र का सातवाँ दिन माँ कालरात्रि की पूजा से आपके सभी संकट दूर हो जायेगें l
संकटमोचक माँ कालरात्रि-आपके भूत-वर्तमान-भविष्य काल की रखवाली करती है l
संसार में कालों का नाश करने वाली देवी ‘कालरात्री’ ही है l
आंखें खोल देने वाला सच.!! क्या आप भी बढ़े चाव से पैकिंग वाले आटे की रोटी खाते है..?
Ashtami-Navami 2022:शारदीय नवरात्रि में अष्टमी और नवमी कब है? क्या है कन्या पूजन का समय और विधि
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कहते हैं इनकी पूजा करने से सभी दु:ख, तकलीफ दूर हो जाती है l
दुश्मनों का नाश करती है तथा मनोवांछित फल देती हैंl यह संसार के सभी कालों को हर लेती है l
अगर कोई विपदा आने वाली है l तो इस देवी का ध्यान तन मन धन से करे तुरंत इच्छा पूर्ण होती है l
दुखों का नाश करने वाली माँ कालरात्रि की माया व इनका तेज एक अलग ही रूप का हमें अवलोकन करवाता है l
इनका ध्यान मात्र ही दुखों से हमें छुटकारा दिलाता है l देवी कालरात्रि का शरीर रात के अंधकार की तरह काला हैl इनके बाल बिखरे हुए हैं
और इनके गले में विधुत की माला हैl इनके चार हाथ है l
जिसमें इन्होंने एक हाथ में कटार तथा एक हाथ में लोहे कांटा धारण किया हुआ है l
इसके अलावा इनके दो हाथ वरमुद्रा और अभय मुद्रा में है l
इनके तीन नेत्र है और इनके श्वास से अग्नि निकलती है l कालरात्रि का वाहन गर्दभ (गधा) है l
मां दुर्गा के सातवें रूप या शक्ति को कालरात्रि कहा जाता है, दुर्गा-पूजा के सातवें दिन मां काल रात्रि की उपासना का विधान हैl
मां कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक है l इनका वर्ण अंधकार की तरह काला है l
केश बिखरे हुए हैं l कंठ में विद्युत की चमक वाली माला है l
मां कालरात्रि के तीन नेत्र ब्रह्माण्ड की तरह विशाल और गोल हैं l जिनमें से बिजली की तरह किरणें निकलती रहती हैं l
आंखें खोल देने वाला सच.!! क्या आप भी बढ़े चाव से पैकिंग वाले आटे की रोटी खाते है..?
माता कालरात्रि का मंत्र
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता, लम्बोष्टी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी।
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा, वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥
(साभार सोशल मीडिया)
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