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नोटबंदी और डिजिटलाइजेशन के बावजूद देश में कैश सर्कुलेशन में 8 फीसदी का बड़ा उछाल,32 लाख करोड़ रुपये पहुंचा

हालांकि नोटबंदी(Demonetisation)के बाद आई आरबीआई(RBI)की वार्षिक रिपोर्ट से पहले ही इस बात का खुलासा हो गया था कि देश में इकोनॉमी कैशलेस(Cashless)होने की जगह और ज्यादा कैश का चलन हुआ (Cash-circulation-increase)है,

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विपक्ष हमेशा से ही आरोप लगाता रहा है कि देश में डिजिटल पेमेंट(Digital Payment) को बढ़ावा देने और ब्लैक मनी(Black Money)पर लगाम लगाने के लिए मोदी सरकार द्वारा लगाई गई नोटबंदी(Notebandi) पूरी तरह असफल रही है।

इसकी प्रमाणिकता अब खुद लोकसभा(LokSabha) में वितमंत्री के बयान से भी हो गई हैा

हालांकि नोटबंदी(Demonetisation)के बाद आई आरबीआई(RBI)की वार्षिक रिपोर्ट से पहले ही इस बात का खुलासा हो गया था कि देश में इकोनॉमी कैशलेस(Cashless)होने की जगह और ज्यादा कैश का चलन हुआ (Cash-circulation-increase)है,

लेकिन सरकार इसे मानने को तैयार ही नहीं थी और अपने नोटबंदी के असफल निर्णय को गाहे-बगाहे सही ठहराने की नाकाम कोशिश कई मंचों पर करती रही है।

लेकिन अब स्वंय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण(Nirmala Sitharaman)ने लोकसभा में जो आंकड़े रखे है उनसे स्पष्ट हो गया है कि देश में कैश सर्कुलेशन में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है और आलम यह है कि महज एक साल में ही करेंसी सर्कुलेशन में 7.98 फीसदी का इजाफा हुआ(Cash-circulation-increase-by-8-percent-annually-to-32-lakh-crore-rupees)है।

आपको बता दें कि 8 नवंबर 2016 को पीएम मोदी(PM Modi) ने अचानक रातोरात देश में 500 और 1000 के नोटों पर नोटबंदी लगाने का एलान कर दिया था,जिसके बाद लाखों-करोड़ो लोगों को अपना काम-धंधा छोड़कर नोट जमा कराने के लिए बैंकों की लंबी कतार में खड़ा होना पड़ा था।

तब पीेएम मोदी ने दावा किया था कि इस फैसले से कैश सर्कुलेशन कम होगा और काले धन पर लगाम लगेगी। साथ ही देश में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिलने से भ्रष्टाचार कम होगा।

लेकिन अब हाल में आई रिपोर्ट से पता चला है कि देश में करेंसी सर्कुलेशन में नोटबंदी के बाद लगातार बढ़ोतरी ही देखने को मिल रही(Cash-circulation-increase-by-8-percent-annually-to-32-lakh-crore-rupees)है।

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दरअसल, 3 दिसंबर 2021 को सर्कुलेशन में मौजूद कुल करेंसी का वैल्यू 29,56,672 करोड़ रुपये था जो एक साल बाद 2 दिसंबर 2022 को 7.98 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 31,92,622 करोड़ रुपये (32 लाख करोड़ रुपये) पर जा पहुंचा है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

नोटबंदी के बावजूद बढ़ा कैश सर्कुलेशन

वित्त मंत्री ने अपने जवाब में कहा कि 31 मार्च 2016 को 16,41,571 करोड़ रुपये सर्कुलेशन में था जो नोटबंदी के बाद 31 मार्च 2017 को घटकर 13,10,193 करोड़ रुपये पर आ गया।

हालांकि इसके बाद से हर हाल इसमें बढ़ोतरी का सिलसिला जारी((Cash-circulation-increase-by-8-percent-annually-to-32-lakh-crore-rupees)है। 31 मार्च 2018 को ये बढ़कर 18,03,709 करोड़ रुपये, 31 मार्च 2019 को 21,10,892 करोड़ रुपये ।

31 मार्च 2020 को ये बढ़कर 24,20,975 करोड़ रुपये, 31 मार्च 2021 को ये बढ़कर 28,26,863 करोड़ रुपये और 31 मार्च 2022 को ये बढ़कर 31,05,721 करोड़ रुपये पर जा पहुंची है।

 

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कैशलेस इकोनॉमी बनाने पर सरकार का जोर

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित जवाब में कहा कि करेंसी की मांग कई मैक्रोइकॉनमिक फैक्टर्स पर निर्भर करती हैं जिसमें आर्थिक विकास और ब्याज दरों का लेवल भी मायने रखता है।

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का मकसद कैशलेस इकोनॉमी बनाना है जिससे कालेधन पर लगाम लगाई जा सके और डिजिटल इकॉनमी को बढ़ावा दिया जा सके।

उन्होंने कहा कि सरकार और आरबीआई(RBI)ने डिजिटल पेमेंट को प्रोत्साहन देने और कैशलेस इकॉनमी को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाये हैं।

 

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ग्राहकों पर नहीं डाला जाए MDR चार्ज

वित्त मंत्री ने कहा कि डेबिट कार्ड(Debit Card)ट्रांजैक्शन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट को तर्कसंगत बनाने के लिए आरबीआई ने बैंकों को सुझाव दिया है कि वे सुनिश्चित करें कि मर्चेंट डेबिट कार्ड से भुगतान लेने पर एमडीआर चार्ज का भार उनके ऊपर ना डालें।
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