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Mahatma Gandhi:बापू की 76वीं पुण्‍यतिथि आज,अहिंसक महात्मा गांधी पर गोडसे ने चलाई थी गोली

76 साल पहले 30 जनवरी के दिन महात्मा को भले ही खामोश कर(Bapu 76th Punyatithi 2024)दिया गया। लेकिन उनकी विचारधारा विश्व में आज भी अपनी पहचान कायम किए हुए है।

Mahatma-Gandhi-76th-Death-Anniversary-Bapu-Punyatithi-2024-मौजूदा वक्त में हर राजनीतिज्ञ को महात्मा गांधी जैसा सम्मान तो चाहिए लेकिन उनकी विचारधारा की बराबरी आज तक कोई नहीं कर सका।

आज देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 76वीं पुण्यतिथि(Mahatma-Gandhi-76th-Death-Anniversary) है।

30 जनवरी 1948 के दिन कट्टर हिंदू राष्ट्रवादी नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

स्वतंत्र भारत की सर्वाधिक दुखद और ह्रदयविदारक दुर्घटना आज यानि 30 जनवरी के दिन घटी थी,जब बापू को उन्हीं के देश में एक नफरत के पुलिंदे,हिंसक शख्स गोडसे ने अपनी गोलियों से भून दिया था।

बापू की पुण्यतिथि(Bapu-Punyatithi-2024)को शहीद दिवस(Shahid Divas)भी कहा जाता है।

वर्तमान में भारत जिस नफरत,सांप्रदायिकता और फूट के मुहाने पर खड़ा है।

आज से 76 साल पहले इन्हीं भावों से ओतप्रोत होकर नफरत से भरी एक गोली चली(Mahatma-Gandhi-76th-Death-Anniversary-Bapu-Punyatithi-2024)थी

और उसने सत्य,अहिंसा और भाईचारे का पाठ पढ़ाने वाले हम सभी के प्रिय ‘बापू जी’ यानि ‘महात्मा गांधी’ (Mahatma Gandhi) जी को हमेशा-हमेशा के लिए खामोश कर दिया(Mahatma-Gandhi-76th-Death-Anniversary-Bapu-Punyatithi-2024) था।

76 साल पहले 30 जनवरी के दिन महात्मा को भले ही खामोश कर(Bapu 76th Punyatithi 2024)दिया गया। लेकिन उनकी विचारधारा विश्व में आज भी अपनी पहचान कायम किए हुए है।

आज भी भारत को ‘गांधी के देश’ के रूप में दुनियाभर में पहचाना जाता है।

उनकी विचारधारा के राजनीतिक आलोचकों को आज 21वीं सदी में भी बापू के आगे नतमस्तक होना ही पड़ता है।

यही दर्शाता है कि गोडसे ने बापू के सिर्फ शरीर को खत्म किया। उनकी विचारधारा,उनके कालजयी अस्तितत्व को न कभी खत्म कर सका और न ही कर सकेगा।

यही है महात्मा गांधी की जीत। उनके अहिंसक,समानता,धर्मनिरपेक्ष विचारों की विजय।

30 जनवरी 1984 का दिन भारत के इतिहास में उस काले पन्ने की याद दिलाता है जब नाथूराम विनायक गोडसे (Nathuram Vinayak Godse)ने महात्मा गांधी की हत्या कर दी थी

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देश आज महात्मा गांधी की 76वीं पुण्यतिथि पर उन्हें स्मरण करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि दे रहा(Mahatma-Gandhi-76th-Death-Anniversary-Bapu-Punyatithi-2024) है।

आज के दिन 76 साल पहले चली थी नफरत की एक गोली और सदा के लिए खामोश हो गए सत्य,अहिंसा,के राष्ट्रपिता(Mahatma Gandhi  Death Anniversary).

किसी ने सोचा भी नहीं था भाईचारे,अहिंसा,सत्य और प्रेम के संदेशों से ब्रिटिश साम्राज्य के सूरज को डुबोने वाले महात्मा गांधी जी के जीवन का सूरज नफरत और हिंसा के हाथों सदैव के लिए अस्त हो जाएगा

और भारत के इतिहास में आज का दिन उस दर्दभरे नासूर की तरह लिख दिया जाएगा,जिसकी टीस आज भी उठती रहती है।

 

कैसे की थी नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या

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30 जनवरी 1948 की शाम गांधी जी रोज की ही तरह संध्या प्रार्थना के लिए जा रहे थे कि तभी नाथूराम गोडसे नामक शख्स ने उन्हें पैर छूने के बहाने गोली मार (Nathuram Vinayak Godse shoot Bapu 30Jan 1948) दी।

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     महात्मा गांधी                           नाथूराम गोडसे

खून से लहूलुहान बापू ने ‘हे राम’ कहकर इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

महात्मा गांधी ने ब्रिटिश शासनकाल की कुरीतियों,गुलामी और हिंसा के खिलाफ एक राष्ट्रीय आवाज बनने में अहम भूमिका निभाई थी।

बंदूक की गोली और बम के धमाकों से न डरने वाली ईस्ट इंडिया कंपनी महात्मा गांधी की खामोशी,अहिंसा और सत्यता से सबसे ज्यादा डरती थी।

गांधी जी के सिद्धांतों और विचारों का अनुसरण आज भी पूरा विश्व करता है।

उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी (Mohan Das Karamchand Gandhi)है। महात्मा गांधी के मूल्यों को सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विश्व में आज भी सम्मान के साथ संजोया गया है।

वर्तमान में देश के जो हालात है उन्हें देखकर महात्मा गांधी के बलिदान को शर्मसार करने के लिए काफी है।

भारत को संप्रभु,एकजुट और अहिंसावादी बनाने के लिए महात्मा गांधी जी ने आज ही के दिन अपने प्राणों की आहुति दे दी थी।

देशवासी ऐसे ही महान राष्ट्रपिता को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धासुमन अर्पित कर रहा (Mahatma-Gandhi-76th-Death-Anniversary-Bapu-Punyatithi-2024) है।

 

 

इन वजहों से भी बेहद खास है 30 जनवरी का दिन-30 Jan significant

भारतीय इतिहास में 30 जनवरी का दिन सिर्फ महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के रूप में ही याद नहीं किया जाता बल्कि आज ही के दिन विश्वभर में ऐसी घटनाएं घटी थी,

जिससे 30 जनवरी इतिहास में बहुत खास हो गई। चलिए बताते है 30 जनवरी के इतिहास में विश्व में क्या-क्या हुआ:

 

1530 : मेवाड़ के राणा संग्राम सिंह का निधन।

1903 : लार्ड कर्जन ने कलकत्ता के मेटकॉफ हॉल में इंपीरियल लाइब्रेरी का उद्घाटन किया। 1948 में इस लाइब्रेरी का नाम बदलकर नेशनल लाइब्रेरी कर दिया गया।

1933 : राष्ट्रपति पॉल वान हिंडेनबर्ग ने अडोल्फ हिटलर को जर्मनी का चांसलर बनाया।

1941 : नौवहन के इतिहास की एक बड़ी घटना में सोवियत संघ की एक पनडुब्बी ने जर्मनी का एक पोत डुबा दिया, जिससे उसमें सवार करीब 9,000 लोगों की मौत हो गई।

1948 : शाम की प्रार्थना के लिए जा रहे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की नई दिल्ली के बिड़ला भवन में हत्या। तभी से इस दिन को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।

1949 : रात्रि एयरमेल सेवा की शुरूआत।

1965: ब्रिटेन के लोगों ने द्वितीय विश्वयुद्ध के समय देश के प्रधानमंत्री रहे विंस्टन चर्चिल को अंतिम विदाई दी।

चर्चिल एक कुशल कूटनीतिज्ञ और प्रखर वक्ता थे और वह एकमात्र प्रधानमंत्री थे, जिन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें ब्रिटेन की महानतम विभूतियों में गिना जाता है।

1971 : इंडियन एयरलाइंस के फोक्कर मैत्री विमान का लाहौर से अपहरण कर लिया गया और अंतत: यह नष्ट कर दिया गया।

1985 : लोकसभा ने दल बदल विरोधी कानून पारित कर राजनीतिक दलबदलुओं के स्वत: अयोग्य होने का रास्ता साफ कर दिया।

2004 : वैज्ञानिकों ने एक संवाददाता सम्मेलन में ऐलान किया कि मंगल पर भेजे गए अंतरिक्ष यान अपोर्चुनिटी को मंगल ग्रह पर आयरन ऑक्साइड की मौजूदगी के संकेत मिले हैं।

इसका सीधा मतलब है कि संभवत: एक समय वहां पानी रहा होगा।

2007 : एक बड़े अन्तरराष्ट्रीय सौदे में भारत की दिग्गज कंपनी टाटा ने एंग्लो डच स्टील निर्माता कंपनी कोरस ग्रुप को 12 अरब डॉलर से अधिक में ख़रीदा।

2009 : आस्ट्रेलिया ओपन के मिक्स्ड डबल मुक़ाबले में सानिया मिर्ज़ा और महेश भूपति की जोड़ी फाइनल में पहुंची।

2009 : कोका कोला कंपनी ने ऐलान किया कि वह अमेरिका में अपने प्रमुख उत्पाद कोका कोला क्लासिक का नाम बदलकर कोका कोला करने जा रही है। कोका कोला के साथ क्लासिक शब्द को 1985 में जोड़ा गया था।

 

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(इनपुट एजेंसी से भी)

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Reena Arya

रीना आर्य www.samaydhara.com की फाउंडर और एडिटर-इन-चीफ है। रीना आर्य ने पत्रकारिता के महज 6-7 साल के भीतर ही अपने काम के दम पर न केवल बड़े-बड़े ब्रांड्स में अपनी पहचान बनाई बल्कि तमाम चुनौतियों और पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाते हुए समयधारा.कॉम की नींंव रखी। हर मुद्दे पर अपनी ज्वलंत और बेबाक राय रखने वाली रीना आर्य एक पत्रकार, कंटेंट राइटर,एंकर और एडिटर की भूमिका निभा चुकी है।

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