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live madhyapradesh vidhansabha ki sabhi khabren
भोपाल(मध्य प्रदेश) : इस समय मध्यप्रदेश की राजनीति में जबरदस्त उठापठक जारी है l
शिवराज चौहान ने कहा, कमलनाथ फ्लोर टेस्ट करवाएं l फ्लोर टेस्ट को लेकर सियासी भूचाल जारी है l
आज के विधानसभा की कार्यसूची में फ्लोर टेस्ट का जिक्र नहीं है l इस बीच मध्य प्रदेश विधानसभा में बीजेपी के बिधायक पहुँच चूके है l
16 मार्च को मध्यप्रदेश विधानसभा का कार्यकाल सुबह 11.00am बजे से शुरू होगा l
वही बीजेपी के मध्यप्रदेश विधायक गोपाल भार्गव ने कमलनाथ पर तीखा हमला करते हुए कहा कि कमलनाथ फ्लोर टेस्ट के लिए डर रहे हैl
नैतिकता के आधार पर कमलनाथ इस्तीफा दे l इसलिए विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होने की संभावना पर अभी सस्पेंस बना हुआ है l
मध्य प्रदेश के सियासी तूफान में कोरोना का डर भी फैल गया है।
ऐसे में कांग्रेस कोरोना के आड़ में कुर्सी बचाने की पुरजोर कोशिश करती नजर आ रही है।
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इससे पहले,
देश में जहां कोरोना के संक्रमित मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। वहीं कांग्रेस ने अपने विधायकों का कोरोना टेस्ट कराने की बात कही है।
कोरोना के डर के चलते अभी तक तय नहीं हो पाया है कि कल से बजट सत्र शुरू होगा या नहीं।
दरअसल मौजूदा समय में मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार आईसीयू में भर्ती है। सत्ता पक्ष के 22 विधायक त्याग पत्र दे चुके हैं।
कांग्रेस के रहे दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया कमलनाथ का साथ छोडकर कमल के फूल के साथ हो लिए हैं।
ऐसे में मध्य प्रदेश में सियासी बवाल मचा हुआ है। लिहाजा मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने कमलनाथ सरकार को निर्देश दिया है कि,
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16 मार्च को राज्यपाल के अभिभाषण के बाद कमलनाथ सरकार बहुमत सिद्ध करें।
उसे किसी भी कीमत पर टाला नहीं जाए। न ही स्थगित किया जाए और न ही निलंबित किया जाए।
इससे पहले,
MLAs-मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) का सियासी संकट और नाटकीय होता जा रहा है।
विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने शनिवार को सिंधिया समर्थक 6 विधायकों का इस्तीफा मंजूर कर लिया।
इस्तीफा 10 मार्च की तिथि से ही मंजूर किया गया है। ये सभी कमलनाथ (KamalNath) सरकार में मंत्री रह चुके है।
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सिंधिया (Scindia) के समर्थक 6 विधायकों पर कड़ी कार्रवाई करते हुए मध्यप्रदेश स्पीकर ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया है।
गौरतलब है कि इन 6 विधायकों को आज विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति से मिलना था। लेकिन कोई भी स्पीकर से मिलने नहीं पहुंचा।
प्रजापति ने कहा कि मैंने 3 घंटे तक विधायकों का इंतजार किया, लेकिन कोई भी नहीं आया।
ध्यान दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक कुल 22 विधायकों ने मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति को अपने इस्तीफे भेजे हैं।
इनमें से सिंधिया गुट के बागी 19 विधायकों को शुक्रवार शाम तक भोपाल वापस आना था।
यह विधायक बेंगलुरु में थे लेकिन तकरीबन सात घंटे तक सियासी ड्रामा चला और फिर इन सभी का आना कैंसल हो गया।
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Madhya Pradesh: The BJP delegation gave a letter to Governor Lalji Tandon today, requesting him to hold an Assembly Session before 16th March and conduct floor test. They have also requested the Governor for videography of the floor test. https://t.co/8eovaMF1Yy pic.twitter.com/PC46eDcrwN
— ANI (@ANI) March 14, 2020
सभी 19 विधायक एयरपोर्ट तक आकर वहां से वापस अपने होटल लौट गए।
अब मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ने सिंधिया समर्थक 6 विधायको का इस्तीफा मंजूर कर लिया है।
यह सभी कमलनाथ सरकार में मंत्री थे। अब न यह विधायक रहे और न ही मंत्री। इन विधायकों को स्पीकर ने पहले ही शनिवार नोटिस भेजकर हाजिर होने का आदेश दिया था।
22 बागी विधायकों में से 6 विधायकों को शुक्रवार, 7 विधायकों को शनिवार को पेश होना था और बाकी 9 विधायकों को रविवार को उपस्थित होना है।
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विधायकों के न आने पर प्रजापति ने कहा, ‘मैंने तीन घंटे तक विधायकों का इंतजार किया, लेकिन कोई नहीं आया। इनका आचरण सभ्य नहीं था।
इसलिए अब इन 6 विधायकों का इस्तीफा मंजूर किया जाता है।कल फिर नए विधायकों का इंतजार करूंगा।’
सिंधिया समर्थक 6 मंत्रियों को राज्यपाल ने बर्खास्त किया
बेंगलुरु में डेरा डाले बागी 19 विधायकों में से 6 कमलनाथ सरकार में मंत्री भी थे। इनमें से राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ की सिफारिश पर सिंधिया समर्थक इन 6 मंत्रियों को उनके पद से शुक्रवार को ही बर्खास्त कर दिया।
राज्यपाल ने इमरती देवी, तुलसी सिलावट, महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रद्युम्न सिंह सिसोदिया और प्रभुराम चौधरी को उनके मंत्री पद से हटाया है।
ये सभी मंत्री भाजपा में जा चुके अपने नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ चले गए थे।
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