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मात्र 10 मिनट महिलाओं की ब्रेस्ट निहारने से 5 साल बढ़ जाती है मर्दों की लाइफ! जानें कैसे

सड़क पर चलते या फिर बड़े से बड़े ऑफिस या मॉल में आपको अक्सर पुरुष महिलाओं के ब्रेस्ट को घूरते मिल जाएंगे। इसमें कोई बड़ी बात नहीं है और न ही कोई नई बात है, लेकिन महिलाओं की ब्रेस्ट और पुरुषों से जुड़ी जो बात आज हम आपको बता रहे हैं उसके बारे में सनुकर आप चौंक जाएंगे। आपको यकीन नहीं होगा कि जिस आदत को आप खराब समझ रहे थे वही आदत पुरुषों के लिए फायदेमंद साबित होती है। जी हां! एक रिसर्च में ये साबित हुआ है कि महिलाओं की ब्रेस्‍ट को निहारने से मर्दों की सेहत बेहतर होती है।

साभार-गूगल
साभार-गूगल

रिसर्च के अनुसार महिलाओं की ब्रेस्‍ट को सिर्फ कुछ मिनट ही निहारने से मर्दों की लाइफ कई साल बढ़ जाती है। दरअसल उस रिसर्च में कहा गया है कि महिलाओं की ब्रेस्‍ट को निहारने से मर्दों के अंदर एक्साइटमेंट होती है जिससे एक केमिकल पैदा होता है जो उनकी उम्र को बढ़ाने में उनकी मदद करता है। यही नहीं इससे उन्हें एनर्जी भी मिलती है और वह ज्यादा ताजगी महसूस करते हैं। इसके साथ ही उसमें दावा किया गया है कि जब भी पुरुष किसी बड़े बूब्‍स वाली आकर्षक महिला को देखते हैं तो उनके मन में सबसे पहले ख्‍याल आता है कि वह कितनी सेक्‍सी है। इससे उनके शरीर में कुछ हार्मोन पैदा होते हैं जो उनकी मन की इच्छा को और बढ़ा देते हैं। आपको बता दें कि एक दूसरी स्टडी में यह भी कहा गया है कि ब्रेस्‍ट पर नज़र पड़ते ही पुरुषों का सेक्‍स करने का मन भी करने लगता है। पुरुषों का महिलाओं के ब्रेस्ट छूने का भी मन करता है।

आपको जानकर ताज्जुब होगा कि यह रिसर्च कई सालों और कई लोगों पर स्टडी करके बनाई गई है। कई शोधकर्ताओं और डॉक्‍टर्स ने भी इस बात का दावा किया है कि रोज़ दस मिनट महिलाओं के बूब्‍स देखने से मर्दों की लाइफ के 5 साल बढ़ सकते हैं। इसलिए लड़के लड़कियों की ब्रेस्‍ट को घूरते है।भले ही रिसर्च कहती हो कि महिलाओं की ब्रेस्‍ट को देखने से मर्दों की लाइफ बढ़ती है लेकिन इसका मतलब ये बिलकुल नहीं है कि कोई भी मर्द किसी महिला को बुरी नज़र से देखे या उसकी ब्रेस्‍ट या अन्‍य किसी अंग पर कमेंट करे।

महिलाओं को सार्वजनिक जगहों पर लोग जानबूझकर छूने की कोशिश करते हैं और इस फिराक में भी रहते हैं कि कैसे उनके पास आया जाए जिससे उन्हें अपने मकसद में कामयाबी मिले। ऐसे पुरुषों को वहीं पर सबक सिखाना चाहिए और उनकी शिकायत भी करनी चाहिए।

हालांकि उस शोध में ये भी साफ तौर पर कहा गया है कि ये सिर्फ एक रिसर्च का परिणाम है जो पुरुषों की मानसिकता को जानने के लिए किया गया है। इसका सहारा लेकर कोई भी पुरुष गलत काम न करे और फिर अपनी सफाई न दे।ध्यान दें कि किसी भी महिला के अंंगों को घूरना कानूनन अपराध भी है और समयधारा ऐसे किसी अपराध को बढ़ावा नहीं देता। समयधारा भी महिलाओं का सम्मान न करने वाले पुरूषों और उन्हें कुदृष्टि से देखने वालों का पुरजोर विरोध करता है। इस पोस्ट का मकसद मात्र सेहत संबंधी ज्ञानवर्धक सूचना को प्रदान करना है।

नोट: ये पोस्ट एक रिसर्च के नतीजों के आधार पर लिखी गई है। लेखक या समयधारा ऐसी किसी स्टडी की प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करते।

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Dropadi Kanojiya

द्रोपदी कनौजिया पेशे से टीचर रही है लेकिन अपने लेखन में रुचि के चलते समयधारा के साथ शुरू से ही जुड़ी है। शांत,सौम्य स्वभाव की द्रोपदी कनौजिया की मुख्य रूचि दार्शनिक,धार्मिक लेखन की ओर ज्यादा है।

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