बीमारियां व इलाज

Male Infertility:पुरुषों में बांझपन के क्या है लक्षण और कारण,जानें पुरुष बांझपन का इलाज

treatment-of-male-infertility: मेल इनफर्टिलिटी का क्या है निदान

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Male Infertility यानि पुरुषों में बांझपन की बात सुनते ही आज भी समाज में लोग दांतों तले ऊंगली दबा लेते है।इतनी गंभीर समस्या का केवल शर्म के चलते समय रहते इलाज नहीं हो पाता।

अक्सर पुरुषों में बांझपन को नपुसंकता से जोड़कर देखा जाता है,जोकि सरासर भ्रम है। ऐसे में सबसे पहले जरुरी है कि आप जानें मेल इनफर्टिलिटी(infertility)यानि पुरुषों में बांझपन है क्या।

देश में पुरुषों में बांझपन काफी बढ़ता जा रहा है।इसमें शुक्राणुओं(Sperm)की कम संख्या या फिर उनकी गतिशीलता या  शुक्राणुओं की पूरी तरह अनुपस्थिति और इनका एबनॉर्मल साइज लक्षण बनते(Male Infertility-symptoms) है।

शुक्राणु

जब भी कोई पुरुष इनफर्टिलिटी(Male Infertility)से पीड़ित होता है तो उसकी फीमेल पार्टनर को प्रेग्नेंट होने में कठिनाई आती है या कहें कि गर्भारण की संभावना कम हो जाती है।

एक अनुमान की मानें तो स्पर्म की कमी के कारण 100 में से 13 जोड़े कम से कम 12 महीनों की अवधि के लिए गर्भधारण की कोशिश करने के बावजूद भी गर्भवती नहीं हो सकते हैं।

हालांकि पुरुष बांझपन का इलाज संभव है।किसी भी बीमारी के इलाज से पहले उसके कारण जानना ज्यादा जरुरी है।

पुरुषों में बांझपन के कई कारण हो सकते(Male Infertility-causes)है।खराब लाइफस्टाइल अस्वास्थ्यकर आहार, टेंशन और शराब के सेवन से भी पुरुषों में बांझपन का खतरा बढ़ जाता है।

पुरुषों में बांझपन का निदान(treatment-of-male-infertility)आपकी पूरी हेल्थ हिस्ट्री जानने और फिजिकल टेस्ट से शुरू होता है।एक्सपर्ट बांझपन की जांच के लिए रक्त और वीर्य परीक्षण भी करा सकते है।

हेल्थ हिस्ट्री और शारीरिक परीक्षण के लिए मुख्य रूप से आपकी हेल्थ,सर्जिकल हिस्टरी, बचपन की बीमारियों, वर्तमान स्वास्थ्य समस्याओं, या दवाओं से शुक्राणु के उत्पादन को नुकसान पहुंचाने वाली कई जांच शामिल(Male-Infertility-symptoms-treatment-of-male-infertility-causes)हैं।

कण्ठमाला, मधुमेह और स्टेरॉयड के उपयोग जैसी स्थितियां प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं।

डॉक्टर आपको संभोग के दौरान आपके शरीर के कार्य के बारे में भी पूछ सकते हैं। फिजिकल टेस्ट यह जांच करेगी कि क्या व्यक्ति को उसके लिंग, एपिडीडिमिस, वास डेफेरेंस और अंडकोष में समस्या है।

 

पुरुषों में बांझपन के इलाज के कुछ चरण होते है जो इसप्रकार है:

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वीर्य का एग्जामिनेशन

वीर्य के नमूने प्राप्त किए जाते हैं और फिर उपस्थित शुक्राणुओं की संख्या को मापने और शुक्राणु के आकार (आकृति विज्ञान) और गति (गतिशीलता) में किसी भी तरह की असामान्यताएं देखने के लिए एक प्रयोगशाला में भेजे जाते हैं।

लैब में, किसी भी समस्या के संकेत का पता लगाने के लिए आपके वीर्य की जांच की जाएगी। ज्यादातर मामलों में, सटीक परिणाम सुनिश्चित करने के लिए कम से कम दो वीर्य विश्लेषण परीक्षण समय-समय पर किए जाते हैं।

अगर शुक्राणु में कोई खराबी नहीं है, तो डॉक्टर बांझपन की प्रक्रिया शुरू करने से पहले महिला साथी के परीक्षण का सुझाव देंगे।

टेस्टीकुलर बायोप्सी

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अगर वृषण विश्लेषण यानि टेस्टीकुलर बायोप्सी का परिणाम शुक्राणु की बहुत कम संख्या या कोई शुक्राणु नहीं है, तो वृषण बायोप्सी किया जाता है।

इसमें अंडकोश में एक छोटा सा चीरा लगाया जाता है और प्रत्येक अंडकोष से ऊतक का एक छोटा टुकड़ा निकालकर माइक्रोस्कोप के नीचे अध्ययन किया जाता है। यह तकनीक बांझपन के कारण का पता लगाने में सक्षम है।

बांझपन का उपचार क्या हैं?-treatment-of-male-infertility

इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ)

यह लोगों द्वारा सबसे अधिक पसंद की जाने वाली चिकित्सा सुविधाओं में से एक है, जो स्वाभाविक रूप से गर्भ धारण करने में असमर्थ हैं। यह पुरुषों के साथ-साथ उन महिलाओं की भी मदद कर सकता है जो बांझपन से जूझ रही हैं।

इंट्रासाइटोप्लाज़मिक स्पर्म इंजेक्शन (ICSI)

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आईसीएसआई के आगमन ने गंभीर पुरुष बांझपन के इलाज में एक बड़ा बदलाव लाया है। यह बांझ दंपतियों को गर्भवती होने की अनुमति देता है।

इस प्रक्रिया में, एक छोटी सी सुई के साथ एक शुक्राणु को अंडे में इंजेक्ट किया जाता है। एक बार अंडा फर्टिलाइज होने के बाद इसे महिला पार्टनर के गर्भाशय में डाल दिया जाता है।

इस प्रक्रिया का उपयोग तब भी किया जाता है जब आपके पास वीर्य में कोई शुक्राणु नहीं होता है जो एक ब्लॉक या वृषण विफलता के कारण होता है जिसे ठीक नहीं किया जा सकता है।

इस विधि के लिए सर्जरी द्वारा अंडकोष या एपिडीडिमिस से भी शुक्राणु लिए जा सकते हैं।

 

वृषण शुक्राणु निष्कर्षण (टीईएसई)

यह तकनीक एज़ोस्पर्मिया (कोई शुक्राणु) के पीछे के कारण का निदान करने में कुशल है। यह शुक्राणु निष्कर्षण के लिए पर्याप्त ऊतक भी प्राप्त करता है।

नोट:यह लेख हेल्थ एक्सपर्ट की जानकारी के अनुसार लिखा गया है।समयधारा।कॉम इसकी प्रामाणिकता और सटीकता की पुष्टि नहीं करता।इसकी पूर्ण सत्यता या वैधता के लिए समयधारा।कॉम जिम्मेदार नहीं है।पाठकों से अनुरोध है अपने किसी भी सलाह पर अमल से पहले उचित चिकित्सक से परामर्श जरुर लें।

 

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Riya Sharma