देशद्रोह कानून पर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला-सभी लंबित मामलों पर रोक,अगले आदेश तक कोई नया केस दर्ज न हो
सुप्रीम कोर्ट ने देशद्रोह कानून के अंतर्गत सालों से जेलों में बंद लोगों को बड़ी राहत देते हुए आदेश दिया ये ऐसे लोग बेल के लिए कोर्ट में आ सकते है।
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नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने आज,बुधवार,11 मई 2022 को राजद्रोह कानून(Sedition-Act)पर एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए इस पर रोक लगा दी(Sedition-law-puts-on-hold-by-Supreme-court)है।
केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा बीते कई सालों से राजद्रोह कानून के दुरुपयोग की खबरें आ रही थी।
कई समाज-सुधारकों,छात्रोें और विपक्षियों सहित असहमति की आवाज दबाने के लिए देश में अंग्रेजों के जमाने से लेकर अभी तक देशद्रोह कानून का दुरुपयोग हो रहा था।
इस पर सुप्रीम कोर्ट(Supreme court)ने केंद्र का रुख जानना चाहा था।
पहले मोदी सरकार ने राजद्रोह कानून पर पुनरीक्षण करने से इंकार कर दिया था लेकिन फिर विशेषज्ञों के कहने पर आजादी के अमृतमहोत्सव के चलते सरकार ने यूटर्न लेकर इसपर पुनरीक्षण करने की सहमति सुप्रीम कोर्ट में जताई।
लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आज तक का समय केंद्र सरकार को दिया था।
अब सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कर दिया है कि अगले आदेश तक राजद्रोह की धारा 124 A के तहत कोई नया केस दर्ज न(Sedition-law-puts-on-hold-by-Supreme-court-ban-on-all-pending-cases-no-new-firs-lodged) हो।
सभी लंबित केसों पर रोक लगाई जाएं। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि देशद्रोह कानून के अंतर्गत अगला आदेश आने तक कोई भी नई एफआईआर दर्ज न(no-new-firs-lodged-registered till further orders)हो।
इसके बाबत केंद्र राज्य सरकारों को आदेश दें।
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इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने देशद्रोह कानून के अंतर्गत सालों से जेलों में बंद लोगों को बड़ी राहत देते हुए आदेश दिया ये ऐसे लोग बेल के लिए कोर्ट में आ सकते है।
CJI ने कहा है कि पुनर्विचार तक इस कानून के तहत कोई नई एफआईआर दर्ज न हो।
जुलाई के तीसरे हफ्ते में इस मामले में अगली सुनवाई होगी।
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