
नई दिल्ली:Pahalgam Big Terror Attack in Jammu Kashmir-27 died-here-details-धारा 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर से बड़ा आतंकी हमला हुआ है,लेकिन इस बार यह आतंकी हमला पहले से भी कई गुना बड़ा और मासूम पर्यटकों पर किया गया है।
आतंकियों ने 22 अप्रैल मंगलवार दोपहर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम घूमने आएं मासूम पर्यटकों के साथ खूनी खेल(Pahalgam Big Terror Attack in Jammu Kashmir)खेला।
पर्यटकों से उनका धर्म पूछ-पूछकर गोलियों से भून दिया। इस आतंकी हमले से जम्मू-कश्मीर(Jammu-Kashmir) सहित पूरा देश और विश्व स्तब्ध और दुखी है।
इस हमले के बाद दिल्ली में भी सुक्षा-व्यवस्था बढ़ा दी गई है।
#WATCH | जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमले के बाद दिल्ली में सुरक्षा बढ़ा दी गई। pic.twitter.com/01h443H0rx
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 22, 2025
पहलगाम आतंकी हमले को उसी आतंकी संगठन ने अंजाम दिया है,जिसने 14 फरवरी 2019 में पुलवामा में आतंकी हमला किया था। इस हमले में CRPF के 40 जवानों की शहादत हो गई थी।
अब 22 अप्रैल 2025, को आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने फिर से आतंकी हमला करके पहलगाम आतंकी हमले की जिम्मेदार ली है।
जम्मू-कश्मीर के सुहानी वादियो में बसे पहलगाम जोकि पर्यटकों के बीच मिनी स्विटजरलैंड के नाम से मशहूर है, में 22 अप्रैल की दोपहर आतंकियों भयानक खूनी खेल खेला और घूमने आएं मासूम पर्यटकों को एक-एक कर गोलियों से भून दिया।
अगर आतंकवादी धर्म पूछकर हिंदुओं को मार रहे थे तो सईद हुसैन शाह को क्यों मार दिया?
‘आपदा में अवसर’ वालों की राजनीति का शिकार मत बनिये#Pahalgam #Pahalgamterroristattack #pahalgamattack #TerrorAttack pic।twitter।com/jtxlIYpUOK
— Neha Singh Rathore (@nehafolksinger) April 22, 2025
इस आतंकी हमले में 27 पर्यटकों की मौत हो गई(Pahalgam Big Terror Attack in Jammu Kashmir-27 died-here-details) है।
पहलगाम आतंकी हमले में सिर्फ हिंदू ही नहीं बल्कि अनंतनाग के रहने वाले एक मुस्लिम और अन्य विदेशी पर्यटक भी शामिल है।
A newlywed’s honeymoon turned into horror in #Pahalgam as terrorists shot her husband for not being Muslim। They asked his name, caste then killed him point-blank in kashmir। Her life shattered forever। This must be AVENGED! https://t।co/ydjwYGjnEz
— Pan India Ka Baap (@ThePanIndiaStar) April 22, 2025
पहलगाम आतंकी हमले की दहशत से सारा देश स्तब्ध,ग़म और गुस्से में है।
गृहमंत्री अमित शाह श्रीनगर पहुंच चुके हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपना सउदी अरब(Saudi Arabia) का दौरा बीच में छोड़ भारत लौट रहे है।
आपकों बता दें कि बायसरन घाटी के घने जंगलों से आएं आतंकियों ने 22 अप्रैल मंगलवार की दोपहर अलग-अलग राज्यों से आए पर्यटकों पर गोलियां बरसा दीं।
बचे पीड़ितों ने अपनी आपबीती सुनाई,जिसे सुन और पढ़कर आपके भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे।
चलिए अब आपको बतातै है पहलगाम आतंकी हमले की पूरी वारदात सिलसिलेवार:Pahalgam Big Terror Attack in Jammu Kashmir-27 died-here-details

जम्मू-कश्मीर में कहां हुआ आतंकी हमला? -Pahalgam Big Terror Attack in Jammu Kashmir full detail in hindi
श्रीनगर से 90 किलोमीटर की दूरी पर है पहलगाम। यहां से छह किलोमीटर दूर है बायसरन घाटी, जहां पहुंचने में 30 मिनट का वक्त लगता है। इस जगह को ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ भी कहा जाता है।
यहां घास के मैदान हैं। एक तरफ देवदार के घने जंगल हैं। यहां पर्यटक तुलियन झील तक ट्रैकिंग करने के लिए भी आते हैं। यहां पैदल रास्ते या खच्चरों पर बैठकर ही आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहीं पर हमला हुआ।
आतंकी हमले के समय क्या कर रहे थे पर्यटक?
यहां अलग-अलग राज्यों के पर्यटक और विदेशी सैलानी मौजूद थे। घटनास्थल पर खानपान के कुछ ठिकाने बने हुए हैं।
कुछ पर्यटक वहां भेलपुरी खा रहे थे। कुछ पर्यटक खच्चरों के जरिए आवाजाही कर रहे थे। कुछ मैदान में बैठकर पिकनिक कर रहे थे।
शुरुआती जानकारी के मुताबिक, मंगलवार दोपहर तीन बजे जंगल के रास्ते सेना की वर्दी में आतंकी आए और उन्होंने पर्यटकों से परिचय-पत्र मांगना शुरू कर दिया।
परिचय-पत्र से उन्होंने पर्यटकों का धर्म जाना।
बताया जा रहा है कि जो पर्यटक हिंदू थे, आतंकियों ने उन्हें गोलियां मारनी शुरू कर दीं। हालांकि, मरने वालों में कुछ विदेशी भी हैं। स्थानीय दुकानदारों और पर्यटकों ने पेड़ों के पीछे जाकर अपनी जान बचाई।
पहलगाम आतंकी हमले की किसने ली जिम्मेदारी?
आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। टीआरएफ, आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी संगठन है।
पाकिस्तान(Pakistan)में बैठा शेख सज्जाद गुल टीआरएफ का प्रमुख है। टीआरएफ की कहानी 14 फरवरी 2019 को पुलवामा हमले(Pulwama terror attack)के साथ ही शुरू होती है।
कहा जाता है कि इस हमले से पहले ही इस आतंकी संगठन ने घाटी के अंदर अपने पैर पसारने शुरू कर दिए थे। जम्मू कश्मीर में हाल ही में 85 हजार से अधिक डोमिसाइल जारी किए गए हैं। टीआरएफ यह कहकर लोगों को भड़का रहा है कि ये डोमिसाइल स्थानीय लोगों को नहीं, बल्कि बाहरी लोगों को प्रदान किए गए हैं।
आतंकवादी कहां से आएं थे?
घटनास्थल पर आतंकी देवदार के घने जंगलों के रास्ते आए थे। जानकारी के मुताबिक, यह माना जा रहा है कि आतंकी किश्तवाड़ के रास्ते आए और फिर कोकरनाग के जरिए दक्षिण कश्मीर के बायसरन पहुंचे। कुछ लोगों ने आतंकियों की संख्या पांच बताई है।
खूनी खेल को अंजाम दे कहां गए आतंकी ?
जहां हमला हुआ, वहां पैदल रास्ते या खच्चरों के जरिए ही पहुंचा जा सकता है। जब तक सुरक्षा बल मौके पर पहुंचते, आतंकी कई पर्यटकों की हत्या कर पहाड़ियों की तरफ भाग निकले।
उनके मारे जाने या पकड़े जाने की फिलहाल कोई सूचना नहीं है।
सुरक्षा बलों ने कैसे चलाया बचाव अभियान ?
घटना की जानकारी मिलते ही सुरक्षा बल मौके के लिए रवाना हुए। वहीं, घायलों को निकालने के लिए हेलीकॉप्टर भेजे गए।
इस बीच, स्थानीय लोगों ने खच्चरों के जरिए घायलों को निकालना शुरू किया। स्थानीय टूरिस्ट गाइड और खच्चर चलाने वालों ने स्थानीय लोगों की मदद से कुछ घायलों को कंधों पर उठाकर मुख्य मार्ग तक लेकर आए।
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जम्मू-कश्मीर पहलगाम आतंकी हमला कितना वीभत्स और महत्वपूर्ण ?
– 14 फरवरी 2019 को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ(CRPF)के काफिले पर फिदायीन आतंकी हमला हुआ था। इसमें 40 जवान बलिदान हुए थे। वहीं, वर्ष 2000 में पहलगाम में अमरनाथ यात्रा के बेस कैंपर पर हमले में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
– आतंकियों ने यह हमला ऐसे समय किया है, जब उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत दौरे पर हैं। मार्च 2000 में जब तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भारत यात्रा पर आए थे, तब दक्षिण कश्मीर के छत्तीसिंहपुरा में 35 सिखों की हत्या कर दी थी।
– इस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब के दौरे पर हैं,लेकिन हमले की खबर सुनकर रात में ही भारत लौट रहे है।
वहीं, सवा दो महीने बाद यानी 3 जुलाई से अमरनाथ यात्रा शुरू होने वाली है। जहां पर हमला हुआ, वह इलाका अमरनाथ यात्रा के नूनवान स्थित बेस कैंप से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर है।
पहलगाम आतंकी हमले की खबर सुन सऊदी अरब दौरे से भारत लौटे पीएम मोदी
पहलगाम आतंकी हमला पर अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप, पीएम मोदी से करेंगे बात
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प कश्मीर में जान गंवाने वालों के लिए अपनी हार्दिक संवेदना
व्यक्त करने के लिए जितनी जल्दी हो सके पीएम मोदी से बात करेंगे।
कश्मीर में पर्यटकों पर हुए एक जानलेवा हमले की खबरों पर हम नज़र रख रहे हैं। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा, “संयुक्त राज्य अमेरिका आतंकवाद की निंदा स्पष्ट रूप से करता है। इस समय, हमें किसी भी अमेरिकी नागरिक के हमले का शिकार होने की जानकारी नहीं है।
पहलगाम आतंकी हमला अपडेट्स: आतंकियों ने एक मुसलमान को भी नहीं छोड़ा
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में टूरिस्ट पर हुए हमले में मारे गए लोगों और घायलों की लिस्ट प्रशासन की तरफ से जारी की गई है। मरने वालों में एक मुसलमान भी शामिल है। मृतक सैयद हुसैन शाह अनंतनाग के रहने वाले हैं। दहशतगर्दों की गोली से वो भी मारे गए।
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पहलगाम हमले पर किसने क्या कहा?
- – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिलहाल सऊदी अरब के दौरे पर हैं। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट में लिखा- मैं जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं। मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल लोग जल्द से जल्द ठीक हो जाएं। प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। इस जघन्य कृत्य के पीछे जो लोग हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।।।उन्हें बख्शा नहीं जाएगा! उनका नापाक एजेंडा कभी सफल नहीं होगा। आतंकवाद से लड़ने का हमारा संकल्प अडिग है और यह और भी मजबूत होगा।
- – इससे पहले पीएम मोदी ने पहलगाम आतंकी हमले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से जानकारी ली थी। इसके साथ ही पीएम मोदी ने गृह मंत्री को जल्द से जल्द जम्मू-कश्मीर का दौरा करने का निर्देश दिया था।
- – केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस कायराना आतंकी हमले में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। साजिशकर्ताओं पर बड़ी कार्रवाई होगी और उन्हें कठोरतम परिणाम भुगतने होंगे।
- – लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा, आतंक के खिलाफ पूरा देश एकजुट है। सरकार जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य होने के खोखले दावों के बजाय अब जवाबदेही लेते हुए ठोस कदम उठाए ताकि आगे ऐसी बर्बर घटनाएं न होने पाएं और निर्दोष भारतीय यूं अपनी जान न गंवाएं।
- – पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि मेरा गृह मंत्री से यही आग्रह है कि एक जांच बैठाई जाए और इसकी जांच हो कि इस घटना के पीछे कौन लोग हैं? उनका क्या मकसद था? हमारी सुरक्षा एजेंसियों को भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। हम छह साल से बोलते आ रहे हैं कि कश्मीर में हालात सामान्य नहीं हैं। अफसोस की बात है कि दिल्ली में बैठे लोगों को अभी भी समझ नहीं आ रहा है यहां जमीनी हकीकत क्या है। यह सिर्फ इन पर्यटकों पर हमला नहीं है ये जम्मू-कश्मीर के हर नागरिक पर हमला है, ये कश्मीरियत पर हमला है।
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(इनपुट एजेंसियों से भी)