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शायरी : शाॅपिंग में मशगूल बीवी का सब्र से साथ देना भी, मुहब्बत है गालिब…

ज़रूरी नहीं हर कोई ताज महल बनवाता फिरे ..

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 शॉपिंग में मशगूल बीवी
का सब्र से साथ देना भी
मोहब्बत है गालिब
ज़रूरी नहीं हर कोई
ताजमहल बनवाता फिरे

दर्द शायरी : दर्द के बाजार में खूब तरक्की कमा रहा हूँ….

 

मोहब्बत शायरी : कुछ इस अदा से निभाना है किरदार मेरा मुझको…!

मोहब्बत शायरी : कुछ इस अदा से निभाना है किरदार मेरा मुझको…!

कारवाँ  ए जिंदगी 

हसरतों के सिवा 

कुछ भी नहीं 

ये किया नहीं, वो हुआ नहीं 

ये मिला नहीं, वो रहा नहीं..

शायरी : आस एक झूठी ही दे जाओ कि बहला सकूँ उसे, आँगन में शाम तो आयेगी तेरे जाने के बाद भी..!!

शायरी : आस एक झूठी ही दे जाओ कि बहला सकूँ उसे, आँगन में शाम तो आयेगी तेरे जाने के बाद भी..!!

दूरियाँ
तो पहले ही आ चुकी थी ज़माने में ,

कोरोना ने आकर
इल्ज़ाम अपने सर ले लिया ।

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आरजू शायरी : तेरी आरजू ने कुछ यू दीवाना किया, ख्वाब की जूस्तजु ने खुद से बेगाना किया..

बारिश शायरी : बादलों के दरमिया साजिश होने लगी…कल उसने मिलने का वादा किया था…

इश्क शायरी : इश्क़ जब इबादत बन जाता है तो खुदा खुद हमारे इश्क़ की

Life Shayari : हवाओं की भी अपनी…अजब सियासतें हैं साहब,

कोरोना शायरी : दूरियाँ तो पहले ही आ चुकी थी ज़माने में…..

मुस्कान शायरी : हम तो खुशियाँ उधार देने का कारोबार करते हैं, साहब…!

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