विपक्षी राज्यों को VAT घटाने की नसीहत पर कांग्रेस का पलटवार-‘जुमला और ध्यान भटकाने’ की बजाय PM पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क कम करें
बुधवार को कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Narendra Modi)को ‘जुमला और ध्यान भटकाने' की बजाय पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क(Excise duty) की दर घटाकर उस स्तर पर लानी चाहिए, जिस स्तर पर वह पूर्ववर्ती UPA सरकार के कार्यकाल में थी।
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नई दिल्ली:पीएम मोदी की विपक्षी राज्य सरकारों से पेट्रोल-डीजल पर वैट कम करने की अपील पर कांग्रेस ने आज पलटवार किया(Congress-hit-back-PM-Modi-for-high-excise-duty-demands-roll-back) है।
बुधवार को कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Narendra Modi)को ‘जुमला और ध्यान भटकाने’ की बजाय पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क(Excise duty) की दर घटाकर उस स्तर पर लानी चाहिए, जिस स्तर पर वह पूर्ववर्ती UPA सरकार के कार्यकाल में थी।
आपको बता दें कि आज बुधवार, 27 अप्रैल 2022 को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ पीएम मोदी(PM Modi)ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की थी,
जिसमें मोदी ने सीधे-सीधे पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों का ठीकरा विपक्षी राज्यों की सरकारों पर डाल दिया और कहा था कि केंद्र द्वारा उत्पाद शुल्क बीते वर्ष कम करने के बाद भी कुछ विपक्षी राज्यों ने पेट्रोल-डीजल पर वैट(VAT on Petrol-Diesel)नहीं घटाया,जिससे उनके राज्य नागरिकों के साथ अन्याय हो रहा है।
केंद्र सरकार द्वारा उत्पाद शुल्क कम करने के पीएम मोदी के दावे पर अब कांग्रेस(Congress)की ओर से पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री से यह आग्रह किया कि केंद्र सरकार पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 18.42 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 18.24 रुपये प्रति लीटर की कटौती(Congress-hit-back-PM-Modi-for-high-excise-duty-demands-roll-back)करे।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘मोदी जी, कोई आलोचना नहीं, कोई ध्यान भटकाना नहीं, कोई जुमला नहीं। कांग्रेस की सरकार में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.48 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 3.56 रुपये प्रति लीटर था।
मोदी सरकार में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 27.90 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 21.80 रुपये प्रति लीटर है।’
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Modi ji,No criticism,
No distractions,
No Jumlas!Pl give an account of ₹27,00,00,00,00,00,00 (₹27 Lakh Crore) collected by BJP Govt from Tax on Petrol & Diesel 👇 pic.twitter.com/ZWFveoejRC
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) April 27, 2022
कांग्रेस नेता ने आग्रह किया, ‘कृपया पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 18.42 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 18.24 रुपये प्रति लीटर की कमी(Congress-hit-back-PM-Modi-for-high-excise-duty-demands-roll-back) करिये।’
सुरजेवाला ने कहा कि केंद्र सरकार को पिछले आठ वर्षों में पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क के माध्यम से एकत्र किए गए 27 लाख करोड़ रुपये का हिसाब देना चाहिए।
उनके मुताबिक, 26 मई, 2014 को जब प्रधानमंत्री मोदी ने पदभार संभाला था तब कच्चे तेल की कीमत 108 डॉलर प्रति बैरल थी, लेकिन उस समय दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 71.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 55.49 रुपये प्रति लीटर थी।
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Modiji,We will urge all states to decrease VAT on Petrol/Diesel to pre-May 2014 level.
Pl admit BJp Govt earned ₹27 Lakh Crore from Petrol/Diesel while all states collectively received about 16.5 Lakh Crore.
Central Govt revenue from Petrol/Diesel has doubled in 8 years. https://t.co/E0ctaIZCS2
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) April 27, 2022
उन्होंने कहा, ‘आज कच्चे तेल की कीमत 100.20 रुपये प्रति लीटर है, लेकिन दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 105.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 96.67 रुपये प्रति लीटर है।’
विपक्ष शासित कई राज्यों में पेट्रोल – डीजल की बढ़ती कीमत का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को इन राज्यों से ‘राष्ट्र हित’ में पेट्रोलियम उत्पादों पर से वैट घटा कर आम आदमी को राहत देने तथा वैश्विक संकट के इस दौर में सहकारी संघवाद की भावना के साथ काम करने की अपील की।
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मोदी ने बुधवार को कहा कि पिछले साल नवंबर महीने में केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल व डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती किए जाने के बावजूद कुछ राज्यों ने इस पर वैट नहीं घटाया और अपने लोगों को इसका लाभ ना देकर उन्होंने उनके साथ ‘‘अन्याय” किया है।
हालांकि यह बात सर्वविदित है कि राज्य सरकारों को पेट्रोल-डीजल पर वैट से कमाई होती है, इस पर वैट घटाने से उनपर आर्थिक बोझ पड़ेगा जोकि फिर से जनता से ही वसूला जाएगा।
जबकि केंद्र सरकार की कमाई के संसाधन पेट्रोल-डीजल सहित तमाम स्रोत है।
इसलिए एक्सपर्ट्स की भी राय है कि पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क केंद्र को कम करना चाहिए,जिससे जनता पर बोझ कम पड़े। चूंकि जब वैश्विक बाजार में कच्चा तेल बेहद सस्ता मिल रहा था तब भी केंंद्र भारत की जनता को ऊंचे दामों में पेट्रोल-डीजल मुहैया करा रही थी।
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(इनपुट एजेंसी से भी)