चाय और शायरी : लहजा जरा ठंडा रखें जनाब, गरम तो हमें सिर्फ चाय पसंद है..
चाय दूसरी ऐसी चीज है जनाब, जिससे आखें खुलती है, पर धोखा अभी भी पहले नंबर पर है ...!
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लहजा जरा ठंडा रखें जनाब
गरम तो हमें सिर्फ चाय पसंद है
चाय दूसरी ऐसी चीज है जनाब
जिससे आखें खुलती है l
पर धोखा अभी भी पहले नंबर पर है …!
मिलें कभी चाय पर
फिर किस्से बुनेंगे l
तुम खामोशी से कहना
हम चुपके से सुनेगे l
तुम्हारी आदत भी चाय जैसी है
कम्भख्त आज तक छूटती ही नहीं
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