शायरी : वो इत्र की शीशियां बेवज़ह इतराती हैं खुद पे..
हम तो उनके साथ होते है तो महक जाते है...
itr shayaris shayri-in-hindi india-sayari
वो इत्र की शीशियां
बेवज़ह इतराती हैं खुद पे
हम तो उनके साथ होते है
तो महक जाते है…
शायर की शायरी : जला हुआ जंगल.. छिप कर रोता रहा..
जला हुआ जंगल
छिप कर रोता रहा…..
लकड़ी उसी की थी
उस माचिस की तीली में……
मँज़िले बड़ी ज़िद्दी होती हैँ ,
हासिल कहाँ नसीब से होती हैं !
मगर वहाँ तूफान भी हार जाते हैं ,
जहाँ कश्तियाँ ज़िद पर होती हैँ !
शायरी : बस नाम लिखने की इजाज़त नहीं मिली, बाकी हम सब कुछ तुम पर ही लिखते हैं
यह शायरियां भी पढ़े (itr shayaris shayri-in-hindi india-sayari )
आरजू शायरी : तेरी आरजू ने कुछ यू दीवाना किया, ख्वाब की जूस्तजु ने खुद से बेगाना किया..
बारिश शायरी : बादलों के दरमिया साजिश होने लगी…कल उसने मिलने का वादा किया था…
इश्क शायरी : इश्क़ जब इबादत बन जाता है तो खुदा खुद हमारे इश्क़ की
Life Shayari : हवाओं की भी अपनी…अजब सियासतें हैं साहब,
कोरोना शायरी : दूरियाँ तो पहले ही आ चुकी थी ज़माने में…..
मुस्कान शायरी : हम तो खुशियाँ उधार देने का कारोबार करते हैं, साहब…!
जिंदगी शायरी : तलाश ज़िन्दगी की थी, दूर तक निकल पड़े ….