दिवाली कब है 12 या 13 को, जानें धनतेरस सहित दिवाली के शुभ मुहूर्त
जानें धनतेरस(Dhanteras), दिवाली(Diwali), नव-वर्ष(New Year), गोर्वधन पूजा(Gowardhan Puja), भाई दूज(Bhai Dooj) की तारीख-शुभमुहूर्त
Diwali-2023-Kab-Hai Deepawali-Puja-Shubh-Muhurat Govardhan-Puja Bhai-Dooj When-Is-Choti-Diwali
नईं दिल्ली (समयधारा) : देश भर में त्यौहारों का मौसम शुरू हो गया है l लोगों ने त्यौहारों की खरीदारी शुरू कर दी है l
ऐसे में कई लोग इस बात को लेकर कंफ्यूज यानी असमंजस की स्थिति में है l
नहीं समझ पा रहे है की आखिर दीपावली कब है (Deepawali Kab Hai ) l चलियें जानते है आपके सवालों के सटीक जवाब l
- धनतेरस कब है (When Is Dhanteras)
- छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी (When Is Choti Diwali or Narka Chaturdashi)
- दिवाली कब है (When Is Diwali)
- नव वर्ष कब है (When Is New Year)
- गोवर्धन पूजा कब है (When Is GovardhanPuja)
- भाई दूज कब है (When Is BhaiDooj)
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जीहाँ दिवाली, धनतेरस से लेकर गोर्वधन पूजा, नव वर्ष, भाई दूज की तारीख और शुभ मुहूर्त जानिए यहां और बनाइए अपने फेस्टिवल को खास:
- धनतेरस कब है (When Is Dhanteras)
इस साल धनतेरस 10 नवंबर, 2023 दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा l
धनतेरस के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त 6 बजकर 20 मिनट से लेकर 8 बजकर 19 मिनट तक रहेगा l
धनतेरस की शॉपिंग का शुभ मुहूर्त – वहीं, शॉपिंग का शुभ मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 35 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 35 मिनट तक रहेगा l
आपको बता दें कि इस दिन सोना, चांदी, गाड़ी और प्रॉपर्टी खरीदना अच्छा माना जाता है l
- छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी (When Is Choti Diwali or Narka Chaturdashi)
नरका चतुर्दशी या फिर छोटी दिवाली 11 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 57 मिनट से 12 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 43 मिनट तक रहेगी l
इस दिन लोग काली मां, हनुमान जी और यमदेव की पूजा करते हैं l
- दिवाली कब है (When Is Diwali) Diwali festival 2023 :
हिन्दू धर्म के सबसे बड़े त्योहारों में से एक दिवाली हर साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है l
दीपों का त्योहार दिवाली बड़े ही धूम-धाम के साथ पूरे देश में मनाया जाता है l इस दिन भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है l
आपको बता दें कि दिवाली का पर्व 5 दिन तक चलता है l धनतेरस से शुरूआत होती है, जो भाई दूज के साथ समाप्त होती है l
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इस साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि की शुरूआत 12 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 43 मिनट से होगी, जो अगले दिन यानी 13 नवंबर को 2 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगा l
ऐसे में दिवाली 12 नवंबर 2023 को मनाई जाएगी l
12 या 13 दिवाली 2023 में कब ? (12 or 13 Diwali 2023 Exact Date)
इस साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि 12 नवंबर 2023 को दोपहर दोपहर 02 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी
और कार्तिक अमावस्या तिथि 13 नवंबर 2023 को दोपहर 02 बजकर 56 मिनट पर समाप्त होगी.
हिंदू धर्म में उदयातिथि को ध्यान में रखते हुए त्योहार मनाया जाता है,
लेकिन दिवाली में लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल में की जाती है इसलिए इस बार दिवाली 12 नवंबर 2023 को मनाई जाएगीl
दिवाली 2023 लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त (Diwali 2023 Laxmi Puja Muhurat)
- लक्ष्मी पूजा (प्रदोष काल समय) – शाम 05.39 – रात 07.35 (12 नवंबर 2023)
- वृषभ काल – शाम 05:39 – रात 07:35
- लक्ष्मी पूजा (निशिता काल समय) – 12 नवंबर 2023, रात 11:39- 13 नवंबर 2023, प्रात: 12:32
- सिंह लग्न – प्रात: 12:10 – प्रात: 02:27 (13 नवंबर 2023)
दिवाली पूजा का शुभ मुहू्र्त (Diwali puja shubh muhurat 2023) – दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त 5 बजकर 40 मिनट से लेकर 7 बजकर 36 मिनट तक रहेगा. इस दौरान आप गणेश और लक्ष्मी पूजन कर सकते हैं l
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- गोवर्धन पूजा कब है (When Is GovardhanPuja)
गोवर्धन पूजा – इस साल गोवर्धन पूजा 14 नवंबर को होगी. पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 15 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 36 मिनट तक रहेगा l
- भाई दूज कब है (When Is BhaiDooj)
भाई दूज – वहीं, अंत में आता है भाई दूज, यह 15 नवंबर को मनाया जाएगा l
इसका शुभ मुहूर्त 14 नवंबर को ही शुरू हो जाएगा दोपहर 2 बजकर 36 मिनट से जो 15 को दोपहर 1 बजकर 47 मिनट तक रहेगा l
दिवाली 2023 कैलेंडर (Diwali Calendar 2023)
- धनतेरस – 10 नवंबर 2023
- नरक चतुर्दशी – 12 नवंबर 2023
- दिवाली – 12 नवंबर 2023
- गोवर्धन पूजा – 14 नवंबर 2023
- भाई दूज – 15 नवंबर 2023
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अब जान लेते है दिवाली का महत्व (Diwali Significance) क्या है l क्यों हिन्दू धर्म में इसे सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है
मार्कंडेय पुराण के अनुसार जब धरती पर सिर्फ अंधेरा था तब एक तेज प्रकाश के साथ कमल पर बैठी देवी प्रकट हुईं, वो लक्ष्मी थीं l
उनके प्रकाश से ही संसार बना इसलिए इस दिन लक्ष्मी पूजा की परंपरा हैं l
दिवाली की रात लक्ष्मी पूजन करने से धन की कभी कमी नहीं होती l दिवाली के दीप जीवन में सकारात्मकता लाते हैं
अंधकार रूप समस्या पर प्रकाश डालकर उसका नाश करते हैं l
वहीं, कार्तिक माह की अमावस्या श्रीराम के अयोध्या लौटने के स्वागत में दीपावली मनाने की परंपरा है l
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है l समयधारा इसकी पुष्टि नहीं करता है।