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SupremeCourt-orders-telecom-to-pay-AGR-due-till-17th march 2020
नयी दिल्ली, (समयधारा) : सुप्रीम कोर्ट ने आज अपने एक आदेश में कहा है कि,
दूरसंचार अधिकारी, एयरटेल और वोडाफोन ने कोर्ट का आदेश ना मानकर उसकी अवमानना की है।
कोर्ट ने कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कहा कि 23 जनवरी 2020 डेडलाइन होने के बावजूद टेलीकॉम कंपनियों ने बकाया क्यों नहीं चुकाया।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को Adjusted Gross Revenue (AGR) के संबंध में टेलीकॉम कंपनियों की ओर से दाखिल की गई,
नई याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बात कही l
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने Adjusted Gross Revenue (AGR) के बकाया संबंध में टेलीकॉम कंपनियों को,
23 जनवरी 2020 की डेडलाइन दी थी l इन कंपनियों पर लगभग 1.33 लाख करोड़ रुपये बकाया है l
Bharti Airtel पर 26 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का बकाया है। vodafone-idea पर 19000 करोड़ रुपए से ज्यादा का बकाया है l
जबकि Reliance Communication पर 16000 करोड़ रुपए का बकाया है।
वहीं BSNL का 2 हजार करोड़ रुपए जबकि MTNL का 2500 करोड़ रुपए का बकाया है।
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यह मामला इस तरह से है.. टेलीकॉम सेक्टर के एडजेस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू की परिभाषा पर विवाद था।
कंपनियां नॉन कारोबार रेवेन्यू शेयरिंग नहीं करती थीं। DoT ने बाकी कारोबार में रेवेन्यू शेयिरंग मांगी थी।
2005 से ही ये मामाल सुप्रीम कोर्ट में लंबित था। CAG रिपोर्ट से सरकार को भारी नुकसान हो रहा था।
DoT के स्पेशल ऑडिट ने मांग को सही ठहराया था। सरकार ने कंपनियों को नोटिस भेज कर रकम मांगी थी,
लेकिन कंपनियों ने सरकार के फैसले को अदालत में चुनौती दी। अब कोर्ट के इस फैसले से इन कंपनियों पर संकट गहरा गया है l
उल्लेखनीय है कि कोर्ट ने अपने फैसले में टेलीकॉम ऑपरेटर्स को आदेश दिया है कि,
अगली सुनवाई तक वो बकाया चुका दें। कोर्ट ने कहा कि हर तरह के भ्रष्टाचार पर रोक लगाना होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर में टेलीकॉम ऑपरेटर्स को 1.33 लाख करोड़ रुपए का बकाया चुकाने के लिए ,
उनको 23 जनवरी तक का वक्त दिया था, जो कब का गुजर चुका है।
इसके पहले ऑपरेटर्स की ओर से अक्टूबर के फैसले के खिलाफ एक याचिका डाली गई थी, जिसमें कोर्ट से आग्रह किया गया था कि वो,
अपने फैसले पर पुनर्विचार करे और उन्हें किसी भी तरह की राहत दे लेकिन कोर्ट ने 17 जनवरी को उनकी याचिका पर सुनवाई के बाद,
इसे खारिज करके अपना अक्टूबर का फैसला बरकरार रखा था।
अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि टेलीकॉम कंपनियां सरकार को AGR देगी।
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