UN श्रीलंका में मुसलमानों के खिलाफ हिंसा के आरोपियों पर जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग की
संयुक्त राष्ट्र(UN)की ओर से रविवार को जारी बयान के मुताबिक, फेल्टमैन ने कोलंबो की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान मुस्लिम राजनीतिक नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर एकजुटता व्यक्त की।
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संयुक्त राष्ट्र, 12 मार्च : संयुक्त राष्ट्र के अंडर सेक्रेटरी जनरल जेफरी फेल्टमैन ने श्रीलंका में मुसलमानों के खिलाफ हिंसा की निंदा करते हुए सरकार से इन हमलों के लिए जिम्मेदार और घृणा फैलाने वालों को न्याय के कटघरे में लाने का आग्रह किया(United-Nation-official-condemns-attack-on-muslims-in-sri-lanka)है।
संयुक्त राष्ट्र(UN)की ओर से रविवार को जारी बयान के मुताबिक, फेल्टमैन ने कोलंबो की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान मुस्लिम राजनीतिक नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर एकजुटता व्यक्त की।
संयुक्त राष्ट्र के राजनीतिक मामलों के प्रभारी फेल्टमैन ने श्रीलंका(Sri Lanka)के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना, प्रधानमंत्री रानिल विक्रमासिंघे, संसद अध्यक्ष करु जयसूर्या और विदेश मंत्री तिलक मरापना से भी मुलाकात की।
बयान के मुताबिक, उन्होंने सरकार की ओर से पुनर्सुलह और स्थाई शांति हासिल करने के आश्वासन को सराहा। हालांकि, फेल्टमैन ने चिंता जताई कि ऐसा लगता है कि राष्ट्रीय एकता के लिए सरकार द्वारा 2015 में घोषित की गई योजना रुक गई है।
उन्होंने नागरिक संघर्षो के दौरान लापता लोगों की जांच के लिए ‘ऑफिस ऑफ मिसिंग पर्सन्स’ के लिए आयुक्तों की नियुक्ति के कदम की प्रशंसा की।
उन्होंने उम्मीद जताई कि इस दिशा में समिति जल्द ही लापता लोगों के परिवार वालों के सवालों का जवाब देने में समर्थ(United-Nation-official-condemns-attack-on-muslims-in-sri-lanka)होगी।
वरिष्ठ अधिवक्ता सेलिया पेरिस इस सात सदस्यीय समिति की अध्यक्षता करेंगे। समिति में दो तमिल और एक सेवानिवृत्त मेजर जनरल हैं। साल 2016 में सरकार ने कहा था कि 1994 से 65,000 लोग लापता हैं।
फेल्टमैन ने संसद द्वारा ‘प्रोटेक्शन एगेंस्ट एन्फोस्र्ड डिसएपियरेंस’ के लिए विधेयक को मंजूरी देने की प्रशंसा करते हुए इसे श्रीलंकाई सरकार के लिए अपने नागरिकों की प्रतिबद्धता के लिए महत्वपूर्ण बताया।
गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में देश के कैंडी शहर में भड़की हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई थी, 11 मस्जिदें नष्ट हो गई थी और मुसलमानों की दुकानें जला दी गई थी।
प्रशासन ने हिंसा को देखते हुए कर्फ्यू लगा दिया था और सेना एवं पुलिस की तैनाती की गई थी।
सिरिसेना ने शनिवार को हका कि तीन सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की समिति इन दंगों की जांच करेगी।
इस दौरान उत्तर अमेरिका में श्रीलंकाई मुसलमानों के संघ ने इन दंगों के विरोध में बुधवार को संयुक्त राष्ट्र के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।
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–आईएएनएस