संयुक्त राष्ट्र, 5 मई : इजरायल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की दो वर्षीय सदस्यता की दौड़ से बाहर हो गया है। इससे जर्मनी और बेल्जियम का रास्ता साफ हो गया है।
इजरायल के संयुक्त राष्ट्र मिशन ने शुक्रवार दोपहर को तीनों दावेदारों के बीच बहस शुरू होने से तुरंत पहले इस फैसले का ऐलान किया।
मिशन ने कहा, “हमरो साझेदारों से मशवरे के बाद इजरायल ने सुरक्षा परिषद की सीट के लिए अपनी उम्मीदवारी वापस लेने का फैसला किया है।”
सुरक्षा परिषद में गैर स्थाई सीटें क्षेत्रीय तौर पर आवंटित हैं और इजरायल जो पश्चिमी यूरोपीय और अन्य समूह (डब्ल्यूईओजी) में है, उसने 2019-2020 के कार्यकाल के लिए समूह की दो सीटों में से एक के लिए चुनाव लड़ने की योजना बनाई थी।
जर्मनी में अमेरिका के राजदूत रिचर्ड ग्रेनेल के मुताबिक, डब्ल्यूईओजी सीट के लिए निर्विरोध लड़ने में असफल रहना इजरायल के लिए झटका है, जो कभी परिषद का सदस्य नहीं रहा। उन्होंने कहा कि यह पश्चिमी यूरोपीय देशों की वादा खिलाफी है।
उन्होंने मार्च में ट्वीट कर कहा था कि अमेरिका ने इजरायल के लिए डब्ल्यूईओजी समूह की सीटों में से एक पर निर्विरोध लड़ने के करार की मध्यस्थता की थी इसलिए उसे यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यूरोपीय देश अपने शब्दों पर कायम रहें।
हालांकि, मध्यपूर्वी देश एशिया प्रशांत समूह में हैं, इजरायल को समूह के कुछ सदस्य देशों से चुनौती का सामना करना पड़ा।
इजरायल सुरक्षा परिषद का सदस्य कभी नहीं बना और यूरोपीय देशों से जीतना इजरायल के लिए मुश्किल होता लेकिन यदि समूह में कोई उसे चुनौती नहीं देता तो वह जीत सकता था।
2019-2020 कार्यकाल के लिए एशिया प्रशांत समूह के लिए एक सीट है और इंडोनेशिया और मालदीव इस पर चुनाव लड़ रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र के सभी 193 सदस्य सुरक्ष परिषद के गैर स्थाई सदस्यों के लिए वोटिंग करेंगे।
इस संदर्भ में चुनाव आठ जून को होगा।
–आईएएनएस