Rajasthan-Political-Crisis-Gehlot-camp-oppose-Sachin-Pilot-sent-5-names
राष्ट्रीय स्तर पर भारत जोड़ो यात्रा(Bharat Jodo Yatra)का आव्हान कर कांग्रेस अपना खोया वजूद तलाशने में जुटी है, लेकिन राजस्थान(Rajasthan)में उठा सियासी संकट(Rajasthan-Political-Crisis)कांग्रेस पर यह कहावत चरितार्थ कर रहा है कि घर को आग घर के ही चिराग ने लगा दी।
कांग्रेस(Congress) में जल्द ही अध्यक्ष पद का चुनाव(Congress President Elections 2022) होने जा रहा है,जिसमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत(Ashok Gehlot)और सांसद शशि थरुर(Shashi Tharoor)के बीच मुख्य मुकाबले की खबर है,
लेकिन उससे पहले ही राजस्थान में गहलोत गुट ने पार्टी आलाकमान पर दवाब की राजनीति बनाते हुए आलाकमान के खिलाफ अपना मोर्चा खोल दिया,जिसके तहत कल ही अशोक गहलोत गुट ने न केवल पार्टी आलाकमान द्वारा बुलाई गई CLP की बैठक का बहिष्कार किया,
बल्कि खुद एक बैठक करके प्रस्ताव पास किया,जिसमें गहलोत कैंप के 92 विधायकों ने सचिन पायलट को सीएम बनाने के फैसले का विरोध करते हुए अपना इस्तीफा सौंप(Rajasthan-Political-Crisis-Gehlot-camp-oppose-Sachin-Pilot-sent-5-names)दिया।
दरअसल,कांग्रेस पार्टी अपने संविधान के तहत,एक व्यक्ति एक पद का नियम जारी कर रही है,जिसमें अगर अशोक गहलोत अध्यक्ष बनते है तो उन्हें राजस्थान के मुख्यमंत्री की सीट छोड़नी होगी,जिसके लिए खुद गहलोत बिल्कुल तैयार नही है।
लेकिन आलाकमान के आदेश को भी दरकिनार नहीं कर सकते।इसलिए उन्होंने बड़ी सियासी चाल चली है और अपने गुट के विधायकों को सचिन पायलट(Sachin Pilot) के विरोध में उतारकर एक प्रस्ताव पास किया,
जिसमें कहा गया कि सोनिया गांधी(Sonia Gandhi)अशोक गहलोत के अध्यक्ष बनने पर सचिन पायलट को नहीं बल्कि गहलोत गुट के समर्थकों में से ही किसी एक को राजस्थान का मुख्यमंत्री(Rajasthan-Political-Crisis-Gehlot-camp-oppose-Sachin-Pilot-sent-5-names)बनाएं।
कांग्रेस के सियासी संकट पर भाजपा भी चुटकी ले रही है और कांग्रेस को सलाह दे रही है कि भारत नहीं बल्कि पहले अपनी पार्टी जोड़ो।
वहीं, कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थान का संकट संभालने के लिए दिल्ली से अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे को राजस्थान भेजा।लेकिन उन दोनों को भी मायूस ही वापस लौटना पड़ा।
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चूंकि अशोक गहलोत कैंप किसी भी हालत में सचिन पायलट को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनते नहीं देखना चाहता।
उल्टा गहलोत ने कांग्रेस के पर्यवेक्षकों को अपने पसंद के पांच नामों की सिफारिश भेज दी है,जिन्हें वह अपनी जगह राजस्थान का मुख्यमंत्री बनते देखना चाहते(Rajasthan-Political-Crisis-Gehlot-camp-oppose-Sachin-Pilot-sent-5-names-for-Rajasthan-CM-to-Sonia-Gandhi)है।
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चलिए सिलसिलेवार तरीके से बताते है कि राजस्थान का सियासी संकट कैसे बढ़ा-Rajasthan-Political-Crisis-Gehlot-camp-oppose-Sachin-Pilot-sent-5-names-Highlights
-कल शाम 7 बजे CLP की बैठक होनी थी।CLP की बैठक में एक प्रस्ताव पास होना था
-CM चुनने का अधिकार आलाकमान को देना था,गहलोत समर्थक विधायक CLP में नहीं पहुंचे।
-CLP की जगह गहलोत समर्थक खाचरियावास के घर पहुंचे।गहलोत समर्थक विधायकों ने एक अलग प्रस्ताव पास किया।
-प्रस्ताव पास कर गहलोत गुट के विधायक वि.सभा अध्यक्ष के घर पहुंचे।गहलोत समर्थकों ने सीपी जोशी को सौंपा इस्तीफ़ा।
-गहलोत गुट का दावा, 92 विधायकों ने सौंपा इस्तीफ़ा। देर रात विधायक स्पीकर के घर से निकले विधायक।
सीएम गहलोत को पार्टी अध्यक्ष नहीं बनना चाहिए
गहलोत कैंप के विधायकों का कहना है कि सीएम गहलोत(Rajasthan CM Ashok Gehlot)को पार्टी अध्यक्ष नहीं बनना चाहिए। उल्लेखनीय है कि सीएम गहलोत भी पार्टी अध्यक्ष नहीं बनना चाहते थे।
लेकिन कांग्रेस आलाकमान के दबाव में तैयार हुए। वहीं, सवाल यह भी है कि अगर अशोक गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बनते हैं तो फिर उन्हें किस आधार पर मुख्यमंत्री पद से हटने को कहा जाएगा।
सीएम गहलोत के साथ 70 से अधिक विधायक है। ऐसे में पार्टी आलाकमान सचिन पायलट को सीएम बनाता भी है तो उनके पास बहुमत नहीं होगा। मतलब साफ है कांग्रेस की सरकार अल्पमत में आ जाएगी।
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