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श्रीनगर: Jammu & Kashmir-Farooq Abdullah released: पूरे 7 महीने की कैद के बाद जम्मू कश्मीर (Jammu & Kashmir) की खुली वादियों में शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री व नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) को आजाद कर दिया गया है।
जम्मू-कश्मीर से धारा 370 (Article 370) और अनुच्छेद 35-ए (Article 35A) को खत्म करने के साथ ही केंद्र सरकार ने फारूक अब्दुल्ला, उनके बेटे उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) और पीडीपी प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ति (Mehbooba Mufti) को भी को हिरासत में रखा हुआ था।
#WATCH NC MP Farooq Abdullah released from detention, says," I'm grateful to people of the State&all leaders&people in the rest of the country who spoke for our freedom. This freedom will be complete when all leaders are released. I hope GoI will take action to release everyone". pic.twitter.com/zKS6EamydV
— ANI (@ANI) March 13, 2020
उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ति अभी भी हिरासत में है लेकिन केंद्र सरकार ने पीएसए एक्ट फारूक अब्दुल्ला से हटा लिया है और उन्हें शुक्रवार को रिहा कर ‘आज मैं आजाद (Jammu & Kashmir-Farooq Abdullah released) हूं।
National Conference MP Farooq Abdullah after being released, in Srinagar: I will not speak on any political matter till the time everyone is released https://t.co/RwrJMwcFuA
— ANI (@ANI) March 13, 2020
मेरे पास बयां करने के लिए शब्द नहीं हैं। फिलहाल, मैं किसी सियासी मुद्दे पर नहीं बोलूंगा जबतक कि सभी साथी रिहा नहीं हो जाते।’
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से विवादास्पद अनुच्छेद 370 हटाकर उसका विशेष राज्य का दर्जा छिन्न लिया गया है और अब जम्मू-कश्मीर व श्रीनगर अलग-अलग केंद्र शासित राज्य बन गए है।
जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) से 370 खत्म किए जाने के साथ ही फारूक अब्दुल्ला को हिरासत में ले लिया गया था, लेकिन अब शुक्रवार को उन्हें रिहा कर दिया गया (Jammu & Kashmir-Farooq Abdullah released) है।
फारूक अब्दुल्ला पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) भी हटा दिया गया है।
JUST IN: Farooq Abdullah's detention revoked with immediate effect. He's been under detention since August 5, 2019. No word yet on @OmarAbdullah and @MehboobaMufti. pic.twitter.com/iunsmY3e2c
— Shiv Aroor (@ShivAroor) March 13, 2020
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला पूरे 7 महीनों तक हिरासत में रहे। पांच अगस्त को उन्हें और उनके बेटे व पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सहित अन्य नेताओं को हिरासत में ले लिया गया था।
गौरतलब है कि कुछ समय पहले ही 8 विपक्षी दलों ने बीजेपी की मोदी सरकार से मांग की थी कि कश्मीर में हिरासत में रखे गए सभी नेताओं को जल्द से जल्द आजाद किया जाए।
पीएसए एक्ट (PSA Act) के तहत जिन नेताओं को हिरासत में लिया गया है उनमें तीन पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी शामिल हैं।
इससे पूर्व पीडीपी सांसद मीर मोहम्मद फयाद ने एक राष्ट्रीय चैनल से बातचीत में बताया कि, ‘हम फारूक अब्दुल्ला की रिहाई का स्वागत करते हैं।
हम मांग करते हैं कि हमारी नेता महबूबा मुफ्ती और पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला को भी रिहा किया जाए। अब भारत सरकार को कश्मीर में राजनीतिक संवाद शुरू करना चाहिए।’
ध्यान दें कि आठ विपक्षी पार्टियों की तरफ से भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को एक संयुक्त प्रस्ताव भेजा गया था।
इसमें कहा गया था कि ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में लोकतांत्रिक असहमति को आक्रामक प्रशासनिक कार्रवाई से दबाया जा रहा है। इसने संविधान में निहित न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के बुनियादी सिद्धांतों को जोखिम में डाल दिया है।”
इस प्रस्ताव में आगे कहा गया था कि लोकतांत्रिक मानदंडों, नागरिकों के मौलिक अधिकारों और उनकी स्वतंत्रता पर हमले बढ़ रहे हैं।
इस मुद्दे पर जिन विपक्षी नेताओं ने मीडिया में संयुक्त बयान जारी किया था, उनमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी, पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा, माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा के महासचिव डी.राजा, आरजेडी से राज्यसभा सदस्य मनोज कुमार झा और भाजपा की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे यशवंत सिन्हा व अरुण शौरी भी शामिल थे।
Jammu & Kashmir-Farooq Abdullah released
(इनपुट एजेंसी से भी)