Thoughts : मनुष्य ना टूटता है, ना बिखरता है, बस थक जाता है,कभी स्वयं से-कभी भाग्य से तो कभी अपनों से
परख से परे है ये शख्शियत मेरी मैं उन्हीं की हूँ, जो मुझ पे यकीं रखते हैं - सुविचार
Thoughts Suvichar Suprabhat Quotes in hindi
मनुष्य ना टूटता है
ना बिखरता है
बस थक जाता है
कभी स्वयं से
कभी भाग्य से
तो कभी अपनों से
अपमान करना किसी के “स्वभाव” में
हो सकता है, पर सम्मान करना हमारे
संस्कार में होना चाहिए !!
और महिलाएं इसका एक आदर्श उदाहारण है…
परख से परे है ये शख्शियत मेरी
मैं उन्हीं की हूँ, जो मुझ पे यकीं रखते हैं
(स्त्री पर यह बात 100% लागू होती है)
मन ऐसा रखो कि
किसी को बुरा न लगे, दिल ऐसा रखो कि
किसी को दुःखी न करें।
रिश्ता ऐसा रखो कि उसका अंत न हो
और आपकी जिंदगी में स्त्री से रिश्ता ही सच्चा रिश्ता है l
चाहे वो बहन-बीवी का रिश्ता हो या,
चाची-नानी-दादी-मामी हो या माँ का….
हर रोज़ गिरकर भी
मुक़म्मल खड़े हैं..!
ऐ ज़िंदगी देख,
मेरे हौसले तुझसे भी बड़े हैं.!!
सफल जीवन के चार सूत्र….
1) मेहनत करे तो धन बने…
2) सबर करे तो काम…
3) मीठा बोले तो पहचान बने…
4) इज्जत करे तो नाम…
Tuesday thoughts : माना की आप किसी का भाग्य नहीं बदल सकते
Monday Thoughts : कौन क्या कर रहा है ? कैसे कर रहा है ? क्यों कर रहा है ?