Navratri Special Day 1 – अगर विपदाओं से पाना हो छुटकारा, माँ शैलपुत्री की शरण में आना

Maa Shailputri कि खास बात यह है कि इस दिन माता कि पूजा करने से अच्छी सेहत प्राप्त होती है।

अगर विपदाओं से पाना हो छुटकारा, माँ शैलपुत्री की शरण में आना

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नई दिल्ली,  (समयधारा) : आज से शारदीय नवरात्रि का आगाज हो गया l

इस दौरान नौ दिन और माता के नौ रूप और इन नौ रूपों के बारे में हम आपको अवगत कराएँगे l

माँ के नौ दिन का अपना विशिष्ठ महत्व है.. इस पूरे नवरात्र कोई तिथि क्षय नहीं है,

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इस बार शारदीय नवरात्र 15 से 23 अक्टूबर के बीच रहेंगे हालाँकि नवरात्र के नौ दिनों में कोई तिथि क्षय तो नहीं होगी

लेकिन 23 तारिख को नवमी तिथि समाप्त हो जाएगी। इसके दूसरें दिन यानी विजयदशमी (दशहरा) का त्यौहार है l

नवरात्र: किसी तिथि का क्षय नहीं 
प्रतिपदा – 15 अक्टूबर 
द्वितीय – 16 अक्टूबर 
तृतीया  – 17 अक्टूबर 
चतुर्थी – 18 अक्टूबर 
पंचमी – 19 अक्टूबर 
षष्टी – 20 अक्टूबर 
सप्तमी – 21 अक्टूबर 
अष्टमी – 22 अक्टूबर 
नवमी – 23 अक्टूबर
इन बातों का ध्यान रखें

शारदीय नवरात्र पर जौ बोएं। इससे वातावरण शुद्ध होता है और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है

घर के वातावरण शुद्ध करने के लिए पीली सरसो या हल्दी, सेंधा नमक और लोंग से अग्यारी करें।

इन नौ दिनों में आज पहला दिन माँ शैलपुत्री का है इसके बारे में विस्तृत जानकारी इस प्रकार है …l

1. पहला नवरात्रा, रविवार 15 अक्टूबर 2023, माँ शैलपुत्री जी

Maa Shailputri कि खास बात यह है कि इस दिन माता कि पूजा करने से अच्छी सेहत प्राप्त होती है।

चोला (मैरुन). भोग (सफेद चीजें, या गांय के घी से बनी). यह सब करने से, सभी प्रकार के रोगो से मुक्ति मिल जाती हैl

शैलपुत्री ( पहला दिन )
नवरात्र के पहले दिन मां के रूप शैलपुत्री की पूजा की जाती है। पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री के रूप में जन्म लेने के कारण इनका नाम ‘ शैलपुत्री ‘ पड़ा।

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माता शैलपुत्री का स्वरुप अति दिव्य है। मां के दाहिने हाथ में त्रिशूल है और मां के बाएं हाथ में कमल का फूल सुशोभित है।

मां शैलपुत्री बैल पर सवारी करती हैं। मां को समस्त वन्य जीव-जंतुओं का रक्षक माना जाता है। इनकी आराधना से आपदाओं से मुक्ति मिलती है।

घटस्थापना का शुभ मुहूर्त्त

शारदीय नवरात्रि के लिए घटस्थापना का शुभ मुहूर्त ( शनिवार) 

  • घटस्थापना दि.15 अक्टूबर – घटस्थापना मुहूर्त 11:44am से 12:30pm (0.46 मिनट)
  • सप्तत्रोत्सव 17 अक्टूबर से 
  • पंचरात्रउत्सव 19 अक्टूबर से
  • त्रिरात्रिउत्सव 21 अक्टूबर से

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जानिये नवरात्रि के 9 रंग(Color) और उनके महत्व के बारें में

  • 22 अक्टूबर  को रात्रि महोत्सव
  • ललिता पंचमी 19 अक्टूबर
  • 22 अक्टूबर को महाअष्टमी व्रत
  • 23 अक्टूबर को महानवमी व्रत/ 23 अक्टूबर को नवरात्रि है l

नवरात्रि के 4 मुख्य भाग हैं l  1) देव स्थापना 2) मालाबंधन 3) अखण्ड नंदादीप 4) कुमारिका पूजन.

  • नवरात्रि के दौरान जिस देवी की पूजा की जाती है, उसकी पूजा करते समय, उस देवी के पाट पर थोड़ा सा पानी छिड़कना चाहिए और हर दिन हार-फूल बदलना चाहिए, लेकिन अन्य देवी-देवताओं की पूजा हमेशा की तरह ही जरुर करनी चाहिए। लेकिन कुछ लोग नवरात्रि के दौरान अन्य देवताओं की पूजा नहीं करते l

 

Reena Arya: रीना आर्य www.samaydhara.com की फाउंडर और एडिटर-इन-चीफ है। रीना आर्य ने पत्रकारिता के महज 6-7 साल के भीतर ही अपने काम के दम पर न केवल बड़े-बड़े ब्रांड्स में अपनी पहचान बनाई बल्कि तमाम चुनौतियों और पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाते हुए समयधारा.कॉम की नींंव रखी। हर मुद्दे पर अपनी ज्वलंत और बेबाक राय रखने वाली रीना आर्य एक पत्रकार, कंटेंट राइटर,एंकर और एडिटर की भूमिका निभा चुकी है।