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India Politics 2025: संसद की राजनीति, तथ्य-आधारित डेटा और गहन विश्लेषण

India Politics 2025 में संसद की राजनीति कैसे बदल रही है? कानून, बहस, विपक्ष की भूमिका और सत्ता संतुलन का तथ्य-आधारित विश्लेषण पढ़ें।

2025-Sansad-Politics-Data-Analysis

India Politics — 2025 संसद की राजनीति: तथ्य-आधारित डेटा और विश्लेषण

2025 भारतीय राजनीति का वह साल रहा जिसमें संसद (लोकसभा + राज्यसभा) केवल निगमन का मंच नहीं बल्कि राजनीतिक टकराव, नीतिगत बदलावों और जनादेश के असर का सबसे बड़ा अख़बार साबित हुई। इस लेख में हम न सिर्फ घटनाओं का वर्णन करेंगे, बल्कि संसदीय डेटा, बिल संख्या, मतदान पैटर्न, विपक्ष–सरकार टकराव और उनके व्यापक प्रभाव को भी स्पष्ट रूप से आंकड़ों के साथ समझेंगे।

इस लेख के तथ्य सार्वजनिक स्रोतों (जैसे Election Commission, ECI, संसद के आधिकारिक रिकॉर्ड और verified समाचार एजेंसियों) पर आधारित हैं जिससे आपका content high-authority, reference-worthy और Google-friendly बने।

India Politics Flashback 2025: केंद्र सरकार के बड़े फैसले, कानून और उनके राजनीतिक असर | Samaydhara विश्लेषण

India Politics Flashback 2025: केंद्र सरकार के बड़े फैसले, कानून और उनके राजनीतिक असर | Samaydhara विश्लेषण


📊 1) संसद का सत्र और बिल (2025)

🔹 1.1 Winter Session (दिसंबर 2025)

  • 2025 के शीतकालीन सत्र का समापन 19 दिसम्बर 2025 को हुआ, जिसमें संसद की कार्यवाही को अन्तिम रूप दिया गया।
  • संसद के अंत में दोनों सदनों के नेता मौजूद रहे, जिसमें प्रधानमंत्री सहित बड़े नेता भी थे। (The Times of India)

🔹 1.2 प्रमुख बिल पारित

📌 VB-G RAM G Bill, 2025

  • Viksit Bharat–Guarantee for Rozgar and Ajeevika Mission (Gramin) Bill, 2025 — जिसे संसद के दोनों सदनों ने क्रमशः 18 और 19 दिसम्बर 2025 को पारित किया।
  • विधेयक ने मौजूदा MGNREGA को बदलते हुए ग्रामीण रोजगार गारंटी नियम में संशोधन किया और रोज़गार को 125 दिन तक गारंटी देने का प्रावधान जोड़ा। (Wikipedia)

राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ: विपक्ष ने इस संशोधन का विरोध करते हुए गीता के नाम परिवर्तन तथा विचार-विमर्श की मांग की, जबकि सरकार ने इसे आधुनिक ग्रामीण रोजगार संरचना के रूप में पेश किया। (The Economic Times)

2025 में वैश्विक राजनीति का बदलता संतुलन: अमेरिका, चीन और रूस

📌 SHANTI Bill (परमाणु ऊर्जा विधेयक)

  • Sustainable Harnessing and Advancement of Nuclear Energy for Transforming India Bill, 2025 (SHANTI Bill) को दिसंबर 2025 में संसद से पारित किया गया। इसका लक्ष्य परमाणु ऊर्जा क्षेत्र को निजी कंपनियों और निवेश के लिए खोलना था। (Navbharat Times)

राजनीतिक असर:
सरकार ने इस विधेयक को “भारत के ऊर्जा स्वतंत्रता” की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया, जबकि विपक्ष ने राष्ट्रीय सुरक्षा और नियंत्रण को लेकर सवाल उठाए। (Navbharat Times)

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📌 Indian Ports Bill, 2025

  • अगस्त 2025 में Indian Ports Bill, 2025 को राज्यसभा से मंज़ूरी मिली, जो पुरानी Indian Ports Act, 1908 को बदलता है इसलिए देश को 2047 तक वैश्विक समुद्री शक्ति बनाने के लक्ष्य की ओर कदम बढ़ाए। (The Times of India)

राजनीतिक प्रतिक्रिया:
राज्यसभा में विपक्ष द्वारा special intensive revision (SIR) के मुद्दे पर walkout हुआ था, जबकि सरकार ने इसे सतत विकास और सुविधा-आधारित लॉजिस्टिक्स सुधार वाला कदम बताया। (The Times of India)


📈 2) संसद में राजनीतिक टकराव और स्थगन

🔹 2.1 स्थलापन्न कार्यवाही

  • दिसंबर 2025 में लोकसभा और राज्यसभा दोनों को Congress के प्रधानमंत्री विरोधी नारेबाज़ी के कारण स्थगित करना पड़ा, जिससे निर्धारित व्यवसायों पर रोक लग गई। (The Economic Times)

यह संकेत है कि संसद के भीतर सरकार–विपक्ष गतिरोध 2025 में भी मौजूद रहा, जहाँ विपक्ष ने अभिव्यक्ति-आज़ादी और जवाबदेही के मंच से सवाल उठाए और सरकार ने आगे बढ़ने के प्रयास जारी रखे।


📉 3) महत्वपूर्ण चुनाव/पदस्थापन और संसदीय संतुलन

🔹 3.1 उपराष्ट्रपति चुनाव — 9 सितम्बर 2025

  • C. P. Radhakrishnan को भारत का 15वाँ उपराष्ट्रपति चुना गया।
  • उन्हें 452/752 वैध वोट प्राप्त हुए, जबकि विपक्षी उम्मीदवार को 300 वोट मिले।
  • मतदान में लगभग 96% भागीदारी दर्ज हुई। (Indiatimes)

राजनीतिक महत्व:
उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद में मौजूद दलों के समानुभूति-आधारित पक्ष/विपक्ष संतुलन का संकेत देता है। यह देश की द्विसदनीय प्रणाली का सूक्ष्म डेटा-सिग्नल है कि सत्ता पक्ष में अभी भी पर्याप्त समर्थन है।


📊 4) जमीनी स्तर की राजनीतिक गतिविधियाँ और आंदोलन

🔹 4.1 मिथिला राज्य आंदोलन (साल 2025 में)

  • 11 फ़रवरी 2025 को जंतर-मंतर में Mithila Rajya आंदोलन का एक दिवसीय प्रदर्शन हुआ, जिसके तहत मिथिला राज्य की मांग उठाई गई। कई महीनों तक स्थानीय पंचायतों और महापंचायतों के ज़रिए राज्य-विशेष पहचान और राजनीतिक अधिकारों पर जोर दिया गया। (Wikipedia)

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राजनीतिक असर:
यह आंदोलन संकेत देता है कि संवैधानिक ढांचे के भीतर क्षेत्रीय पहचान / राज्य पुनर्गठन की मांग संसद के आर्थिक/राजनीतिक विमर्श में भी लगातार उभरता रहा।


📉 5) संसद के बाहर राजनीतिक संतुलन के संकेत

🔹 5.1 RSS शताब्दी वर्ष 2025

  • Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) ने 2 अक्टूबर 2025 को अपना 100वाँ विजयादशमी वर्ष मनाया, जिसमें ₹100 commemorative coin जारी किया गया और प्रधानमंत्री ने इसके सार्वजनिक विमोचन पर गौर किया। (Wikipedia)

राजनीतिक असर:
RSS जैसे संगठन का 100-year commemoration राष्ट्रीय मंच पर सामाजिक-राजनीतिक पहचान और समर्थन के संकेत के रूप में समझा जाता है।


📊 6) संसदीय निष्कर्ष और आगे का परिदृश्य

🔹 6.1 संसद की उत्पादकता

  • संसद ने 2025 में उच्च-स्तर के विधेयकों पारित किए जो आर्थिक, सामाजिक और सुरक्षा दोनों क्षेत्रों में लंबे-समय के प्रभाव रखते हैं।
  • साथ ही कार्यवाही में अवरोध/स्थगन की घटनाएँ यह संकेत देती हैं कि पक्ष-विपक्ष संघर्ष अभी भी लोकतंत्र की जांच-पड़ताल बनकर जारी है।

🔹 6.2 राजनीतिक संदेश

  • VB-G RAM G बिल नेMgnrega को नया ग्रामीण रोजगार ढाँचा दिया, जो पंचायत-स्तर से संसद को जोड़ता है। (Wikipedia)
  • SHANTI बिल ने ऊर्जा नीति को निजी निवेश + तकनीकी साझेदारी के साथ नयी दिशा दी। (Navbharat Times)
  • भले ही विधेयक पारित किए गए, संसद के स्थगन और विरोध के संकेत दिखाते हैं कि 2025 राजनीतिक संतुलन और लोकतांत्रिक बहस दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण अध्याय रहा।

🧠 निष्कर्ष

साल 2025 के संसदीय सत्र ने यह दिखाया कि भारत की संसद अब सिर्फ निर्णय-निर्माण का मंच नहीं है, बल्कि जनता-संचालित बहस, राजनीतिक संघर्ष और राष्ट्रीय एजेंडा निर्धारण का वह क्षेत्र है जहाँ:

✔ सत्ता पक्ष नीतिगत निर्णयों पर तेज़ी से कार्यान्वयन कर रहा है
✔ विपक्ष संसद में लगातार जवाबदेही माँग रहा है
✔ संसद के भीतर और बाहर आंदोलन और समूह सक्रिय रूप से लोकतांत्रिक चर्चा का हिस्सा हैं

यह साल दर्शाता है कि भारत का लोकतंत्र स्टैटिस्टिक्स + जमीनी राजनीति + जनता-स्वर की भागीदारी से गहराता जा रहा है।

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Sonal

सोनल कोठारी एक उभरती हुई जुझारू लेखिका है l विभिन्न विषयों पर अपनी कलम की लेखनी से पाठकों को सटीक जानकारी देना उनका उद्देश्य है l समयधारा के साथ सोनल कोठारी ने अपना लेखन सफ़र शुरू किया है l विभिन्न मीडिया हाउस के साथ सोनल कोठारी का वर्क एक्सपीरियंस 5 साल से ज्यादा का है l

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