Farmers Protest latest:Govt will not withdraw new farm laws
किसानों के साथ मंगलवार देर रात तक चली इस बैठक में भी कोई बीच का रास्ता नहीं निकला।
बैठक के बाद अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हनन मुला ने बताया कि सरकार नए कृषि कानून (New farm laws) वापस लेने को तैयार नहीं है।
Farmers Protest latest:Govt will not withdraw new farm laws
इसलिए, बुधवार,9 दिसंबर को प्रस्तावित किसानों और सरकार के बीच अब कोई बैठक नहीं होगी।
The Government is not ready to take back the farm laws: Hannan Mollah, General Secretary, All India Kisan Sabha https://t.co/APu8ws5eWS
— ANI (@ANI) December 8, 2020
किसान सभा के महासचिव हनन मुला ने आगे कहा कि अमित शाह बुधवार को किसानों को एक प्रस्ताव देंगे। इस प्रस्ताव पर दोपहर 12 बजे सिंघु बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर) पर किसान संघ विचार-विमर्श के लिए एक बैठक करेंगे।
Tomorrow we will hold a meeting at Singhu border (Delhi-Haryana border) at 12 pm: Hannan Mollah, General Secretary, All India Kisan Sabha. #FarmersProtest pic.twitter.com/AxMrdwH1xn
— ANI (@ANI) December 8, 2020
इस बैठक में शामिल नेताओं के अनुसार,गृहमंत्री अमित शाह के साथ किसानों की मीटिंग में कोई निष्कर्ष नहीं निकला।
किसान नए कृषि कानून रद्द करवाने की मांग करते रहे जबकि सरकार ने फिर से संशोधन करने के अपने प्रस्ताव को दोहराया है।
अब किसानों के साथ 9 दिसंबर को प्रस्तावित बैठक नहीं होगी(meeting with farmers cancel today) बल्कि सरकार अपना प्रस्ताव लिखित में किसानों को बुधवार को देगी और तब किसान संयुक्त किसान मोर्चा में उस प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे।
गौरतलब है कि मंगलवार शाम को अमित शाह के साथ बैठक के लिए किसान नेताओं को इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च (Indian Council of Agricultural Research) के इंटरनेशनल गेस्ट हाउस (International Guest House) ले जाया गया था।
जब किसानों को बताया गया कि मीटिंग वर्चुअल होगी तो उन्होंने इसका विरोध किया।
एक किसान इस बात से नाराज होकर सिंघु बॉर्डर के लिए भी निकल गए। इसके बाद अफसरों ने शाह को पूरी जानकारी दी।
बाद में किसानों के साथ गृह मंत्री की बैठक शुरू हुई।
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‘नए कृषि कानूनों को निरस्त किया जाए, बीच का कोई रास्ता नहीं‘
भारतीय किसान सभा के महासचिव हनन मुला ने कहा, ” गृह मंत्री ने यह साफ किया कि सरकार कृषि कानूनों को रद्द नहीं करेगी।
अमित शाह जी ने कहा कि सरकार जिन संशोधनों के पक्ष में हैं उन्हें कल लिखित में देगी। हम लिखित संशोधनों को लेकर सभी 40 किसान यूनियन से चर्चा करने के बाद बैठक में शामिल होने के बारे में फैसला लेंगे।’
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा, ‘ हम संशोधन नहीं चाहते। हम चाहते हैं कि इन कानूनों को निरस्त किया जाए। यहां बीच का कोई रास्ता नहीं है। हम कल की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे।’
आज होगा फैसला छठे दौर की वार्ता पर
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हनन मुला ने कहा है कि बुधवार की दोपहर को सिंघु बॉर्डर पर किसान नेताओं के साथ होने वाली बैठक में छठे दौर की वार्ता में शामिल होने को लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
इससे पहले, 13 किसान नेताओं को शाह के साथ इस बैठक के लिए बुलाया गया था। बैठक रात आठ बजे शुरू हुई।
किसान नेताओं में 8 पंजाब से थे जबकि पांच देश भर के अन्य किसान संगठनों से जुड़े थे।
किसान और अमित शाह के साथ बैठक में शामिल थे ये नेता
सरकार की ओर से आंदोलनकारी किसानों से जारी वार्ता का नेतृत्व करने वाले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और उद्योग एवं वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश भी राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर, पूसा में हुई बैठक में मौजूद रहे।
प्रदर्शन कर रहे किसानों का दावा है कि ये कानून उद्योग जगत को फायदा पहुंचाने के लिए लाए गए हैं और इनसे मंडी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की व्यवस्था खत्म हो जाएगी।
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किसानों का धरना-प्रदर्शन 12 दिनों से चल रहा है
बीते 12 दिनों से सिंघु बार्डर पर किसान धरना-प्रदर्शन(Farmers Protest)कर रहे हैं। नए कृषि कानूनों (new farm laws 2020) को वापस लेने की मांग को लेकर मंगलवार को किसान संगठनों के ‘भारत बंद’(Bharat Bandh) का आह्वान किया था।
इस दौरान देश के कई हिस्सों में दुकानें एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के बंद रहने, यातायात बाधित होने से जनजीवन प्रभावित हुआ।
बंद के दौरान प्रदर्शनकारियों ने मुख्य सड़क एवं रेल मार्गों को बाधित किया। हालांकि बंद लगभग शांतिपूर्ण रहा और किसानों ने अपनी ताकत दिखाई।
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