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“कालकाजी की खामोशी: जब एक घर में जीवन थम गया”

कालकाजी में एक ही परिवार की सामूहिक आत्महत्या से दहला दिल्ली

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कालकाजी में एक ही परिवार की सामूहिक आत्महत्या से दहला दिल्ली

कोर्ट नोटिस के दौरान सामने आया दर्दनाक सच

दिल्ली की तेज़ रफ्तार और भीड़भाड़ भरी ज़िंदगी के बीच शुक्रवार को एक ऐसी घटना सामने आई, जिसने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया। दक्षिणी दिल्ली के कालकाजी इलाके में एक ही परिवार के तीन सदस्यों द्वारा आत्महत्या किए जाने की खबर ने न केवल स्थानीय निवासियों को बल्कि पूरे समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया। यह मामला उस समय उजागर हुआ जब पुलिस अदालत के आदेश पर एक नोटिस तामील कराने संबंधित फ्लैट पर पहुंची।

डुप्लीकेट चाबी से खुला फ्लैट, अंदर का दृश्य देख सन्न रह गई पुलिस

जब पुलिस टीम ने फ्लैट पर पहुंचकर कई बार दरवाजा खटखटाया और बेल बजाई, लेकिन भीतर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली, तो स्थिति संदिग्ध प्रतीत होने लगी। नियमों के अनुसार पुलिस ने डुप्लीकेट चाबी का इस्तेमाल कर दरवाजा खोला। जैसे ही दरवाजा खुला, अंदर का दृश्य देखकर पुलिसकर्मी कुछ पल के लिए स्तब्ध रह गए।

52 वर्षीय महिला और दो बेटों की मौत

फ्लैट के अंदर 52 वर्षीय महिला और उसके दो बेटों के शव मिले। तीनों ने कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या की थी। मृत महिला की पहचान अनुराधा कपूर के रूप में हुई है, जबकि उनके बेटों के नाम आशीष कपूर और चैतन्य कपूर बताए गए हैं।

जी-70बी फ्लैट से बरामद हुए तीनों शव

यह पूरी घटना कालकाजी स्थित जी-70बी नंबर के फ्लैट में सामने आई। यही वह स्थान था जहां यह परिवार पिछले कुछ समय से रह रहा था। पुलिस को आशंका है कि घटना को अंजाम दिए जाने के बाद काफी समय तक किसी को इसकी जानकारी नहीं मिली।

कब्जा आदेश से जुड़ा था पुलिस का दौरा

साउथ-ईस्ट दिल्ली के डीसीपी हेमंत तिवारी के अनुसार, पुलिस की टीम कोर्ट द्वारा जारी कब्जा आदेश से संबंधित नोटिस देने के लिए इस फ्लैट पर पहुंची थी। संपत्ति से जुड़ा यह कानूनी मामला परिवार के लिए लंबे समय से तनाव का कारण बना हुआ था।

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कई बार आवाज देने पर भी नहीं मिला जवाब

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नोटिस तामील कराने के लिए मानक प्रक्रिया के तहत कई बार आवाज दी गई, दरवाजा खटखटाया गया और आसपास के लोगों से भी पूछताछ की गई, लेकिन भीतर से कोई हलचल नहीं दिखी।

सीलिंग फैन से लटके मिले शव

दरवाजा खुलने के बाद पुलिस ने देखा कि तीनों शव अलग-अलग कमरों में सीलिंग फैन से लटके हुए थे। घर के अंदर का माहौल बेहद शांत और डरावना था। यह दृश्य इतना भयावह था कि अनुभवी पुलिसकर्मी भी मानसिक रूप से विचलित हो गए।

दोपहर 2:47 बजे पुलिस को मिली सूचना

दिल्ली पुलिस की ओर से जारी प्रेस नोट के अनुसार, इस संबंध में आधिकारिक कॉल दोपहर करीब 2:47 बजे कालकाजी थाने में दर्ज की गई थी। सूचना मिलते ही वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया।

मौके पर पहुंची फॉरेंसिक और वरिष्ठ पुलिस टीम

घटना की गंभीरता को देखते हुए तुरंत फॉरेंसिक टीम, क्राइम ब्रांच और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। पूरे फ्लैट को सील कर दिया गया और साक्ष्य एकत्र करने की प्रक्रिया शुरू की गई।

फ्लैट से मिला सुसाइड नोट

जांच के दौरान पुलिस को फ्लैट से एक सुसाइड नोट भी मिला है। हालांकि इसकी पूरी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि नोट में मानसिक तनाव और जीवन से निराशा के संकेत मिले हैं।

लंबे समय से अवसाद और मानसिक तनाव की आशंका

पुलिस का मानना है कि यह परिवार लंबे समय से अवसाद से जूझ रहा था। मानसिक दबाव, अकेलापन और लगातार बढ़ती परेशानियों ने उनके मानसिक स्वास्थ्य को गंभीर रूप से प्रभावित किया हो सकता है।

आर्थिक और कानूनी परेशानियों की जांच जारी

पुलिस अब परिवार की आर्थिक स्थिति, कानूनी विवाद और कोर्ट के आदेश से जुड़े पहलुओं की गहराई से जांच कर रही है। यह जानने की कोशिश की जा रही है कि क्या इन्हीं कारणों ने आत्महत्या के निर्णय को प्रभावित किया।

शवों को एम्स मोर्चरी भेजा गया

तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की मोर्चरी भेज दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत के समय और अन्य तकनीकी पहलुओं की पुष्टि हो सकेगी।

बीएनएसएस की धारा 194 के तहत कार्रवाई

पुलिस ने इस मामले में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 194 के तहत कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है। सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर केस डायरी तैयार की जा रही है।

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रिश्तेदारों और पड़ोसियों से पूछताछ

पुलिस परिवार के रिश्तेदारों और पड़ोसियों से भी पूछताछ कर रही है। यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि हाल के दिनों में परिवार का व्यवहार कैसा था और क्या उन्होंने किसी से अपनी परेशानी साझा की थी।

शांत स्वभाव का बताया जा रहा है परिवार

पड़ोसियों के अनुसार, यह परिवार आमतौर पर शांत और कम बोलने वाला था। वे ज्यादा सामाजिक मेलजोल में नहीं रहते थे, जिससे उनकी अंदरूनी परेशानियों का किसी को अंदाजा नहीं हो सका।

मानसिक स्वास्थ्य पर फिर उठा गंभीर सवाल

यह घटना एक बार फिर मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर गंभीर सवाल खड़े करती है। महानगरों में बढ़ता तनाव, अकेलापन और कानूनी-आर्थिक दबाव कई लोगों को अंदर से तोड़ रहा है।

पुलिस की अपील: संकेतों को नजरअंदाज न करें

दिल्ली पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि यदि उनके आसपास कोई व्यक्ति लंबे समय से अवसाद, निराशा या असामान्य व्यवहार दिखा रहा हो, तो उसे नजरअंदाज न करें और समय रहते मदद दिलाने का प्रयास करें।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार

फिलहाल पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है, जिसके बाद मौत के समय और कारणों को लेकर और अधिक स्पष्टता आ सकेगी।

जांच पूरी होने के बाद होंगे स्पष्ट कारण

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकेगा कि किन परिस्थितियों ने इस परिवार को इतना बड़ा कदम उठाने के लिए मजबूर किया।

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