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Sri Lanka violence: प्रदर्शनकारियों ने PM महिंदा राजपक्षे के पैतृक घर को लगाई आग,PM का इस्तीफा,सांसद-पूर्व मंत्री के भी घर फूंके,Video

श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया(PM-Mahinda-Rajapaksa-resigns)है।

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श्रीलंका में आर्थिक संकट(Sri Lanka economic crisis) 9 मई से और भी ज्यादा हिंसक हो चला है।

बीते कई दिनों से सरकार के खिलाफ जारी विरोध-प्रदर्शनों के दौरान प्रदर्शनकारियों ने श्रीलंका के पीएम महिंदा राजपक्षे के हम्टाबनटोटा स्थित पैतृक घर में आग लगा दी(Sri-Lanka-violence-protesters-set-fire-ancestral-home-of-the-Rajapaksa) है।

इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों एक सांसद और एक पूर्व मंत्री के घर को भी आग लगा(set-fire-MP-former-minister-home)दी।

पूर्व मंत्री जॉनसन फर्नांडो के माउंट लाविनिया स्थित आवास और सांसद सनथ निशांत के घर पर प्रदर्शनकारियों ने हमला किया और आग लगा दी।

सोमवार को कर्फ्यू वाले इस द्वीप पर हजारों लोग सड़कों पर उतर आए और प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के समर्थकों को निशाना बनाया। 

श्रीलंका पीएम महिंदा राजपक्षे का इस्तीफा

श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया(PM-Mahinda-Rajapaksa-resigns)है।

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आपको बता दें कि श्रीलंका अपनी आज़ादी के बाद सबसे बड़े आर्थिक संकट (Economic Crisis) से गुजर रहा है।

राजधानी कोलंबो (Colombo) में सोमवार को हुई हिंसक झड़प (Violent Clash) में सत्ताधारी पार्टी के एक सांसद समेत 3 लोगों के मारे जाने और 150 से अधिक लोगों के घायल होने की खबर है।

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श्रीलंका में हिंसक झड़पों के बाद राजपक्षे ने इस्तीफा दे दिया। लाठी और हथियारों से लैस सरकार के समर्थकों ने प्रदर्शनकारियों पर हमला किया था।

नौ अप्रैल से पूरे श्रीलंका(Sri Lanka)में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर हैं, क्योंकि सरकार के पास आयात के लिए धनराशि खत्म हो गई है। आवश्यक वस्तुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं।

समाचार एजेंसी एएफपी ने बताया कि सोमवार को राजपक्षे के वफादारों ने कोलंबो शहर में समुद्र के सामने गाले फेस सैरगाह में राष्ट्रपति कार्यालय के बाहर निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर हमला किया।

श्रीलंका हिंसक झड़प

ग्रामीण इलाकों से बसों में लाए गए प्रधानमंत्री के कई हजार समर्थकों के पास के सरकारी आवास से बाहर निकलने के बाद हिंसा शुरू हो गई।

सरकार के समर्थकों ने प्रधानमंत्री के टेंपल ट्रीज आवास के सामने प्रदर्शनकारियों के तंबुओं को गिरा दिया और सरकार विरोधी बैनर और तख्तियां जला दीं।

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इसके बाद वे पास के सैरगाह तक चले गए और “गोटा गो होम” अभियान द्वारा स्थापित अन्य तंबुओं को नष्ट करना शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति से पद छोड़ने की मांग कर रहे थे।

पुलिस ने इस झड़प के दौरान आंसू गैस के गोले दागे और वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया। कोलंबो में तत्काल कर्फ्यू की घोषणा की गई जिसे बाद में बढ़ाकर पूरे श्रीलंका के दो करोड़ 20 लाख लोगों पर लागू कर दिया गया।

दो बार राष्ट्रपति रह चुके महिंदा को 2015 के राष्ट्रपति चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा लेकिन वह 2020 में ईस्टर के दिन आतंकी हमलों के बाद सत्ता में लौटे जिसमें 11 भारतीयों सहित 270 लोग मारे गए थे।

उनकी नवगठित श्रीलंका पीपुल्स पार्टी (एसएलपीपी) ने द्वीपीय देश के राजनीतिक इतिहास में इतिहास रच दिया और गठन के बाद सबसे कम समय में पूर्ण सत्ता हासिल करने वाली पार्टी बन गई।

अगस्त 2020 में आम चुनावों में पार्टी की भारी जीत के बाद राजपक्षे परिवार की सत्ता पर पकड़ मजबूत हो गई और वह राष्ट्रपति की शक्तियों को बहाल करने तथा प्रमुख पदों पर परिवार के करीबी सदस्यों को नियुक्त करने के लिए संविधान में संशोधन करने में सफल रही। 

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एक ‘बर्बर’ सैन्य अभियान में तमिल टाइगर को कुचलने वाले महिंदा बाद में चौथी बार प्रधानमंत्री बने। महिंदा ने 2020 में वैश्विक महामारी कोविड-19(COVID-19)के दौरान इस पर काबू पाने को लेकर अपनी अच्छी छवि बनाई।

लेकिन पर्यटन पर काफी निर्भर श्रीलंकाई अर्थव्यवस्था के लिए यह महामारी काफी घातक साबित हुई। बाद में श्रीलंका में अभूतपूर्व आर्थिक संकट(Sri Lanka Crisis)पैदा हुआ और अंतत: उन्हें पद छोड़ना पड़ा।

जुझारू नेता की छवि वाले महिंदा केवल 24 वर्ष की उम्र में पहली बार सांसद बने। वह अपने देश में सबसे कम उम्र के सांसद थे।

1977 में चुनाव हारने के बाद उन्होंने अपने कानून करियर पर ध्यान केंद्रित किया और 1989 में दोबारा सांसद बने।

उन्होंने राष्ट्रपति चंद्रिका कुमारतुंगा के तहत श्रम मंत्री (1994-2001) और मत्स्य पालन एवं जल संसाधन मंत्री (1997-2001) के रूप में कार्य किया।

कुमारतुंगा ने अप्रैल 2004 के आम चुनाव के बाद उन्हें प्रधानमंत्री नियुक्त किया, जब यूनाइटेड पीपुल्स फ्रीडम एलायंस ने बहुमत हासिल किया।

उन्हें नवंबर 2005 में श्रीलंका फ्रीडम पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुना गया। चुनाव में अपनी जीत के तुरंत बाद, महिंदा ने लिट्टे को खत्म करने के अपने इरादे की घोषणा की।

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लिट्टे के साथ लगभग 30 साल लंबे गृहयुद्ध को समाप्त करने के बाद महिंदा नायक बन गए और 2010 में भारी जीत के साथ सत्ता में लौटे।

बढ़ती महंगाई और भ्रष्टाचार तथा सत्ता के दुरुपयोग के आरोपों के कारण देश में उनकी लोकप्रियता घटने लगी और 2015 के चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 

 लेकिन 21 अप्रैल, 2019 को ईस्टर के दिन हुए बम विस्फोटों से श्रीलंका की राजनीति में महत्वपूर्ण मोड़ आया। राजपक्षे नीत पार्टी ने सुरक्षा मोर्चे पर विफलता के लिए तत्कालीन सरकार पर तीखा हमला बोला।

इसके बाद उनके भाई गोटबाया राजपक्षे ने 2019 में राष्ट्रपति चुनाव जीता। राष्ट्रपति बनने के बाद, गोटबाया ने महिंदा को प्रधानमंत्री नियुक्त किया था। 

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Ravi