Holi Special: होली पर ऐसे सुरक्षित रखें अपनी स्किन , रंगों पर नहीं होगा पैसा बर्बाद

होली पर बाजार में बिक रहे लाल-पीला-हरा-गुलाबी जैसे रंगों के ढेर लगे हैं जिसकी खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है। मगर होली पर्व में बिकने वाले ये रंग कैमिकल से निर्मित होते हैं, जो बॉडी को नुकसान पहुंचा सकते हैं । इसके साथ-ही-साथ शरीर से संबंधित आंखों की रोशनी जाना, त्वचा की बीमारी जैसे रोग भी हो सकते हैं।

तो इस होली हम बताते हैं ऐसे तरीके जिनके प्रयोग से आप घर पर ही होली के रंग बना सकते हैं।  आप चाहे तो इन्हें हर्बल रंग भी कह सकते हैं। फिर पढ़िए घर पर हर्बल रंग बनाने की विधि:

रंगों का त्योहार होली के लिए बाजार रंगबिरंगे गुलाल से सज चुके हैं।

बाजार में लाल-पीला-हरा-गुलाबी जैसे रंगों के ढेर लगे हैं जिसकी खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है। मगर होली पर्व में बिकने वाले ये रंग कैमिकल से निर्मित होते हैं, जो बॉडी को नुकसान पहुंचा सकते हैं । इसके साथ-ही-साथ शरीर से संबंधित आंखों की रोशनी जाना, त्वचा की बीमारी जैसे रोग भी हो सकते हैं।

तो इस होली हम बताते हैं ऐसे तरीके जिनके प्रयोग से आप घर पर ही होली के रंग बना सकते हैं।  चाहे आप इन्हें हर्बल रंग भी कह सकते हैं। फिर पढ़िए घर पर हर्बल रंग बनाने की विधि।इन रंगों को बनाकर एक तो आप सुरक्षित रह सकते हैं और दूसरा इससे आपकी स्किन को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा।

ये हैं हर्बल रंग बनाने की विधि 

1 – हर्बल लाल रंग

अनार के छिलके, टमाटर या गाजर को पीसकर उसका रस बना सकते हैं जो नैचुरल लाल रंग देगा।  साथ ही लाल रंग का गुलाल बनाने के लिए जपाकुसुम या गुलाब की पंखुड़ियों को पीसकर आटे के साथ मिलाकर गुलाल बना सकते हैं। या लाल चंदन के पाउडर को आटे मे पीसकर हर्बल लाल गुलाल बना सकते हैं। इसके लाभ यह होगा कि त्वचा से संबंधित परेशानी जैसे पिंप्ल्स नहीं होंगे। इसमें कोई ऐसा कैमिकल भी नहीं होता जिससे आपके शरीर पर कोई दुष्प्रभाव पड़े।

हल्दी से बनाए रंग

कसुरी हल्दी को बेसन की दुगुने मात्रा में मिला कर पीला रंग बना सकते हैं या बेसन के स्थान पर हल्दी को मुल्तानी मिट्टी के साथ मिला सकते हैं। इसके साथ गैंदे के फूल को सुखा कर पीस लें वह भी पीला रंग ही बनेगा। इसका लाभ यह होगा कि हल्दी, मुल्तानी मिट्टी व बेसन त्वचा के लिए सही माने गए हैं। तो इनके उपयोग से चेहरे की नुकसान नहीं पहुंचेगा। यह आपकी त्वचा पर एक तरह से फेस पैक का काम भी करेगा।

बैंगनी रंग

जामुन को पीसकर बैंगनी रंग बना सकते हैं साथ ही चुकंदर या बीटरूट को बारीक काट कर रात भर पानी में भिगोकर रख दें। अगले दिन सुबह उबाल कर छान लें। इससे आप कैमिकल रंग से बच सकते हैं। इस तरह आप इन पांच रंगों को घर पर बना कर, बाजार के कैमिकल गुलाल से स्वयं को बचा सकते हैं।  व अपने दोस्तों के साथ हेल्दी होली का आनन्द ले सकते हैं।

 

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Dropadi Kanojiya

द्रोपदी कनौजिया पेशे से टीचर रही है लेकिन अपने लेखन में रुचि के चलते समयधारा के साथ शुरू से ही जुड़ी है। शांत,सौम्य स्वभाव की द्रोपदी कनौजिया की मुख्य रूचि दार्शनिक,धार्मिक लेखन की ओर ज्यादा है।

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