
Ujjain-Moharram-Bawal Juloos-Me-Baircade-Tode
तय रूट से हटकर निकला जुलूस, पुलिस ने की सख्त कार्रवाई
उज्जैन: मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में रविवार को मोहर्रम जुलूस के दौरान अचानक हालात बिगड़ गए। खजूर वाली मस्जिद चौराहा पर मुस्लिम समाज के कुछ लोगों ने पुलिस प्रशासन के आदेशों का उल्लंघन करते हुए तय मार्ग से हटकर जुलूस ले जाने की कोशिश की। इस दौरान भीड़ ने पुलिस बैरिकेडिंग गिरा दी और जुलूस को प्रतिबंधित मार्ग पर घुमा दिया।
मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों ने स्थिति संभालने के लिए तत्काल लाठीचार्ज किया। इस घटना में दो पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं।
तीन दिन पहले हुई थी रूट तय करने की बैठक
पुलिस प्रशासन ने मोहर्रम के आयोजन को लेकर तीन दिन पहले ही मुस्लिम समाज के वरिष्ठ लोगों और आयोजकों के साथ बैठक की थी।
इस बैठक में मोहर्रम जुलूस के रूट पर लिखित सहमति बनी थी। तय हुआ था कि जुलूस निकास चौराहे की ओर जाएगा, लेकिन बेगम बाग क्षेत्र के कुछ लोगों ने तय मार्ग का पालन नहीं किया।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह सब पूर्व नियोजित योजना का हिस्सा था। आयोजकों पर पहले से ही रूट बदलने की आशंका जताई जा रही थी, इसलिए अतिरिक्त फोर्स तैनात किया गया था।
पुलिस बैरिकेड गिराते हुए जुलूस आगे बढ़ा
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, खजूर वाली मस्जिद से आगे निकलते वक्त कुछ लोग जुलूस को अब्दालपूरा की ओर ले जाने लगे, जो कि पूरी तरह से प्रतिबंधित मार्ग था।
मना करने पर भीड़ ने पुलिसकर्मियों से धक्का-मुक्की की और बैरिकेड गिरा दिए।
लाठीचार्ज के बाद कुछ देर के लिए भगदड़ मच गई। हालात काबू में आने पर पुलिस ने आयोजक और 15 अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया।
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एसपी उज्जैन प्रदीप शर्मा ने क्या कहा?
एसपी प्रदीप शर्मा ने प्रेस वार्ता में कहा:
“बैठक में तय रूट के खिलाफ जुलूस निकालने की कोशिश की गई। बैरिकेडिंग तोड़ने और पुलिस पर हमला करने वालों की पहचान कर ली गई है। आयोजक इरफान खान उर्फ लल्ला सहित 16 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। आगे और लोगों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी।”
मुस्लिम समाज के नेताओं ने जताया रोष
इस घटना पर ईद मिलादुन्नबी जुलूस कमेटी के सहसचिव एडवोकेट मकसूद अली ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा:
“जब रूट बैठक में तय हो चुका था तो कुछ लोग जुलूस को गलत रास्ते पर क्यों ले गए? इससे समाज की छवि धूमिल हुई है। ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”
मकसूद अली ने यह भी कहा कि इस तरह की हरकतों से मुस्लिम समाज हंसी का पात्र बनता है, जो बेहद शर्मनाक है।
जानें मोहर्रम जुलूस के नियम और परंपराएं
मोहर्रम इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना होता है।
शिया और सुन्नी दोनों संप्रदाय इस दिन अलग-अलग तरीकों से मातम करते हैं।
उज्जैन में हर साल मोहर्रम जुलूस बड़ी संख्या में निकाला जाता है।
स्थानीय प्रशासन की अनुमति और तय रूट का पालन अनिवार्य है।
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प्रशासन की अपील
पुलिस प्रशासन ने सभी समुदायों से अपील की है कि वे तय नियमों का सख्ती से पालन करें।
किसी भी आयोजन में रूट बदलने या कानून हाथ में लेने की कोशिश पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।