
नई दिल्ली:Basant Panchami 2025 date kab hai-puja shubh muhurat:गुलाबी ठंड के मौसम की आहट और सर्दियों की विदाई बसंत पंचमी(Basant Panchami)के दिन से ही हो जाती है।
ऋतुओं में सर्वश्रेष्ठ मौसम अगर किसी को कहा गया है तो वह है-बसंत का मौसम।
बसंत पंचमी का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती(Saraswati Puja)की पूजा का विधान है।
यही कारण है कि कई जगहों पर बसंत पंचमी को सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है और कुछ लोग इसे ऋषि पंचमी(Rishi Panchami)भी बुलाते है।
हिंदू पंचागानुसार,बसंत पंचमी(Vasant Panchami)का पावन पर्व प्रतिवर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।
इस वर्ष लोगों के बीच संशय व्याप्त है कि आखिर बसंत पंचमी कब है– 2 फरवरी या 3 फरवरी(Basant Panchami 2025 date kab hai)?
आपको बता दें कि इस वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का आरंभ 2 फरवरी 2025 को सुबह 9 बजकर 14 मिनट पर हो रहा है और इसकी समाप्ति 03 फरवरी को प्रातः 06 बजकर 52 मिनट पर होगी। ऐसे में बसंत पंचमी का त्यौहार 2 फरवरी 2025,रविवार(Basant Panchami 2025)को मनाया जाएगा।
मान्यता है कि माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मां सरस्वती ब्रह्माजी के मुख से प्रकट हुई थी, और इसीलिए इस तिथि को बसंत पंचमी के पर्व के रूप में मनाया जाता है।

जानें बसंत पंचमी कब है,क्या है सही तिथि-Basant Panchami 2025 Kab Hai
हिंदू पंचागानुसार,माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि का आरंभ चूंकि रविवार, 2 फरवरी 2025 को सुबह 9 बजकर 14 मिनट पर हो रहा है और 3 फरवरी को सूर्य उदय के साथ ही पंचमी तिथि की समाप्ति हो रही है,जोकि माघ मास की शुक्ल पंचमी तिथि का क्षय माना जा रहा है।
ऐसे में ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, बसंत पंचमी का पर्व 2 फरवरी 2025 को ही मनाया जाएगा और इसी दिन मां सरस्वती की पूजा की जाएंगी।
2 फरवरी को बसंत पंचमी के त्रिमुहूर्त मिल रहे है। इसलिए 2 फरवरी को ही बसंत पंचमी मनाई जा रही(Basant Panchami 2025 date kab hai-puja shubh muhurat)है।
बसंत पंचमी के दिन पीले रंग का विशेष महत्व होता है। इस दिन मां सरस्वती को पीले फलों का भोग लगाया जाता है। पीले वस्त्र पहनकर मां सरस्वती की पूजा की जाती है और पीली मिठाई से मां सरस्वती का भोग लगाया जाता है।
चलिए अब आपको बताते है बसंत पंचमी की पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व क्या(Basant Panchami 2025 date kab hai-puja shubh muhurat) है।
बसंत पंचमी 2025 की पूजा का शुभ मुहूर्त- Basant Panchami 2025 puja shubh Muhurat

बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त कब है यह जानना बहुत जरूरी(Basant Panchami 2025 date kab hai-puja shubh muhurat)है।
2 फरवरी 2025 को सुबह 7 बजकर 9 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक पूजा कर सकते हैं।
इस वर्ष बसंत पंचमी 2 फरवरी 2025 को है।
इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा का विशेष महत्व है। शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 9 मिनट से शुरू होगा। दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक पूजा कर सकते हैं।
बसंत पंचमी की पूजा का महत्व- Basant Panchami Puja Importance
बसंत पंचमी पर शिक्षा और संगीत से जुड़े लोग मां सरस्वती की पूजा करते हैं। वे ज्ञान की देवी से बुद्धि और विद्या की कामना करते हैं। यह त्योहार पूरे देश में मनाया जाता है।
शिक्षक और छात्र दोनों ही इस दिन सरस्वती पूजा में शामिल होते हैं। बसंत पंचमी का त्योहार ज्ञान और कला की देवी, मां सरस्वती को समर्पित है।
इस दिन लोग विधि-विधान से उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। मां सरस्वती से ज्ञान और बुद्धि की वृद्धि के लिए प्रार्थना की जाती है। लोग पूरे साल इस पर्व का इंतजार करते हैं।

बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा में इन वस्तुओं का लगा सकते है भोग
पीले रंग के पुष्प-बसंत पंचमी के दिन पीले रंग का विशेष महत्व होता है। कहते हैं कि बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को पीले पुष्प अर्पित करना शुभ होता है।
इससे वह प्रसन्न होती हैं और ज्ञान का वरदान देती हैं। इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनना भी उत्तम माना जाता है।
पेन, कॉपी, किताब- बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा में पेन, कॉपी, किताब आदि को शामिल करना चाहिए। कहते हैं कि इससे ज्ञान और बुद्धि के वरदान की प्राप्ति होती है।
पीले रंग की मिठाई का भोग-मां सरस्वती की पूजा विधि-विधान से करने के बाद उन्हें पीले रंग की मिठाई का भोग लगाना चाहिए।
ऐसे में मां सरस्वती को बेसन का लड्डू या बूंदी अर्पित की जा सकती है। मां सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए खीर या मालपुए का भोग लगाया जा सकता है।
asant Panchami 2025 date kab hai-puja shubh muhurat
बसंत पंचमी 2025 पूजा विधि-Basant-Panchami-2025-Puja-Vidhi
-बसंत पंचमी के दिन पीले वस्त्र धारण करके माथे पर एक पीला तिलक लगाकर देवी सरस्वती की पूजा करें।
-ओम् ऐं सरस्वत्यै नमः इस मंत्र का जाप करना उत्तम होता है। ऐसे में पूजा के दौरान ऐसा करें।
-इसके बाद मां सरस्वती की पूजा में पीले वस्त्र, पीले फूल, पीली मिठाई, हल्दी और पीले रंग का इस्तेमाल करना चाहिए।
-माता सरस्वती की पूजा के बाद हवन और उनकी आरती करें।
-पूजन के अंत में प्रसाद वितरित करें। इस दिन मां सरस्वती को पीले रंग की मिठाईयों, फलों का भोग लगाया जाता है।
(इनपुट एजेंसी से भी)
अस्वीकरण: यह पोस्ट सामान्य जानकारी के आधार पर लिखी गई है। समयधारा इसकी सटीकता की जिम्मेदारी नहीं लेता।
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(Basant Panchami 2025 date kab hai-puja shubh muhurat)