sayris
- शायरी
शायरी : हथेली पर रखकर नसीब.. “तु क्यों अपना मुकद्दर ढूँढ़ता है..”
jindagi-shayaris shayri-ki-duniya shayari-ki-dairy sayri-hi-sayri कौन कहता हैं की, नेचर और सिग्नेचर कभी बदलता नही बस एक चोट की दरकार हैं!!…
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शायरी : हथेली पर रखकर नसीब.. "तु क्यों अपना मुकद्दर ढूँढ़ता है.."
jindagi-shayaris shayri-ki-duniya shayari-ki-dairy sayri-hi-sayri कौन कहता हैं की, नेचर और सिग्नेचर कभी बदलता नही बस एक चोट की दरकार हैं!!…
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कोरोना की बेहतरीन नई शायरी : मशरूफ थे सारे अपनी जिंदगी की उलझनों में,
corona-shayri corona-virus-shayaris sayris-shayri-hi-shayri lockdown-shayari कुदरत का कहर भी जरूरी था साहब हर कोई खुद को खुदा समझ रहा था….. ===========…
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कोरोना शायरी : मुद्दत बाद जब उसने मेरी खामोश आँखें देखी तो..!!
corona-shayari lockdown-shayris indian-shayaris sayri-ki-duniya sayris मुद्दत बाद जब उसने मेरी खामोश आँखें देखी तो..!! ये कहकर फिर रुला गया कि…
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