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Delhi Air Pollution: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर GRAP-4 हटा,खुल सकेंगे स्कूल-कॉलेज,जानें और कौनसी पाबंदियां हटी

चलिए अब आपको बताते है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ग्रेप-4 और 3 में लगी कौन-कौन सी गतिविधियां है जो अब की जा सकेंगी।

नई दिल्ली:Delhi Air Pollution-GRAP-4 these restrictions lifted after supreme court order-सुप्रीम कोर्ट ने आखिरकार दिल्ली-एनसीआर में ग्रेप-4 और 4 की पाबंदियों को हटाने की अनुमति दे दी(GRAP-4 restrictions lifted after supreme court order)है।

हालांकि कोर्ट का स्पष्ट आदेश है कि ग्रेप-2 के स्तर की पाबंदियां अभी भी जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला दिल्ली/एनसीआर की वायु गुणवत्ता में सुधार को देखते हुए लिया(Delhi Air Pollution-GRAP-4 these restrictions lifted after supreme court order)है।

ग्रेप-4 हटाने के सुप्रीम आदेश की जानकारी वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQAM) ने ट्वीट करके भी दी।

इसके बाद कोर्ट ने कहा, ग्रेप-4 को हटाने का आदेश देते हैं और आगे ग्रेप तय करने का जिम्मा कमीशन फोर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट (सीएक्यूएम) पर छोड़ते हैं. हालांकि, शीर्ष अदालत ने कहा कि  सही यही होगा कि ग्रेप-2 के स्तर से नीचे आयोग नहीं जाए.

ग्रेप-4 हटने के बाद अब दिल्ली में रजिस्टर्ड डीजल से चलने वाली मीडियम और भारी वाहनों (बीएस-IV या उससे नीचे) के प्रवेश पर लगा प्रतिबंध हट जाएगा.

इसके साथ ही सड़कों, नेशनल हाइवे और फ्लाईओवरों सहित कंस्ट्रक्शन और डेमोलिशन(Demolition-construction allowed after GRAP-4 lift) सरीखे काम भी शुरू हो जाएंगे और स्कूल-कॉलेज रेगुलर बेस पर खुल सकेंगे।

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की उप समिति ने इसके बाद दिल्ली-एनसीआर के लिए एक लिखित आदेश भी जारी कर दिया(Delhi Air Pollution: GRAP-4 these restrictions lifted after supreme court order)है,जिसमें एनसीआर के लिए ग्रेप-एक और दो की पाबंदियां बदस्तूर जारी रहेंगी।

जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस अगस्टीन जार्ज मसीह की पीठ ने इसके साथ ही सीएक्यूएम को ग्रेप तीन (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान दो) के कुछ अतिरिक्त उपाय ग्रेप दो के प्रतिबंधों में शामिल करने का सुझाव भी दिया।

पीठ ने सीएक्यूएम से कहा कि अगर एक्यूआइ(AQI)350 से ऊपर जाता है तो ग्रेप तीन और 400 के ऊपर जाता है तो ग्रेप चार के प्रतिबंध लागू किए जाएंगे।

उच्चतम अदालत ने इस बात का संज्ञान लिया कि पिछले चार दिनों के दौरान राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में एक्यूआइ 300 के पार नहीं गया है।

सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दिल्ली वायु प्रदूषण(Delhi Air Pollution)का निम्नलिखित डाटा प्रस्तुत किया गया:

तारीखएक्यूआईहवा का असर
तीन दिसंबर268खराब
चार दिसंबर 211खराब
पांच दिसंबर161मीडियम

जानें क्या होता है ग्रेप?- What is GRAP?

दिल्ली-एनसीआऱ(Delhi/NCR air Pollution) में हर साल दिवाली के बाद और सर्दियों की आहट के साथ वायु प्रदूषण बढ़ जाता है। दिवाली के बाद दिल्ली में वायु प्रदूषण 500 से भी पार चला गया था।

दिल्ली में वायु प्रदूषण(air pollution in Delhi)को मापने वाले 39 निगरानी प्वॉइंट में से 33 निगरानी प्वॉइंट का आंकड़ा बेहद चौंकाने वाला आया था.

उसके बाद इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई थी, जिसके बाद कोर्ट के द्वारा काफी महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए गए थे.

दिल्ली और उसके आसपास की हवा की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए ग्रेप के चार चरण बनाए गए हैं।

इसमें ग्रेप-1 उस वक्त लगाया जाता है, जब हवा की गुणवत्ता 201 से 300 यानी खराब स्थिति में पहुंच जाती है.

ग्रेप-2 को तब लागू किया जाता है जब वायु गुणवत्ता 301 से 400 तक पहुंच जाती है.

कोर्ट की पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ग्रेप-4 से जुड़ी पाबंदियों को पांच दिसंबर तक लगाने का निर्देश दिया था।

लेकिन अब पांच दिसंबर की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने ग्रेप-4 की पाबंदियों को हटाने की अनुमति दे दी(Delhi Air Pollution-GRAP-4 these restrictions lifted after supreme court order)है।

 

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ग्रेप-4 के अंतर्गत क्या-क्या था बैन और क्या था नियम?

* दिल्ली में डीजल से चलने वाले ट्रकों की एंट्री बंद कर दी गई थी, जिससे आम लोगों को एक तरफ आने-जाने में दिक्कतें हो रही थी, तो वहीं दूसरी तरफ प्रदूषण को रोकने के लिए इसके लिए कई कड़े नियमों को पालन करने का निर्देश दिया गया था.

* दिल्ली के बाहर के कमर्शियल वाहनों पर रोक लगाने का दिया गया था निर्देश. इसके चलते दिल्ली -एनसीआर में सैकड़ों चेकिंग प्वॉइंट बनाए गए थे. उन वाहनों को चेक करने के लिए दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को विशेष तौर पर निर्देश जारी किए गए थे, जिसके बाद उसका असर दिल्ली की ट्रैफिक व्यवस्था पर भी पड़ रहा था.

* दिल्ली के सारे स्कूलों में कक्षा 12 तक की पढ़ाई को ऑनलाइन मोड में करने का निर्देश जारी हुआ था.

* निर्माण और तोड़फोड़ कार्यों पर कड़े प्रतिबंध लगाने का निर्देश हुआ था. इसके साथ ही सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों में वर्क फ्रॉर्म होम मोड में चलाने का निर्देश दिया गया था.

उस निर्देश के मुताबिक जिन कर्मचारियों और अधिकारियों से वर्क फ्रॉर्म होम मोड में काम लिया जा सकता है, उसे उसी मोड में काम करवाने का भी निर्देश जारी किया गया था. जिसे औपचारिक तौर पर अमल करने में काफी लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था.

पिछले एक महीने से शहर में लगातार वायु प्रदूषण का सामना करने के बाद दिल्ली की एयर क्वॉलिटी में अब सुधार हुआ और यह एक्यूआई 161 पर ‘मीडियम’ कैटेगरी में पहुंच गया.

इससे पहले, शहर का 24 घंटे का एवरेट एक्यूआई बुधवार शाम 4 बजे 178 दर्ज किया गया था, जो मंगलवार को 268 था. इससे पहले 15 अक्टूबर को एक्यूआई 198 के साथ ‘मध्यम’ श्रेणी में दर्ज किया गया था.

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चलिए अब आपको बताते है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ग्रेप-4 और 3 में लगी कौन-कौन सी गतिविधियां है जो अब की जा सकेंगी।

 

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ग्रेप 3 और 4 की ये पाबंदियां हटी-GRAP-4 these restrictions lifted after supreme court order

 

-दिल्ली में अब सभी तरह के ट्रकों का प्रवेश हो सकेगा।

 

-दिल्ली-एनसीआर में सभी स्कूल खोले जा सकेंगे।

-LNG, CNG, इलेक्ट्रिक और जरूरी सेवाओं वाले वाहनों के प्रवेश पर रोक नहीं रहेगी।

 

-सभी सरकारी और सहायता प्राप्त दफ्तर खुल सकेंगे।

 

-इलेक्ट्रिक वाहन, बीएस चार डीजल और बीएस तीन पेट्रोल के वाहनों पर से प्रतिबंध हटा

 

-तोड़फोड़ यानि डिमोलिशन और निर्माण कार्यों पर लगी रोक हटी, लेकिन सख्ती से अपनाने होंगे धूल शमन के उपाय

-दिल्ली में रजिस्टर्ड बीएस-4 और उससे कम के डीजल मालवाहक और भारी वाहनों के चलने पर प्रतिबंध नहीं रहेगा।

 

-हाईवे, सड़क, फ्लाईओवर, ओवरब्रिज, पावर ट्रांसमिशन, पाइपलाइन, दूरसंचार आदि के लिए जारी परियोजनाओं के कामों (निर्माण कार्य) पर प्रतिबंध ग्रेप-2 के तहत लागू रहेंगे।

(Delhi Air Pollution-GRAP-4 these restrictions lifted after supreme court order)

 

 

ग्रेप-2 के तहत ये पाबंदियां रहेंगी जारी

  • आवासीय, व्यावसायिक और औद्योगिक इकाइयों में डीजल जनरेटर पर रोक
  • पार्किंग शुल्क, सीएनजी-इलेक्ट्रिक बसों और मेट्रो के फेरे बढ़ाने के निर्देश
  • इमरजेंसी सेवाओं के लिए डीजल जनरेटर के इस्तेमाल में छूट दी गई
  • ग्रेप-2 के तहत सीएक्यूएम ने पार्किंग शुल्क बढ़ाने के निर्देश दिए हैं, ताकि सड़कों पर निजी वाहनों का दबाव कम हो।
  • इसके अलावा एनसीआर में सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों के साथ ही मेट्रो के फेरे बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
  • सीएक्यूएम ने लोगों से निजी वाहन छोड़कर सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करने की अपील की है।
  • जनवरी तक धूल उत्पन्न करने वाले निर्माण कार्य न करें।
  • खुले में लकड़ी या कूड़ा न जलाएं।

 

 

 

 

 

 

(Delhi Air Pollution-GRAP-4 these restrictions lifted after supreme court order)

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