कांग्रेस का विरोध-प्रदर्शन
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नई दिल्ली:कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता छिनने(Rahul Gandhi disqualified as MP)के खिलाफ कांग्रेस पार्टी आज से देशभर में विरोध(Congress Protest)स्वरूप ‘सत्याग्रह आंदोलन'(Satyagraha)कर रही है।
कांग्रेस ने आज,रविवार,26 मार्च से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि राजघाट पर सत्याग्रह कार्यक्रम आयोजित किया है।
राहुल गांंधी को अयोग्य ठहराएं जाने के खिलाफ आज से कांग्रेस देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन करने जा रही है,जिसकी शुरूआत सत्याग्रह आंदोलन से हो रही(Congress-protest-Satyagraha-movement-nationwide-against-Rahul-Gandhi- disqualification)है।
सत्याग्रह की शुरुआत आज सुबह दस बजे हो जाएंगी और शाम पांच बजे तक चलेगी। इसका आयोजन दिल्ली प्रदेश कांग्रेस ने किया है।
राहुल गांधी की सांसदी रद्द किए जाने के विरोध में बुलाएं गए सत्याग्रह आंदोलन को कांग्रेस राष्ट्रव्यापी जनआंदोलन बनाने की तैयारी कर रही(Congress-protest-Satyagraha-movement-nationwide-against-Rahul-Gandhi- disqualification) है।
आज ‘संकल्प सत्याग्रह’ कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़ेगे,कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी(Priyanka Gandhi)वाड्रा और अन्य वरिष्ठ नेताओं के भी शामिल होने की चर्चा है।
दिल्ली कांग्रेस के बुलाएं इस सत्याग्रह कार्यक्रम में कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता और नेतागण जुटेंगे।
सूत्रों से पता चला है कि कांग्रेस राहुल गांधी(Rahul Gandhi)की लोकसभा सदस्यता को रद्द करने के त्वरित फैसले के विरोध में सोमवार से संसद और सड़क दोनों पर अपना विरोध-प्रदर्शन तेज करने की रणनीति बना रही(Congress-protest-Satyagraha-movement-nationwide-against-Rahul-Gandhi- disqualification) है।
कांग्रेस के एक सांसद का कहना था कि सोमवार को पार्टी की ओर से जोरदार प्रदर्शन दिखेगा, जिसे लेकर रणनीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
राहुल के सदस्यता जाने के बाद कांग्रेस के तेवरों से साफ है कि बची अवधि में सत्र का चलना मुश्किल है। कांग्रेस ने सोमवार से देश में जनांदोलन शुरू जाने के संकेत भी दिए हैं।
ये मोदी सरकार की प्रतिशोध की राजनीति, धमकी की राजनीति, डराने की राजनीति और उत्पीड़न की राजनीति की एक बड़ी मिसाल है। इसको हम कानूनी तरीके से भी(Congress-protest-Satyagraha-movement-nationwide-against-Rahul-Gandhi- disqualification)लड़ेंगे।
जो कानून हमें अधिकार देता है, उन अधिकारों का इस्तेमाल हम करेंगे, पर ये एक राजनीतिक मुकाबला भी है, इसका हम सीधा मुकाबला करेंगे, हम पीछे हटेंगे नहीं, हम डरेंगे नहीं, इसे हम बड़ा राजनीतिक मुद्दा भी बनाएंगे।
मानहानि के मामले में सजा पाए और संसद की सदस्यता खो चुके कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि मैं लोकतंत्र के लिए अपनी लड़ाई जारी रखूंगा और अडानी मामले(Gautam Adani)में लगातार सरकार से सवाल करता रहूंगा, भले ही मुझे जेल भेज दिया जाए।
उधर बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने इस दावे को खारिज कर दिया कि राहुल गांधी को मानहानि मामले(Rahul Gandhi defamation case)में सजा और अयोग्य ठहराए जाने का संबंध अडानी मुद्दे को उठाने से जुड़ा है।
राहुल ने शनिवार को बाकायदा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और अलग-अलग मुद्दों पर अपनी बात रखी।
मैं अपने सिद्धांत पर कायम रहूंगा। जीवन भर के लिए भी अयोग्य हो जाता हूं, तो भी सवाल उठाता रहूंगा।
राहुल ने कहा, मेरी अयोग्यता इसलिए हुई, क्योंकि प्रधानमंत्री संसद में मेरे अगले भाषण से डरे हुए हैं, जो अडानी पर होता। मैं बिना डरे मोदी-अडानी संबंधों के बारे में सवाल पूछना जारी रखूंगा।
मेरा सवाल है कि अडानी की शेल कंपनियों से जो 20 हजार करोड़ रुपये निकले, वह पैसा किसका है? राहुल ने विपक्षी दलों की ओर से मिले समर्थन पर सबका आभार(Congress-protest-Satyagraha-movement-nationwide-against-Rahul-Gandhi- disqualification)जताया।
उन्होंने अपनी सदस्यता जाने का विपक्ष के हाथों आया एक हथियार करार दिया।
शिंदे ने कहा कि राहुल गांधी को जिस कानून के तहत संसद सदस्य के तौर पर अयोग्य करार दिया गया है, उसे UPA सरकार ने बनाया था और मोदी सरकार ने उसे महज लागू किया है।
राहुल गांधी(Rahul Gandhi)दोषी करार दिए गए और लोकसभा सदस्य के तौर पर अयोग्य हो गए, लेकिन वह लगातार विनायक दामोदर सावरकर का यह कहकर अपमान कर रहे हैं कि वह सावरकर नहीं हैं, जो माफी मांगें।
वह खुद को क्या समझते हैं? उन्हें दंडित किया जाना चाहिए। शिंदे ने विधानसभा में कहा, ‘सावरकर देशभक्त हैं। क्यों देशभक्त का अपमान? महाराष्ट्र प्रधानमंत्री मोदी और सावरकर का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा। लोग उन्हें महाराष्ट्र की सड़कों पर चलने नहीं देंगे।’
दोषी करार दिए जाने के बाद सांसद/विधायकों के खुद ब खुद सदन की सदस्यता से अयोग्य हो जाने के प्रावधान को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
रिप्रजेंटेशन ऑफ पीपल्स एक्ट के तहत दो साल या उससे ज्यादा सजा के मामले में किसी सांसद या विधायक को अयोग्य करार दिए जाने का प्रावधान है।
राहुल गांधी को अयोग्य करार दिए जाने के तुरंत बाद केरल के एक सोशल एक्टिविस्ट की ओर से इस मामले में अर्जी दाखिल की गई है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि खुद ब खुद अयोग्य करार दिए जाने का जो प्रावधान है, वह मनमाना और अवैध है। उसे गैर संवैधानिक घोषित किया जाना चाहिए।
याचिकाकर्ता ने यह भी कहा है कि ऑटोमैटिक अयोग्यता का प्रावधान किसी चुने हुए प्रतिनिधि को जनता के प्रति कर्तव्य निभाने से रोकता है।
यह लोकतंत्र के सिद्धांत के खिलाफ है। कानूनी प्रावधान में अपराध की गंभीरता और अपराध की प्रकृति को नहीं देखा गया। अपराध की गंभीरता को देखे बिना सीधे तौर पर अयोग्य करार दिया जाना नेचरल जस्टिस के खिलाफ है।
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