कुलभूषण जाधव मामलें में आया एक नया अपडेट

Kulbhushan Jadhav मामला : सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का बिल पाकिस्तान असेंबली में पास

kulbhushan jadhav case : now jadhav can appeal against death sentence in pakistan high court

नई दिल्ली (समयधारा) : कई सालों से पकिस्तान की जेल में कैद कुलभूषण जाधव में एक नया मोड़ आया हैl 

जाधव को अब पाकिस्तान हाई कोर्ट में अपनी सजा के खिलाफ अपील कर सकने का अधिकार मिला हैं।

वहां की नेशनल असेंबली (National Assembly) की तरफ से इस संबंध में एक विधेयक को मंजूरी दी गई है।

गौरतलब है कि कुलभूषण जाधव को कथित जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी।

इस बिल में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) के फैसले को प्रभावी बनाने के लिए समीक्षा और पुनर्विचार का एक और अधिकार दिया गया।

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जाधव को 2017 में पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी।

भारत ने बाद में मौत की सजा को चुनौती देने के अलावा जाधव को कांसुलर एक्सेस से इनकार करने के खिलाफ ICJ का दरवाजा खटखटाया था।

ANI ने बताया कि पाकिस्तान नेशनल असेंबली ने 21 सदस्यीय स्थायी समिति से मंजूरी के बाद 10 जून को

“इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (समीक्षा और पुन: विचार) अधिनियम” विधेयक को पारित कर दिया।

कुलभूषण जाधव मामले में ICJ के फैसले को देखते हुए पाकिस्तान सरकार इससे पहले नेशनल असेंबली में अध्यादेश लेकर आई थी।

वहीं 17 जुलाई 2019 को, ICJ ने जाधव की मौत की सजा को रद्द कर दिया था और सिविल कोर्ट में उनके खिलाफ आरोपों की सुनवाई का आह्वान किया था।

इससे पहले पाकिस्तान ने भारत की उस मांग ठुकरा दिया था,

जिसमें कहा गया था कि कुलभूषण जाधव के लिए भारतीय या क्वींस काउंसल नियुक्त किया जाए, जो पाकिस्तान की अदालत में उनका पक्ष रख सके।

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मगर पाकिस्तान का कहना है कि जाधव का पक्ष वही वकील रख सकता है, जिसके पास पाकिस्तान का लाइसेंस होगा।

तब विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जाहिद हफीज चौधरी ने एक सवाल के जवाब में कहा,

“हमने उन्हें बार-बार बताया है कि अदालत में कमांडर जाधव का पक्ष केवल वही वकील रख सकते हैं,

जिनके पास पाकिस्तान में वकालत करने का लाइसेंस है।”

उन्होंने कहा कि भारतीय उच्चतम न्यायालय ने भी अपने एक फैसले में कहा था कि देश में कोई विदेशी वकील वकालत नहीं कर सकता।

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Reena Arya

रीना आर्य www.samaydhara.com की फाउंडर और एडिटर-इन-चीफ है। रीना आर्य ने पत्रकारिता के महज 6-7 साल के भीतर ही अपने काम के दम पर न केवल बड़े-बड़े ब्रांड्स में अपनी पहचान बनाई बल्कि तमाम चुनौतियों और पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाते हुए समयधारा.कॉम की नींंव रखी। हर मुद्दे पर अपनी ज्वलंत और बेबाक राय रखने वाली रीना आर्य एक पत्रकार, कंटेंट राइटर,एंकर और एडिटर की भूमिका निभा चुकी है।

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