Nasamajh Sayari
- हिंदी शायरी
शायरी – नासमझ हूँ साहब, शब्दों की मिट्टी से महफ़िल सजाता हूँ..
Sayaris In Hindi Love Shayri नासमझ हूँ साहब, शब्दों की मिट्टी से महफ़िल सजाता हूँ.. किसी को बेकार तो किसी…
Read More »
Sayaris In Hindi Love Shayri नासमझ हूँ साहब, शब्दों की मिट्टी से महफ़िल सजाता हूँ.. किसी को बेकार तो किसी…
Read More »