ALERT..! हवा से फ़ैलता है कोरोना…, घंटो तक हवा में तैरता है वायरस
कोरोना वायरस से संबंधित एक नया खुलासा हुआ है, 32 देशों के 239 वैज्ञानिकों के रिसर्च का हवालें से यह खबर आई थी कि कोरोना वायरस हवा में छोटे-छोटे कणों में कई घंटों तक मौजूद रहता है, यानी यह हवा से भी फैल सकता है.
ALERT – Corona is spreading through the air the virus floats in the air for hours
नई दिल्ली (समयधारा): देश ही नहीं विदेशों में भी कोरोना का कहर कम होने का नाम ही नहीं ले रहा l
इस समय कोरोना वायरस का कहर भारत में जोरों पर है l रोज-रोज 2 लाख से ज्यादा मामलें आ रहे है l 20 अप्रैल को तो यह आंकड़ा 3 लाख तक पहुँच गया l
भारत में कोरोना के बढ़ते मामलें ने लोगों की नींद हराम कर रखी है, आम हो या ख़ास सभी इसके चपेट में आ रहे है l
इस बार कोरोना से मरने वालों के आंकड़े में भी रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी हुई है l
अब बात करते है कोरोना वायरस की l कोरोना वायरस से संबंधित एक नया खुलासा हुआ है l
दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल लैंसेट में प्रकाशित एक नए असेसमेंट के मुताबिक इस बात के मजबूत साक्ष्य हैं कि
कोविड-19(COVID-19) का संक्रमण फैलाने वाले SARS-CoV-2 virus हवा के जरिए आसानी से ट्रांसमिट हो कर संक्रमण फैला सकते हैं।
ALERT – Corona is spreading through the air the virus floats in the air for hours
द लैंसेट (Lancet) में प्रकाशित UK, USA और Canada के 6 एक्पर्ट्स के एक असेसमेंट में दावा किया गया है कि
कोरोना वायरस हवा से फैलता है, इस बात के पक्के सबूत मौजूद हैं। रिसर्चर्स ने अपने असेसमेंट की पुष्टि के लिए 10 कारण भी गिनाए हैं।
ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा के 6 विशेषज्ञों का कहना है कि यही कारण है कि पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट इस वायरस का काट ढूढ़ने में असफल साबित हो रहे हैं।
जिन लोगों ने यह रिपोर्ट तैयार की है उनमें Cooperative Institute for Research in Environmental Sciences (CIRES) और कोलेराडो विश्वविद्यालय के रसायनशास्त्री Jose-Luis Jimenez शामिल हैं।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि हवा के जरिए कोरोना के फैलाव के बहुत पुख्ता सबूत मिले है ।
वहीं छींक या बोलने के दौरान मुंह से निकले बड़े ड्रॉपलेट (बूंद) से इसका संक्रमण फैलने के बहुत कम साक्ष्य हैं।
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इस रिपोर्ट में अपील की गई है कि डब्ल्यूएचओ और दूसरी हेल्थ एजेंसियों को यह बात जल्द मान लेनी चाहिए कि कोरोना हवा से फैलता है,
ताकि इस वायरस के संक्रमण को जल्दी से रोका जा सकें।
इन शोधकर्ताओं ने आगे कहा कि कोरोना के फैलाव को रोकने में हाथ धोने और सतह को साफ रखने का अपना महत्व है,
लेकिन अब हवा के जरिए कोरोना के फैलने की बात को मान लेना चाहिए।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि एक मामले में एक ही व्यक्ति से 53 लोग संक्रमित हुए लेकिन संक्रमित व्यक्ति से उन 53 लोगों का कोई करीबी संबंध नहीं था और ना ही सतह और वस्तुओं को छूने से संक्रमण फैला।
स्टडी में यह भी पता चला है कि कोविड-19 वायरस का प्रसार खुली हवा की तुलना में बंद कमरे में बहुत ज्यादा होता है,
ALERT ..! Corona is spreading through the air the virus floats in the air for hours
लेकिन बंद कमरे में यदिअच्छा वेंटिलेंशन हो तो वायरस का प्रसार घट जाता है।
इसके पहले पिछले साल जुलाई में भी न्यूयॉर्क टाइम्स ने 32 देशों के 239 वैज्ञानिकों के रिसर्च का हवाला देते हुए बताया था कि
कोरोना वायरस हवा में छोटे-छोटे कणों में कई घंटों तक मौजूद रहता है। यानी यह हवा से भी फैल सकता है।
तब WHO ने इस दावे को नहीं माना था। WHO ने उस समय कहा था कि कोरोना वायरस हवा से नहीं बल्कि एयरोसोल और 5 माइक्रॉन से छोटी बूंदों से फैल सकता है।
(इनपुट एजेंसी से भी)