
NavratriDay3 MaaChandraghantaWorship KnowEverything PujaVidhi-Mantra-Aarti-Katha-hindi
🌸 दिन 3 – माँ चंद्रघंटा
1: माँ चंद्रघंटा का परिचय
“नवरात्रि के तीसरे दिन पूजी जाती हैं माँ चंद्रघंटा। इनके मस्तक पर अर्धचंद्र के आकार की स्वर्णिम घंटा सुशोभित है। यही कारण है कि इन्हें ‘चंद्रघंटा’ कहा जाता है। इनकी पूजा से साधक का मन साहस और शौर्य से भर जाता है।”
2: माँ चंद्रघंटा की कथा
“कथा है कि माँ दुर्गा ने असुरों का संहार करने के लिए अपने चंद्रघंटा रूप को धारण किया। इस रूप में माँ का स्वरूप अद्भुत और अत्यंत तेजस्वी है। इनकी पूजा से हर प्रकार के भय और संकट का नाश होता है।”
3: माँ चंद्रघंटा का बीज मंत्र
“माँ चंद्रघंटा का बीज मंत्र है –
ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः।
इस मंत्र का जाप करने से साधक को निर्भयता और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।”
4: माँ चंद्रघंटा की पूजा विधि
“तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा में सुनहरे या पीले फूल चढ़ाएँ। दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएँ। धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित करें और फिर मंत्र का जाप करें। इससे माँ शीघ्र प्रसन्न होती हैं।”
5: माँ चंद्रघंटा की आरती (संक्षिप्त अंश)
जय चंद्रघंटा माँ जय जय जय माँ।
सिंहवाहिनी जय भवानी।।
त्रिनेत्र धारी, कर में अस्त्र सजाए।
घण्टा बजता, दानव भाग जाए।।
तेरी महिमा का बखान कौन करे।
जो तेरा ध्यान करे, भय दूर हटे।।
भक्तों की रक्षा करती माँ प्यारी।
सुख-समृद्धि देती, संकट टाली।।
जय चंद्रघंटा माँ जय जय जय माँ।
सिंहवाहिनी जय भवानी।।
“जय माँ चंद्रघंटा, सुख-समृद्धि दायिनी।
इनकी आरती गाने से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।”
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6: तीसरे दिन का रंग – पीले का महत्व
“नवरात्रि के तीसरे दिन पीला रंग पहनना शुभ माना जाता है। यह रंग ज्ञान, प्रकाश और समृद्धि का प्रतीक है। यह रंग माँ चंद्रघंटा की ऊर्जा को आकर्षित करता है।”
7: माँ चंद्रघंटा और उनकी घंटी का रहस्य
“माँ चंद्रघंटा के मस्तक पर स्थित स्वर्णिम घंटी से इतनी तीव्र ध्वनि निकलती है कि राक्षस भयभीत होकर भाग जाते हैं। ये घंटी बुरी शक्तियों का नाश करने और साधक की रक्षा करने का प्रतीक है।”
8: माँ चंद्रघंटा से प्राप्त आशीर्वाद
“माँ चंद्रघंटा की उपासना से शत्रुओं पर विजय, साहस की प्राप्ति और भय का नाश होता है। साधक का मन शांति से भर जाता है और आत्मविश्वास बढ़ता है।”
9: माँ चंद्रघंटा की रोचक कथा
“एक कथा के अनुसार, माँ चंद्रघंटा की दहाड़ और उनकी घंटी की ध्वनि से असुर सेनाएँ काँप उठीं। असुरों का विनाश हुआ और देवताओं ने विजय प्राप्त की। यही कारण है कि इन्हें वीरता का प्रतीक माना जाता है।”
10: माँ चंद्रघंटा से जुड़े उपाय
“तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा कर शहद का भोग लगाने से साधक को वाणी में मधुरता और आकर्षण की शक्ति मिलती है। यह उपाय विवाद और कलह को समाप्त करता है।”
🌸 दिन 3 – माँ चंद्रघंटा
1️⃣ परिचय
“नवरात्रि के तीसरे दिन हम माँ चंद्रघंटा की पूजा करते हैं। ये देवी सिंह पर सवार हैं, तीन नेत्रधारी और हाथों में अस्त्र-शस्त्र लिए हुए हैं। चंद्रघंटा साहस, शक्ति और भयहरण की देवी हैं। भक्तों का भय हराने वाली ये देवी अत्यंत शक्तिशाली और करुणामयी हैं।”
2️⃣ कथा और पौराणिक महत्व
“कथा के अनुसार, जब राक्षसों ने संसार में अराजकता फैला दी थी, तब माँ चंद्रघंटा ने अपने भयंकर रूप से उनका संहार किया और धर्म की स्थापना की। भक्तों की भक्ति और श्रद्धा से जीवन में साहस, शक्ति और मानसिक स्थिरता आती है।”
3️⃣ मंत्र और जाप विधि
बीज मंत्र:
ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः
जाप विधि:
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- कम से कम 108 बार जाप करें।
- ध्यान रखें कि मन में केवल माँ की भक्ति हो।
- मंत्र जाप के समय लाल फूल और दीपक का उपयोग करें।
4️⃣ पूजा और भोग विधि
- लाल फूल अर्पित करें।
- दीपक जलाएं और देवी के चित्र या मूर्ति के सामने रखें।
- भोग में हलवा, गुड़, दूध या मीठा रखें।
- पूरी श्रद्धा और भक्ति भाव से पूजा करें।
5️⃣ रंग और पहनावा
“तीसरे दिन का शुभ रंग पीला या सुनहरा है। यह शक्ति, साहस और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है।”
6️⃣ पूर्ण आरती (मंदिरों में गाई जाने वाली)
**जय चंद्रघंटा माता, जय भवानी।
सिंह पर सवारी, तीन नेत्र सुहावनी।
हाथ में शंख, त्रिशूल, गदा और कमल।
भक्तों के जीवन से सभी भय हरानी।
जो कोई भी तेरा ध्यान करे।
उसके घर में सुख-शांति आये।
मनोकामना सभी पूर्ण हो जाएं।
भक्ति से जीवन सफल और मंगलमय हो।
आरती तेरी भक्त गाएं।
सभी संकट और दुख दूर करें।
सुख, समृद्धि, वीरता दें माँ।
जय चंद्रघंटा माता, जय भवानी।
भक्तों के जीवन में साहस और शक्ति बढ़ाओ।
अंधकार और भय से दूर रखो।
भक्ति भाव से शीश तुझे झुकाएं।
सदा कृपा दृष्टि बनाए रखना।
जय चंद्रघंटा माता, जय भवानी।
सिंह पर सवारी, तीन नेत्र सुहावनी।
हाथ में शंख, त्रिशूल, गदा और कमल।
भक्तों के जीवन से सभी भय हरानी।
जय चंद्रघंटा माता, जय भवानी।
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7️⃣ आशीर्वाद और उपाय
“जो भक्त पूरे श्रद्धा भाव से माँ चंद्रघंटा की पूजा करते हैं, उनके जीवन से भय, नकारात्मकता और संकट दूर होते हैं। उनका जीवन साहस, शक्ति, सफलता और सकारात्मक ऊर्जा से भर जाता है। रोजाना मंत्र जाप और पूजा से घर में सुख-शांति बनी रहती है।”