डार्क नेट पर बिक रहा है आपका आधार,पैन,पासपोर्ट,खतरे में 1 लाख से ज्यादा लोग
बुधवार को साइबर सुरक्षा से जुड़ी फर्म साइबल ने जानकारी दी....
Aadhaar-PAN-passport and other IDS on dark net for sale
नई दिल्ली:कोरोनावायरस(Coronavirus)महामारी में साइबर क्राइम(Cyber crime)काफी बढ़ गया है। ऐसे में अगर आपको पता चले कि आपका आधार कार्ड,पैन कार्ड और पासपोर्ट सहित अन्य राष्ट्रीय पहचान पत्रों की स्कैन कॉपियां डार्क नेट(Dark Net)पर बिक रही है तो? यकीनन खबर परेशान करने वाली है लेकिन सच है।
गौरतलब है कि बुधवार को साइबर सुरक्षा से जुड़ी फर्म साइबल(cyber intelligence firm Cyble)ने जानकारी दी कि
एक लाख से ज्यादा भारतीयों के आधार कार्ड,पैन कार्ड और पासपोर्ट समेत दूसरे अन्य राष्ट्रीय पहचान पत्रों की स्कैन कॉपियां डार्क नेट पर बिक्री के लिए उपलब्ध (Aadhaar-PAN-passport and other IDS on dark net for sale) है।
क्या है डार्क नेट? What is Dark Net
डार्क नेट (Dark Net) दरअसल इंटरनेट का वह हिस्सा होता है जो नॉर्मल सर्च इंजन की पहुंच से बहुत दूर होता है और इसका प्रयोग करने के लिए खास सॉफ्टवेयर की जरूरत पड़ती है।
डार्क नेट का इस्तेमाल क्यों किया जाता है?
डार्क नेट का इस्तेमाल आतंकवाद, तस्करी और दूसरे अवैध कामों के लिए किया जाता है। हालांकि कई बार सेंसिटिव इन्फॉर्मेशन शेयर करने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है।
बकौल साइबल रिपोर्ट, यह डाटा सरकारी प्रणाली की जगह किसी थर्ड पार्टी से चोरी होने की आशंका है।
साइबल ने बताया कि वे एक ऐसे डार्कनेट यूजर के कॉन्टैक्ट में आए हैं जो एक लाख से अधिक भारतीयों के राष्ट्रीय पहचान से जुड़े दस्तावेजों की बिक्री कर रहा है।
इस यूजर की कोई साख नहीं है और आम तौर पर वे ऐसे प्रस्तावों को दरकिनार कर देते हैं, लेकिन उसके द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी से उन्हें उत्सुकता हुई।
इस यूजर ने भारत के अलग-अलग हिस्सों के एक लाख से अधिक लोगों के पहचान दस्तावेजों (IDs) तक कथित पहुंच का दावा किया है।
साइबल के रिसर्चरों ने उस यूजर से तकरीब 1,000 पहचान दस्तावेज हासिल कर उनके भारतीय होने की पुष्टि की है।
ये सभी डॉक्यूमेंट्स स्कैन कॉपी के रूप में है। संभव है कि यह दस्तावेज किसी कंपनी के नो योर कस्टमर डाटाबेस से चोरी किए गए है।
Aadhaar-PAN-passport and other IDS on dark net for sale