breaking_newsHome sliderदेशदेश की अन्य ताजा खबरें

आधार-लिंक : सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम तिथि को आगे बढ़ाया

नई दिल्ली, 13 मार्च : सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को विभिन्न सेवाओं को आधार से जोड़ने की अंतिम तिथि को तब तक आगे बढ़ा दिया जब तक वह बायोमेट्रिक पहचान योजना की संवैधानिक वैधता पर अपना निर्णय नहीं दे देता। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में पांच न्यायाधीशों वाली संवैधानिक पीठ ने हालांकि अपने आदेश में कहा, “इससे (सेवाओं को आधार से जोड़ने का समय बढ़ाने से) समाज कल्याण योजनाओं के अंतर्गत सुविधाओं के वितरण के साथ आधार को जोड़ने पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।”

शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा, “हम निर्देश देते हैं कि 15 दिसंबर 2017 को पारित अंतरिम आदेश को तब तक के लिए बढ़ा दिया जाए जब तक मामले की पूरी सुनवाई न हो जाए और फैसला न सुना दिया जाए।”

अदालत ने यह निर्देश भी दिया कि उसका यह अंतरिम आदेश पासपोर्ट (प्रथम संशोधन) नियम 2018 को भी नियंत्रित व शासित करेगा जो तत्काल स्कीम के तहत पासपोर्ट हासिल करने के लिए आधार पर जोर देता है।

यह आदेश तब आया है जब याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार द्वारा न्यायालय को यह बताया गया कि पासपोर्ट जारीकर्ता विभाग ने पासपोर्ट जारी करने के लिए आधार अनिवार्य कर दिया है।

इस मौके पर महान्यायवादी के. के. वेणुगोपाल ने यह स्पष्ट करने की मांग की कि क्या आधार की यह आवश्यकता मात्र तत्काल पासपोर्ट जारी करने के लिए है।

सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले साल 15 दिसंबर को बैंक खातों, मोबाइल फोन और अन्य सेवाओं को 31 मार्च तक आधार से जोड़ने का आदेश दिया था।

जैसे ही प्रधान न्यायधीश न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा कि उनके अंतरिम आदेश को बढ़ाया जाता है, इस पर महान्यायवादी ने अदालत को बताया कि सरकार इस माह के अंत में समयसीमा बढ़ाने की तैयारी कर रही थी क्योंकि तब तक इसमें बहस पूरी हो गई होगी।

इस मामले की संवैधानिक पीठ में शामिल न्यायमर्ति ए.के.सीकरी, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर, न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति अशोक भूषण ने सात मार्च को अपने फैसले में कहा था कि केंद्रीय माध्यमिक परीक्षा बोर्ड (सीबीएसई), नीट व अन्य अखिल भारतीय परीक्षा के लिए पहचान के रूप में केवल आधार को ही मान्यता देने का दबाव नहीं दे सकता।

इससे पहले इस मामले में हुई बहस में वरिष्ठ वकील पी. चिदंबरम ने अदालत से कहा था कि लोकसभा अध्यक्ष द्वारा आधार विधेयक को धन विधेयक के रूप में पारित करने के मामले को देखा जाना चाहिए।

–आईएएनएस

Show More

Dharmesh Jain

धर्मेश जैन www.samaydhara.com के को-फाउंडर और बिजनेस हेड है। लेखन के प्रति गहन जुनून के चलते उन्होंने समयधारा की नींव रखने में सहायक भूमिका अदा की है। एक और बिजनेसमैन और दूसरी ओर लेखक व कवि का अदम्य मिश्रण धर्मेश जैन के व्यक्तित्व की पहचान है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button