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चंडीगढ़, 2 मार्च: हरियाणा में अपनी मांगों व शिकायतों पर अधिकारियों के रुख से नाराज जाट प्रदर्शनकारियों ने होली (13 फरवरी) के बाद असहयोग आंदोलन तथा दो मार्च (गुरुवार) से आंदोलन को दिल्ली ले जाने की घोषणा की। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के नेता यशपाल मलिक ने कहा कि बीते 29 जनवरी से आंदोलन कर रहे जाट नेता अपने विरोध-प्रदर्शन को दो मार्च से नई दिल्ली ले जाएंगे।
असहयोग आंदोलन के तहत जाट समुदाय के लोगों से बिजली तथा पानी के बिल का भुगतान न करने तथा राष्ट्रीय राजधानी को दूध तथा अन्य जरूरी चीजें जैसे सब्जियां आदि की आपूर्ति बंद करने को कहा गया है।
इस बीच, हरियाणा विधानसभा में जाट आंदोलन पर चर्चा की गई।
विधानसभा में बजट सत्र के दौरान स्थगन प्रस्ताव पेश करने वाले इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के नेता अभय सिंह चौटाला ने कहा कि कांग्रेस तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हरियाणा में जाटों को सरकारी नौकरियों तथा सरकारी संस्थानों में आरक्षण पर राजनीति करने का प्रयास कर रही हैं।
चौटाला ने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार जाट समुदाय की मांगों को पूरा करने में विफल रही है, जबकि उसने पिछले साल इस पर सहमति जताई थी।
आरक्षण के अलावा जाट पिछले साल जाट आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों को नौकरी, घायलों को मुआवजा, उनके खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने तथा जाटों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
फरवरी 2016 में जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा में 30 लोग मारे गए थे, जबकि 200 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस दौरान हजारों करोड़ रुपये की सरकारी व निजी संपत्ति की क्षति हुई थी।
–आईएएनएस