फिर जला जेएनयू, अध्यक्ष आइशी घोष, शिक्षकों की बुरी तरह पिटाई, देखें Video
JNU Violence News - JNU में जबरदस्त बवाल और मारपीट हुई है, ABVP पर आरोप,
नई दिल्ली, (समयधारा) :JNU Violence news- JNU में जबरदस्त बवाल और मारपीट हुई है l
ABVP और JNUSU इस मारपीट को लेकर एक दूसरे पर आरोप लगा रहे (JNU Violence news) है l
स्टूडेंट्स यूनियन और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के बीच झड़प हुई है।
लेफ्ट और एबीवीपी ने एक दूसरे को हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
बताया जा रहा है कि जेएनयू टीचर्स असोसिएशन ने बढ़ी हुई फीस को लेकर एक मीटिंग बुलाई थी, जिसमें हंगामा हो गया।
JNU हिंसा (JNU Violence) को लेकर ट्विटर पर हैशटैग #SOSJNU, #JNUViolence, #JNUattack और #JNUProtests ट्रेंड होने लगे।
छात्रसंघ ने दावा किया है कि उनकी अध्यक्ष आइशी घोष (JNUSU President Aishe Ghosh)और कई दूसरे स्टूडेंट्स को ABVP के सदस्यों ने पीटा है।
पथराव भी किया गया है। झड़प के दौरान की कुछ तस्वीरें और वीडियो भी सामने आए हैं,
जिसमें छात्रसंघ की अध्यक्ष खून से लथपथ दिखाई दे रही हैं। एक तस्वीर में टीचर भी घायल दिखी हैं।
वही दूसरी और ABVP के छात्र नेताओं ने आरोप लगाया है कि,
जेएनयू (JNU) के पेरियार छात्रावास के छात्रों को वामपंथी छात्रों ने पीट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया।
एबीवीपी (ABVP) की जेएनयू यूनिट के अध्यक्ष दुर्गेश ने कहा, ‘करीब चार से पांच सौ लेफ्ट के लोग पेरियार छात्रावास में इकट्ठा हुए,
यहां तोड़फोड़ कर जबरन घुसपैठ की और अंदर बैठे एबीवीपी के कार्यकर्ताओं को पीटा।
एबीवीपी ने दावा किया कि उसके अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मनीष जांगिड़ को बुरी तरह से घायल किया गया है
और शायद मारपीट के बाद उनका हाथ टूट गया है। दुर्गेश ने आगे कहा कि छात्रों पर पत्थर फेंके गए,
जिसके चलते कुछ के सिरों पर चोट आई हैं। उन्होंने कहा, ‘अंदर मौजूद छात्रों पर उन्होंने पत्थर और डंडे बरसाए।
इस बीच एबीवीपी ने कहा है कि उन्होंने फैसला किया है कि जैसे ही घायल हुए,
उनके साथी प्राथमिक उपचार के बाद लौटेंगे वह इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराएंगे।
वामपंथी छात्रों के नेतृत्व वाले जेएनयूएसयू ने इस दावे को तुरंत खारिज करते हुए कहा कि एबीवीपी और प्रशासन झूठी कहानी फैलाने में लगे हुए हैं।
जेएनयूएसयू (JNUSU) के महासचिव सतीश चंद्र ने कहा, ‘एबीवीपी और प्रशासन बढ़ी हुई फीस को लेकर छात्रों के प्रदर्शन को निशाना बना रहे हैं।
यह और कुछ नहीं छात्रों और समाज को गुमराह करने के लिए लगाए जा रहे झूठे आरोप हैं।’
(इनपुट एजेंसी से)