International women’s day 2022: 8 मार्च को क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस? क्या है इसका इतिहास? women’s day 2022 की क्या है थीम?
अपने हर रूप,हर काम को एक महिला पूरी शिद्दत और ईमानदारी के साथ निभाती है। महिलाओं के इसी हिम्मत,हौंसले को सलाम करने की एवज में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस(International Women's Day)मनाया जाता है।
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महिलाओं(women)के विषय में कहा जाता है कि वह सबकुछ कर सकती है। अगर किसी घर में एक लड़की पढ़ गई तो समझों पूरी पीढ़ी पढ़ गई।
एक औरत हर रूप,हर काम को जितनी परफेक्शन के साथ कर सकती है,उतना कोई नहीं,फिर चाहे वो गृहिणी हो,मां,बहन,बेटी हो या फिर बिजनेस वुमन,अध्यापिका,डॉक्टर,पुलिस और इंजीनियर।
अपने हर रूप,हर काम को एक महिला पूरी शिद्दत और ईमानदारी के साथ निभाती है। महिलाओं के इसी हिम्मत,हौंसले को सलाम करने की एवज में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस(International Women’s Day)मनाया जाता है।
इस खास दिन पर इंटरनेशनल लेवल पर महिलाओं के संघर्ष,उनकी सफलता,सशक्तिकरण,दृढ़ता और उपलब्धियों को नमन करके उनका सेलिब्रेशन किया जाता है।
इस दिन न केवल महिलाओं के साथ होने वाले अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के जज़्बे को सलाम किया जाता है बल्कि उनके सशक्तिकरण पर पूरा जोर दिया जाता है।
हर साल की तरह इस वर्ष भी अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022(International Women’s Day 2022,8 March), 8 मार्च 2022,मंगलवार को मनाया जाएगा।
प्रतिवर्ष 8 मार्च को ही इंटरनेशनल वुमन डे मनाया जाता है। लेकिन अगर आप जानना चाहते है कि 8 मार्च को ही क्यों अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनया जाता(why-celebrate-women’s-day)है, तो इसके पीछे एक दिलचस्प इतिहास है। चलिए बताते है आपको।
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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास | International women’s day history
सदियों से विश्वभर में महिला और पुरुषों के बीच अवसरों,पालन-पोषण और अधिकारों को लेकर भेदभाव रहा है।उनके पास पुरुषों जितने संसाधन कभी नहीं थे।काम भले ही उन्हें ज्यादा करना पड़ता था। लेकिन उसकी एवज में भुगतान बहुत निम्न मिलता था। इतना ही नहीं,मतदान करने जैसे अधिकार भी महिलाओं को प्राप्त नहीं थे।
वर्ष 1908 में इसी भेदभाव और उत्पीड़न पर महिलाओं में वाद-विवाद होने लगा और आखिर इसपर आवाज उठाते हुए तकरीबन 15,000 महिलाओं ने न्यू यॉर्क की सड़कों पर रैली निकाली थी. 1910 पर इसपर कोपेनहेगन में कामकाजी महिलाओं को लेकर कोन्फ्रेंस हुई थी।
फिर वर्ष 1911 में जर्मनी की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी की लीडर क्लारा जेटकिन ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का प्रस्ताव रखा और 19 मार्च के दिन इसे मनाया।
वहीं, 1913-1914 में 23 फरवरी के दिन रूस (Russia) में पहला महिला दिवस मनाया गया और आगे चलकर वैश्विक स्तर पर इसे8 मार्च मनाया जाना घोषित कर दिया। यूनाइटेड नेशंस में महिला दिवस मनाने की शुरुआत 1975 में हुई थी।
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अंतर्राष्ट्रीय माहिला दिवस 2022 की थीम | International Women’s Day 2022 Theme
अंतर्राष्ट्रीय माहिला दिवस का महत्व | International Women’s Day Importance/Significance
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस सिर्फ इसलिए नहीं मनाया जाता क्योंकि इसे कैलेंडर में दिखाना है बल्कि इसलिए मनाया जाता है क्योंकि आज भी ऐसी अनेक महिलाएं हैं जो उत्पीड़न का शिकार होती हैं, शिक्षा से वंचित हैं, भ्रूण हत्या के लिए मजबूर होती हैं, जिनके पास काम के साधन नहीं हैं या भुखमरी में जी रही हैं।
इनके लिए आवाज उठाना और इस भेदभाव को कम करना आवश्यक है, इसीलिए आज भी इस दिन का उतना ही महत्व है जितना सालों पहले था।
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