
Navratri Day1 MaaShailputri Hindi
📌 शुरुआत – दिन 1: माँ शैलपुत्री
🎥 1: माँ शैलपुत्री का परिचय
“नवरात्रि का पहला दिन समर्पित है माँ शैलपुत्री को। पर्वतराज हिमालय की पुत्री, ये माँ का सबसे पवित्र स्वरूप मानी जाती हैं। नंदी बैल पर सवार, हाथ में त्रिशूल और कमल धारण करती हैं। इनकी पूजा से जीवन में शांति और नई ऊर्जा का संचार होता है।”
🎥 2: माँ शैलपुत्री की जन्म कथा
“माँ शैलपुत्री पूर्व जन्म में सती थीं। जब सती ने पिता दक्ष के यज्ञ में आत्मदाह किया, तब अगले जन्म में वे हिमालय की पुत्री बनीं। इसी कारण उनका नाम पड़ा ‘शैलपुत्री’। ये कथा हमें त्याग और समर्पण का संदेश देती है।”
🎥 3: माँ शैलपुत्री का बीज मंत्र
“माँ शैलपुत्री का बीज मंत्र है –
ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः।
इस मंत्र का जाप करने से मनुष्य के भीतर साहस और आत्मविश्वास बढ़ता है।”
🎥 4: माँ शैलपुत्री की पूजा विधि
“पहले दिन माँ शैलपुत्री की पूजा में शुद्ध सफेद फूल चढ़ाएँ, गंगाजल से जल अर्पित करें। धूप, दीप और नैवेद्य समर्पित करें। अंत में बीज मंत्र का जाप कर माँ से शक्ति और शांति की प्रार्थना करें।”
🎥 5: माँ शैलपुत्री की आरती (संक्षिप्त अंश)
जय शैलपुत्री माँ जय शैलपुत्री।
पर्वतराज हिमालय की बेटी।।
सवारी बैल की है, त्रिशूल धारी।
चन्द्र मुकुट मस्तक पर शोभा न्यारी।।
माँ शैलपुत्री की जो करे आराधना।
उसका जीवन हो जाता सुखसाधना।।
भक्तजन मिलकर आरती उतारें।
माँ के चरणों में शीश झुकाएँ।।
जय शैलपुत्री माँ जय शैलपुत्री।
पर्वतराज हिमालय की बेटी।।
“जय शैलपुत्री माँ, जय शैलपुत्री।
नवरात्रि के पहले दिन ये आरती गाने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।”
🎥 6: पहले दिन का रंग – सफेद का महत्व
“नवरात्रि के पहले दिन सफेद रंग पहनना अत्यंत शुभ माना जाता है। सफेद रंग शांति, पवित्रता और नई शुरुआत का प्रतीक है। माँ शैलपुत्री की कृपा से साधक का मन स्थिर और निर्मल होता है।”
🎥 7: माँ शैलपुत्री और नंदी बैल का रहस्य
“माँ शैलपुत्री का वाहन है नंदी बैल। बैल धैर्य, शक्ति और निष्ठा का प्रतीक है। ये हमें सिखाते हैं कि श्रद्धा और विश्वास के साथ जीवन की कठिनाइयों को सहजता से पार किया जा सकता है।”
🎥 8: माँ शैलपुत्री से प्राप्त आशीर्वाद
“माँ शैलपुत्री की पूजा करने से साधक को चित्त की शुद्धि, मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। ये माँ जीवन में स्थिरता और आत्मबल का संचार करती हैं।”
🎥 9: माँ शैलपुत्री की रोचक कथा
“कहा जाता है कि माँ शैलपुत्री के प्रभाव से देवताओं को असुरों पर विजय प्राप्त हुई थी। इसीलिए इनकी उपासना से हर संकट का निवारण होता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।”
🎥 10: माँ शैलपुत्री के ज्योतिषीय उपाय
“जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है, वे पहले दिन माँ शैलपुत्री की आराधना करें। सफेद वस्त्र दान करें और गौ माता को भोजन कराएँ। इससे मानसिक तनाव दूर होता है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।”
🌸 दिन 1 – माँ शैलपुत्री
1️⃣ परिचय
“नवरात्रि के पहले दिन हम माँ शैलपुत्री की पूजा करते हैं। ये हिमालय की पुत्री हैं और बैल की सवारी करती हैं। हाथ में त्रिशूल और कमंडल धारण किए हुए ये देवी शक्ति, स्थिरता और संयम की प्रतीक हैं। शैलपुत्री का रंग लाल या पीला माना जाता है, जो उर्जा और सकारात्मकता का प्रतीक है।”
2️⃣ कथा और पौराणिक महत्व
“माँ शैलपुत्री वही शक्ति हैं जिन्होंने पृथ्वी पर अराजकता और भय का नाश किया। पुराणों के अनुसार, जब ब्रह्मा, विष्णु और शिव की शक्तियाँ धरती पर कार्य करने के लिए संयुक्त हुईं, तब उन्होंने शैलपुत्री का रूप धारण किया। भक्तों की श्रद्धा और भक्ति से उनका जीवन स्थिर और सुख-समृद्धि से भर जाता है।”
Navratri Day1 MaaShailputri Hindi
3️⃣ मंत्र और जाप विधि
बीज मंत्र:
ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः
जाप विधि:
- दिन में कम से कम 108 बार जाप करें।
- ध्यान रखें कि मन में केवल माँ की भक्ति हो।
- मंत्र जाप के दौरान लाल फूल या कमल अर्पित करें।
4️⃣ पूजा और भोग विधि
- पहले दिन लाल या पीले रंग के फूल अर्पित करें।
- दीपक जलाएं और त्रिशूल व कमंडल को ध्यान में रखें।
- भोग में नारियल, हलवा या मीठा अर्पित करें।
- श्रद्धा और भक्ति भाव से पूजा करें।
5️⃣ रंग और पहनावे का महत्व
“पहले दिन का रंग पीला या लाल पहनना शुभ माना जाता है। यह रंग उर्जा, शक्ति और सकारात्मकता का प्रतीक है। माँ शैलपुत्री की कृपा इन रंगों में और बढ़ती है।”
6️⃣ आरती (पूर्ण पाठ)
“आरती का महत्व पूजा में अत्यधिक है। यह माँ की महिमा का गान करती है और भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करती है।”
**शैलपुत्री माँ बैल असवार।
करें देवता जय जयकार।
शिव शंकर की प्रिय भवानी।
तेरी महिमा किसी ने ना जानी।
पार्वती तू उमा कहलावे।
जो तुझे सिमरे सो सुख पावे।
ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू।
दया करे धनवान करे तू।
सोमवार को शिव संग प्यारी।
आरती तेरी जिसने उतारी।
उसकी सगरी आस पुजा दो।
सगरे दुख तकलीफ मिला दो।
घी का सुंदर दीप जला के।
गोला गरी का भोग लगा के।
श्रद्धा भाव से मंत्र गाएं।
प्रेम सहित फिर शीश झुकाएं।
जय गिरिराज किशोरी।
शिव मुख चंद्र चकोरी अंबे।
मनोकामना पूर्ण कर दो।
भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो।”**
7️⃣ आशीर्वाद और उपाय
“जो भक्त पूरे श्रद्धा भाव से माँ शैलपुत्री की पूजा करते हैं, उन्हें जीवन में स्थिरता, सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। अगर आप घर में सुख-शांति चाहते हैं तो रोजाना पूजा और मंत्र जाप अवश्य करें।”