शायरी : जाने कौन सी शौहरत पर आदमी को नाज़ है, जो खुद-आखरी सफर के लिए भी, औरों का मोहताज़ है.
life shayaris zindagi shayri india ki shayari जाने कौन सी शौहरत पर आदमी को नाज़ है…. जो खुद, आखरी सफर के लिए भी औरों का मोहताज़ है. बंजर नहीं हूं मैं…. मुझमें बहुत सी नमी है……! दर्द बयां नही करता…. बस इतनी सी कमी है…..!!!! अहमियत *उनकी ज्यादा होती है… अहम *जिनमें … Continue reading शायरी : जाने कौन सी शौहरत पर आदमी को नाज़ है, जो खुद-आखरी सफर के लिए भी, औरों का मोहताज़ है.
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