Women’s Dayपर थीम Inspire Inclusion का अर्थ,जानें महाशिवरात्रि से जुड़ाव
International Women’s day 2024: 8 मार्च को क्यों मनाते है अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस,क्या है इस वर्ष की थीम का महत्व
नयी दिल्ली (समयधारा):International-Women’s-Day-2024-Theme-Inspire-Inclusion-हर बार की तरह इस साल भी इंटरनेशनल विमेंस डे यानी अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International-women’s-day) 8 मार्च 2024 को धूमधाम से मनाया जा रहा है।
8 मार्च को आने वाले इस डे के दिन इस बार महाशिवरात्रि(Mahashivratri) का भी योग बन गया है l
लेकिन पहले जान लेते है इस साल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम(International Women Day 2024 Theme) क्या है l
इस साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की कैंपेन थीम इंस्पायर इंक्लुजन (International-Women’s-Day-2024-Theme-Inspire-Inclusion) हैl
इंस्पायर इंक्लुजन(Inspire-Inclusion)का अर्थ है- महिलाओं के महत्व को समझाने के लिए लोगों को जागरूक करनाl
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प्रतिवर्ष 8 मार्च को ही इंटरनेशनल वुमन डे मनाया जाता है।
लेकिन अगर आप जानना चाहते है कि 8 मार्च को ही क्यों अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनया जाता(why-celebrate-women’s-day)है, तो इसके पीछे एक दिलचस्प इतिहास है।
लेकिन सबसे पहले बताते है आपको इस बार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2024 कब है,इसका महत्व क्या है और इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम क्या (International-Women’s-Day-2024-Theme-Inspire-Inclusion-Celebration-Reason)है।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2024 की थीम का अर्थ व महत्व
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस आज यानि 8 मार्च,शुक्रवार को है।आज ही के दिन हिंदू पंचागानुसार महाशिवरात्रि भी है। शिव का उनकी शक्ति यानि माता पार्वती के साथ विवाह का योग ही महाशिवरात्रि का दिन है।
अंतर्ऱाष्ट्रीय महिल दिवस 2024 की थीम का अर्थ है- महिलाओं के लिए एक ऐसे समाज के निर्माण को बढ़ावा देना भी है, जहां महिलाएं खुद को जुड़ा हुआ महसूस कर सकें, सशक्त महसूस कर(International-Women’s</span>-Day-2024-Theme-Inspire-Inclusion)सकेंl
अगर किसी क्षेत्र विशेष में, जैसे किसी कंपनी में महिलाएं नहीं हैं, तो इंस्पायर इंक्लुजन कैंपेन के तहत मकसद यह है कि पूछा जाए कि अगर महिलाएं नहीं हैं तो क्यों नहीं हैंl
अगर महिलाओं के साथ किसी तरह का भेदभाव हो रहा है, तो उस भेदभाव को खत्म करना जरूरी हैl
अगर महिलाओं के साथ अच्छा बर्ताव नहीं होता है, तो उसके खिलाफ कदम उठाना जरूरी है और यह हर बार करना जरूरी हैl
यही इंस्पायर इंक्लुजन (Inspire Inclusion) हैl
महिला दिवस 2024 की थीम है महाशिवरात्रि का सटीक पर्याय-Women’s-Day-2024-Theme-related-Mahashivratri
भारतीय सभ्यता में वैसे भी महिलाओं को ही शक्ति,संपन्नता और सुख-वैभव की मूर्ति दुर्गा व लक्ष्मी के रूप में पूजा जाता है।
ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस(International Women Day) इस वर्ष भारत में 8 मार्च महाशिवरात्रि(Mahashivratri 2024) के दिन पड़ने से बेहद खास हो गया है।
भगवान शिव की शक्ति मां पार्वती ही है जोकि स्वंय महिला है।
जब बात शिवशक्ति की आती है तो मां पार्वती के शक्ति स्वरूप यानि दुर्गा और काली रूप को पूजा जाता(Women’s-Day-2024-Theme-related-Mahashivratri)है।
ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का भारत में महाशिवरात्रि के दिन पड़ जाना एक बेहद दुर्लभ संयोग है और सही मायनों में हिंदू धर्म के हिसाब से आज भारत में भी शक्ति दिवस यानि महिला दिवस महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जा रहा(International-Women’s-Day-2024-Theme-Inspire-Inclusion)है।
यह पूरी दुनिया में महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक उपलब्धियों का सम्मान करने के लिए व्यापक रूप से मनाया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को वैश्विक अवकाश के रूप में मनाया जाता है और यह हर साल एक निश्चित तिथि पर मनाया जाता है, जोकि 8 मार्च है।
यह दिन महत्वपूर्ण मुद्दों जैसे लैंगिक समानता, प्रजनन अधिकार, महिलाओं के खिलाफ हिंसा और दुर्व्यवहार, महिलाओं के लिए समान अधिकार आदि पर केंद्रित है।
यह दिन सभी महिलाओं को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है।
महिलाओं(women)के विषय में कहा जाता है कि वह सबकुछ कर सकती है। अगर किसी घर में एक लड़की पढ़ गई तो समझों पूरी पीढ़ी पढ़ गई।
एक औरत हर रूप,हर काम को जितनी परफेक्शन के साथ कर सकती है,उतना कोई नहीं,फिर चाहे वो गृहिणी हो,मां,बहन,बेटी हो या फिर बिजनेस वुमन,अध्यापिका,डॉक्टर,पुलिस और इंजीनियर।
अपने हर रूप,हर काम को एक महिला पूरी शिद्दत और ईमानदारी के साथ निभाती है।
महिलाओं के इसी हिम्मत,हौंसले को सलाम करने की एवज में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस(International Women’s Day)मनाया जाता है।
इस खास दिन पर इंटरनेशनल लेवल पर महिलाओं के संघर्ष,उनकी सफलता,सशक्तिकरण,दृढ़ता और उपलब्धियों को नमन करके उनका सेलिब्रेशन किया जाता है।
इस दिन न केवल महिलाओं के साथ होने वाले अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के जज़्बे को सलाम किया जाता है बल्कि उनके सशक्तिकरण पर पूरा जोर दिया जाता है।
हर साल की तरह इस वर्ष भी अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2023(International Women’s Day 2023,8 March), 8 मार्च 2024,शुक्रवार को मनाया जा रहा है।
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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास | International women’s day history
सदियों से विश्वभर में महिला और पुरुषों के बीच अवसरों,पालन-पोषण और अधिकारों को लेकर भेदभाव रहा है।उनके पास पुरुषों जितने संसाधन कभी नहीं थे।
काम भले ही उन्हें ज्यादा करना पड़ता था। लेकिन उसकी एवज में भुगतान बहुत निम्न मिलता था। इतना ही नहीं,मतदान करने जैसे अधिकार भी महिलाओं को प्राप्त नहीं थे।
वर्ष 1908 में इसी भेदभाव और उत्पीड़न पर महिलाओं में वाद-विवाद होने लगा और आखिर इसपर आवाज उठाते हुए तकरीबन 15,000 महिलाओं ने न्यू यॉर्क की सड़कों पर रैली निकाली थीl 1910 पर इसपर कोपेनहेगन में कामकाजी महिलाओं को लेकर कोन्फ्रेंस हुई थी।
फिर वर्ष 1911 में जर्मनी की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी की लीडर क्लारा जेटकिन ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का प्रस्ताव रखा और 19 मार्च के दिन इसे मनाया।
वहीं, 1913-1914 में 23 फरवरी के दिन रूस (Russia) में पहला महिला दिवस मनाया गया और आगे चलकर वैश्विक स्तर पर इसे 8 मार्च मनाया जाना घोषित कर(Why Women Day celebrate on 8 March) दिया। यूनाइटेड नेशंस में महिला दिवस मनाने की शुरुआत 1975 में हुई थी।
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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का महत्व | International Women’s Day Importance/Significance
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस सिर्फ इसलिए नहीं मनाया जाता क्योंकि इसे कैलेंडर में दिखाना है बल्कि इसलिए मनाया जाता है क्योंकि आज भी ऐसी अनेक महिलाएं हैं जो उत्पीड़न का शिकार होती हैं, शिक्षा से वंचित हैं, भ्रूण हत्या के लिए मजबूर होती हैं, जिनके पास काम के साधन नहीं हैं या भुखमरी में जी रही हैं।
इनके लिए आवाज उठाना और इस भेदभाव को कम करना आवश्यक है, इसीलिए आज भी इस दिन का उतना ही महत्व है जितना सालों पहले था।